Etawah बवाल में BJP कनेक्शन? गगन यादव की BJP नेताओं के साथ फोटो वायरल

इटावा बवाल के पीछे BJP कनेक्शन? गगन यादव की BJP नेताओं संग फोटो वायरल... सियासत में मचा घमासान...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः इटावा में गुरुवार, 26 जून को दांदरपुर गांव में जमकर बवाल मचा….. दांदरपुर वही गांव है जहां मुकुट मणि यादव…… और संत सिंह यादव नामक कथावाचकों संग बदसलूकी हुई थी…… कहानी में ट्विस्ट तब सामने आया जब दोनों कथावाचकों पर ही पुलिस ने छेड़खानी के आरोप में केस दर्ज कर लिया…… गगन यादव नामक शख्स के कहने पर दांदरपुर गांव की तरफ भीड़ ने कूच किया…… पुलिस ने भीड़ को बाहर ही रोकने की कोशिश की…… इस दौरान पुलिस और भीड़ के बीच हुआ…… भीड़ में मौजूद उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव किया…… बचाव में पुलिस ने हवाई फायरिंग की…… बवाल का वीडियो भी सामने आया है…… इस बीच लोग जानना चाहते हैं कि गगन यादव आखिर कौन शख्स है…… जिसके कहने पर भीड़ दांदरपुर गांव पहुंची…..

इटावा जिले में हाल ही में एक घटना ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है…… यह मामला एक कथावाचक के साथ हुई बदसलूकी से शुरू हुआ……. जो अब जातीय तनाव, हिंसक प्रदर्शन….. और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तक पहुंच गया है……. वहीं इस घटना ने समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच तीखी बयानबाजी को जन्म दिया है…… खास तौर पर युवा नेता गगन यादव की गिरफ्तारी…… और उनके कथित तौर पर भाजपा नेताओं के साथ तस्वीरें वायरल होने ने इस मामले को और जटिल बना दिया है……. कुछ लोग इसे भाजपा की साजिश बता रहे हैं…… तो कुछ इसे सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों का परिणाम मान रहे हैं……

आपको बता दें कि यह पूरा मामला 21 जून 2025 को इटावा जिले के बकेवर थाना क्षेत्र के दादरपुर गांव से शुरू हुआ……. यहां जय प्रकाश तिवारी के घर एक भागवत कथा का आयोजन हो रहा था……. इस कथा में दो कथावाचक, मुकुट मणि यादव और उनके सहायक संत सिंह यादव भाग ले रहे थे…… बताया जाता है कि कथा के दौरान कुछ लोगों ने कथावाचकों की जाति पर सवाल उठाए……. आरोप है कि कुछ स्थानीय लोगों ने उनके आधार कार्ड की जांच की…… और उन पर गलत जाति बताकर कथा करने का आरोप लगाया…..

वहीं मामला तब और गंभीर हो गया जब कथावाचकों के साथ कथित तौर पर मारपीट की गई…… उनके बाल काटे गए…… चोटी काटी गई और कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार उन पर मानव मूत्र डालकर अपमानित किया गया……. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया……. जिसने पूरे क्षेत्र में तनाव पैदा कर दिया……. खास तौर पर यादव समुदाय में इस घटना को लेकर गुस्सा भड़क गया…… क्योंकि कथावाचक यादव समाज से थे…… वहीं पुलिस ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया…… और उन्हें जेल भेज दिया…… लेकिन यह घटना यहीं नहीं रुकी……. इसने एक बड़े सामाजिक और राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया……

बता दें कि कथावाचकों के साथ हुई बदसलूकी के विरोध में 26 जून 2025 को यादव समाज……. और ‘अहीर रेजिमेंट’ से जुड़े करीब 2,000 लोगों ने दादरपुर गांव….. और बकेवर थाने के आसपास प्रदर्शन किया…… प्रदर्शनकारियों ने आगरा-कानपुर नेशनल हाईवे जाम कर दिया….. और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की……. स्थिति तब और बिगड़ गई जब भीड़ ने पुलिस की गाड़ी पर पथराव शुरू कर दिया……. जिससे गाड़ी का शीशा टूट गया…… पुलिस ने हालात को नियंत्रित करने के लिए हवाई फायरिंग और लाठीचार्ज का सहारा लिया……

जानकारी के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने गगन यादव नाम के एक युवा नेता की रिहाई की मांग की…… जिन्हें पुलिस ने इस घटना के सिलसिले में हिरासत में लिया था……. गगन यादव की गिरफ्तारी ने इस मामले को और भड़का दिया…… प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि पुलिस ने गलत तरीके से निर्दोष लोगों को निशाना बनाया…… और कथावाचकों के खिलाफ फर्जी आधार कार्ड का मामला दर्ज करके उन्हें बदनाम करने की कोशिश की……

