देश में बड़े-बड़े लिफाफे बांटे जा रहे पर अंदर कुछ नहीं: प्रियंका

पीएम मोदी पर साधा निशाना, कहा- प्रधानमंत्री सिर्फ जुमलेबाजी करते हैं

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
दौसा। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने दौसा की जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक के बाद एक कई तीखे हमले किए। ईआरसीपी पर प्रधानमंत्री पर अपने वादे से मुकरने के आरोप लगाने के बाद प्रियंका ने कहा कि प्रधानमंत्री सिर्फ जुमलेबाजी करते हैं। उन्होंने कहा कि मैंने टीवी पर देखा, पता नहीं सच है या नहीं प्रधानमंत्री यहां देव नारायण मंदिर आए थे, जब उनका लिफाफा खोला तो 21 रुपये निकले। देश में यही हो रहा है।
आपको बड़े-बड़े लिफाफे दिए जा रहे हैं, जब आप उसको खोलते हैं तो उसमें कुछ नहीं निकलता है। विधानसभा चुनावों में भाजपा बिना चेहरे के लड़ रही है। प्रियंका गांधी ने इसे मुद्दा बनाते हुए पूछा, प्रधानमंत्री जब यहां आते हैं तो कहते हैं कि मेरे नाम पर वोट डालें तो क्या वे पीएम पद से इस्तीफा देकर यहां सीएम बनेंगे। क्या उन्हें यहां कोई चेहरा नहीं मिल रहा। भाजपा की सरकार यहां वापस आएगी तो पुरानी पेंशन खत्म, सोचिए गैस सिलेंडर का क्या होगा, क्या आपको 25 लाख का मुफ्त इलाज मिलेगा या नहीं।

दुष्कर्म पीडि़ताओं से मिलने का समय तक नहीं : राठौड़

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के राजस्थान दौरे को लेकर भाजपा के राष्टï्रीय प्रवक्ता राज्यवर्धन राठौड़ ने तीखे हमले किए। जयपुर ग्रामीण सांसद और झोटवाड़ा से भाजपा उम्मीदवार राज्यवर्धन राठौड़ ने निशाना साधते हुए कहा कि वे रणथंभौर के प्रताडि़त शेरों से तो मिलने जा सकती हैं, लेकिन राजस्थान की दुष्कर्म पीडि़ताओं से मिलने पांच साल में एक बार भी नहीं गईं। ये प्रियंका गांधी के उन बड़े-बड़े बयानों की हकीकत बयां करती हैं, जो उन्होंने देशभर की पीडि़त महिलाओं के बारे में दिए हैं। राज्यवर्धन राठौड़ ने न सिर्फ प्रियंका गांधी के दौरे पर बल्कि कांग्रेस और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी जमकर निशाना साधा। राठौड़ ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस हार मान चुकी है। चाहे गहलोत साहब हों या उनकी सीनियर लीडरशिप। कांग्रेस सरकार ने राजस्थान में काम ही नहीं किया है। वहीं, कांग्रेस पर हमला बोलते हुए राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस सरकार बड़े-बड़े दावे और घोषणाएं तो करती है, लेकिन सब खोखली होती हैं। प्रदेश में कांग्रेस के पांव उखड़ चुके हैं। गहलोत साहब बिल्कुल सही कह रहे हैं कि कुर्सी उन्हें छोड़ नहीं रहीं। अब प्रदेश की जनता उनसे कुर्सी छुड़वाने के लिए आ रही है।

गहलोत व पायलट को सराहा

कांग्रेस पिछले विधानसभा चुनावों वाली रणनीति पर ही आगे बढ़ती नजर आ रही है। प्रियंका गांधी ने अपने भाषण में सीएम अशोक गहलोत की तमाम योजनाओं का जिक्र कर उनकी जमकर तारीफ की। लेकिन साथ में सचिन पायलट को भी साधने का काम किया। उन्होंने कहा कि भाजपा में सब नेता खुद को मुख्यमंत्री घोषित कर रहे हैं। आज पूरी भाजपा बिखरी हुई है। यहां पूरी पार्टी एक जुट होकर मंच पर बैठी है। प्रियंका बोलीं, एक तरफ गहलोत जी का अनुभव है, दूसरी तरफ सचिन पायलट जैसे युवा नेता जो आपके भविष्य की तरफ देखते हुए आपके लिए मेहनत करते हैं।

संजय सिंह की गिरफ्तारी के विरोध में आप ने किया प्रदर्शन

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। आप सांसद संजय सिंह की गिरफ्तारी को अवैध बताकर आम आदमी पार्टी ने शनिवार को जिलाध्यक्ष शेखर दीक्षित के नेतृत्व में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों की पुलिस से नोकझोंक भी हुई जिसके बाद पुलिस ने बस में भरकर रमाबाई अम्बेडकर मैदान धरना स्थल पर भेजा।

वाहन ने कार को मारी टक्कर, पांच की मौत

यमुना एक्सप्रेसवे पर दर्दनाक हादसा, दिल्ली से झारखंड के लिए कार से जा रहे थे लोग

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
ग्रेटर नोएडा। उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर जिले में यमुना एक्सप्रेसवे पर बड़ा सडक़ हादसा हुआ है। हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई है जबकि तीन लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है। तीनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार, ग्रेटर नोएडा के रबूपुरा थाना इलाके में यमुना एक्सप्रेसवे पर ग्रेटर नोएडा से आगरा की तरफ जाते समय शुक्रवार देर रात करीब एक बजे अज्ञात वाहन ने एक कार को टक्कर मार दी। दर्दनाक हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन बच्चों की हालत गंभीर बनी हुई है। बताया गया है कि, हादसे का शिकार होने वाला परिवार दिल्ली में रहता है। पीडि़त लोग झारखंड के रहने वाले हैं। कार सवार शनिवार सुबह यमुना एक्सप्रेसवे के रास्ते दिल्ली से झारखंड के लिए इको कार से जा रहे थे। जीरो पॉइंट से 25 किलोमीटर पर अज्ञात वाहन ने कार को टक्कर मार दी। हादसे में गंभीर रूप से घायल सभी आठ लोगों को जेवर के कैलाश अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां पांच लोगों को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। तीन लोगों को हालत गंभीर बनी हुई है। तीनों को आईसीयू में भर्ती कराया गया है। मृतकों में उपेंद्र बैठा पुत्र रामप्रीत बैठा (38) निवासी जेजे कॉलोनी फेस- 3 मदनपुर खादर थाना कालिंदी कुंज साउथ दिल्ली, बिजेंद्र बैठा पुत्र रामप्रीत बैठा (36) निवासी जेजे कॉलोनी फेस- 3 मदनपुर खादर थाना कालिंदी कुंज साउथ दिल्ली, कांति देवी पत्नी बिजेंद्र बैठा (30), निवासी जेजे कॉलोनी फेस- 3 मदनपुर खादर थाना कालिंदी कुंज साउथ दिल्ली, ज्योती पुत्री बिजेंद्र बैठा (12), निवासी जेजे कॉलोनी फेस- 3 मदनपुर खादर थाना कालिंदी कुंज साउथ दिल्ली, सुरेश पुत्र श्रीकांत कामत बैठा (45) निवासी जेजे कॉलोनी क्च2 मदनपुर खादर थाना कालिंदी कुंज साउथ दिल्ली शामिल हैं।

धरना

हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर पुरानी पेंशन बहाली को लेकर संयुक्त मंच ने किया प्रदर्शन।

बालगृहों की हालत पर योगी सरकार को फटकार

अदालत की तल्ख टिप्पणी- जेलों से भी बदतर, पौष्टिक भोजन ही नहीं, ताजी हवा और रोशनी की भी दरकार

हाईकोर्ट ने कहा- प्रमुख सचिव करें अवलोकन
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बालगृहों की स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए योगी सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट वहां हालात तुरंत सुधारने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने कहा है कि यूपी के बाल गृहों में रह रहे बच्चों को पौष्टिक आहार ही नहीं, बल्कि उन्हें सूरज की रोशनी, ताजी हवा की भी दरकार है। यहां की स्थिति जेलों से भी बदतर है। यह मौलिक अधिकारों का हनन है। कोर्ट ने कमियों को तुरंत दूर करने के लिए निर्देश दिया है।
कोर्ट ने कहा है कि मामले की अगली सुनवाई पर महिला एवं बाल विकास विभाग यूपी के प्रमुख सचिव अवलोकन कर बच्चों की संख्या, बालगृहों की संख्या बताएं। साथ ही सुधार के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी व्यक्तिगत हलफनामा पर प्रस्तुत करें। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति अजय भनोट की खंडपीठ ने दिया है। कोर्ट ने सुधार के लिए कुल नौ बिंदुओं पर सुझाव दिए हैं। कहा है कि इनपर तुरंत अमल किया जाए। कोर्ट ने आदेश में बालगृहों का निरीक्षण करने वाले न्यायमूर्ति अजय भनोट का नाम भी दर्ज किया है। कोर्ट ने कहा है कि न्यायमूर्ति के निरीक्षण में कई कर्मियों का पता चला। इस उदासीनता को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। कोर्ट कहा कि जब तक बालगृहों के लिए एक मानक नहीं बनाया जाता तब तक इनको ऐसी जगह स्थानांतरित किया जाए, जहां खेल के मैदान समेत बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हों।

अप्रशिक्षित हैं कर्मचारी, बच्चों पर पड़ रहा मानसिक प्रभाव

कोर्ट ने कहा कि बालगृहों में तैनात पर्यवेक्षक या कर्मचारी प्रशिक्षित नहीं हैं। इससे बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। बच्चों के खाद्य पदार्थ सहित अन्य आवश्यकताओं के लिए कई वर्षों से बजट आवंटन में संशोधन नहीं किया गया है। इसका भी बच्चों के विकास पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि बालगृहों में शैक्षिक सुविधाएं बढ़ाई जाएं। व्यावसायिक प्रशिक्षण देने की भी व्यवस्था की जाए। बच्चों को आसपास के स्कूलों में दाखिला कराया जाए।

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