वहीं इस पूरे मामले में सबसे ज्यादा चर्चा तब शुरू हुई जब गगन यादव की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं…….. जिसमें वे कथित तौर पर भाजपा नेताओं के साथ नजर आए……. कुछ लोगों ने दावा किया कि गगन यादव भाजपा से जुड़े हैं……. और इस घटना को अंजाम देने में उनकी भूमिका थी……. सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने इसे भाजपा की साजिश करार दिया…… जिसमें यादव समाज को बदनाम करने और जातीय तनाव भड़काने की कोशिश की गई……

वहीं एक यूजर ने X पर लिखा कि गगन यादव भाजपा का एजेंट है और उसे इस मामले में जानबूझकर शामिल किया गया ताकि सामाजिक सौहार्द बिगड़े……… एक अन्य पोस्ट में दावा किया गया कि गगन यादव ने मैनपुरी में समाजवादी पार्टी के नेताओं के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया था……. जिससे उनकी भाजपा से नजदीकी साबित होती है…… हालांकि, इन दावों की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है…… गगन यादव की तस्वीरों के वायरल होने से सियासत और गरमा गई…… समाजवादी पार्टी के नेताओं ने इसे भाजपा की चाल बताया……

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मामले में योगी सरकार…… और भाजपा पर जमकर निशाना साधा….. और उन्होंने X पर लिखा कि भाजपा “घुसपैठिया राजनीति” कर रही है…… और बाहरी राज्यों से “प्लांटेड लोगों” को लाकर यादव उपनाम का दुरुपयोग कर रही है…… अखिलेश ने इसे पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) समुदाय की आवाज दबाने की कोशिश बताया…… वहीं अखिलेश ने यह भी कहा कि इस तरह की घटनाएं भाजपा की साजिश का हिस्सा हैं……. जिसका मकसद जातीय तनाव पैदा करना और सामाजिक एकता को तोड़ना है…… और उन्होंने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव का नाम लेते हुए कहा कि भाजपा यादव समाज को बदनाम करने की कोशिश कर रही है……

हालांकि, समाजवादी पार्टी ने यह भी स्पष्ट किया कि दादरपुर गांव में हुए प्रदर्शन और हिंसा से उनका कोई लेना-देना नहीं है……. पार्टी के जिला अध्यक्ष प्रदीप शाक्य बबलू और प्रदेश सचिव गोपाल यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह प्रदर्शन उनकी पार्टी के बैनर तले नहीं हुआ था…… और न ही उन्होंने इसका कोई आह्वान किया था…… और उन्होंने पुलिस प्रशासन पर ढिलाई और असंवेदनशीलता का आरोप लगाते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की……

वहीं इस मामले में एक और मोड़ तब आया जब पुलिस ने कथावाचकों, मुकुट मणि यादव और संत सिंह यादव, के खिलाफ फर्जी आधार कार्ड बनाने…… और जाति छुपाकर कथा करने का मुकदमा दर्ज किया……. पुलिस के अनुसार मुकुट मणि यादव के पास दो आधार कार्ड मिले…….. जिनमें अलग-अलग नाम दर्ज थे…… इस आधार पर पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया……. वहीं इस कार्रवाई ने यादव समुदाय में और गुस्सा पैदा किया……. प्रदर्शनकारियों का कहना था कि कथावाचकों को बदनाम करने के लिए यह मामला दर्ज किया गया…….. दूसरी ओर, ब्राह्मण महासभा ने दावा किया कि कथावाचकों ने अपनी असली जाति छुपाई थी……. जिसके कारण यह विवाद शुरू हुआ……

वहीं इस पूरे मामले में सोशल मीडिया ने आग में घी डालने का काम किया है…… कथावाचकों के साथ बदसलूकी का वीडियो वायरल होने के बाद लोगों में गुस्सा भड़का…… इसके बाद गगन यादव की तस्वीरें और उनके कथित भाजपा कनेक्शन की खबरों ने सियासी माहौल को और गर्म कर दिया…… सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने इस मामले को साजिश बताते हुए भाजपा पर निशाना साधा……. जबकि कुछ ने इसे सामाजिक तनाव का परिणाम बताया…..

आपको बता दें कि इटावा का यह बवाल एक छोटी सी घटना से शुरू होकर अब सियासी….. और सामाजिक तनाव का बड़ा मुद्दा बन गया है…… कथावाचकों के साथ हुई बदसलूकी, गगन यादव की गिरफ्तारी…… और उनके कथित भाजपा कनेक्शन ने इस मामले को और गंभीर बना दिया है….. समाजवादी पार्टी इसे पीडीए समुदाय के अपमान के तौर पर पेश कर रही है…… जबकि भाजपा इसे कानून-व्यवस्था का मसला बता रही है……

 

Related Articles

Back to top button