कांग्रेस के घोषणापत्र से घबराई BJP, सता रहा हार का डर

मुंबई। लोकसभा चुनावों को लेकर पूरे देश में सियासत गरमाई हुई है। बड़े-बड़े ऑफिसों से लेकर चाय की नुक्कड़ तक पर सिर्फ राजनीति और सियासत की ही चर्चाएं हो रही हैं। इस समय में देश में हर दिन एक सरकार बन रही है और गिर रही है। क्योंकि हर कोई अपने-अपने कयास लगा रहा है और अपने-अपने सियासी समीकरण साध रहा है। तो वहीं राजनीतिक दलों द्वारा भी अपनी-अपनी जीत के दावे किए जा रहे हैं और जनता को लुभाने के लिए तरह-तरह के वादे भी किए जा रहे हैं। इस बीच देश में दूसरे सबसे ज्यादा लोकसभा सीटों वाले राज्य महाराष्ट्र में भी सियासत गरमाई हुई है और सियासी तापमान गरमाया हुआ है।

पहले चरण में प्रदेश की 5 लोकसभा सीटों पर मतदान हुआ था. जबकि दूसरे चरण में फिर राज्य में वोट पड़ने हैं। ऐसे नेताओं द्वारा सियासी बयानवाजी और एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर लगातार जारी है। प्रदेश के बड़े-बड़े नेता एक-दूसरे पर लगातार आरोप लगा रहे हैं और सियासी हमले बोल रहे हैं। कांग्रेस-भाजपा से लेकर शिवसेना के दोनों गुट और एनसीपी के दोनों गुट भी एक-दूसरे पर लगातार हमलावर हैं।

इसी क्रम में महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा और इंडिया गठबंधन की बड़ी जीत का भी दावा किया। कांग्रेस के सीनियर लीडर पृथ्वीराज चव्हाण ने ये साफ दावा किया कि चुनाव में विपक्षी के वोट नहीं बंटेंगे। क्योंकि पार्टियां इंडिया गठबंधन के तहत मिलकर चुनाव लड़ रही हैं। चव्हाण ने कहा कि बीजेपी की मूल ताकत लगभग 30 प्रतिशत वोट शेयर है। क्योंकि अतीत में 60 से 70 प्रतिशत लोगों ने बीजेपी के खिलाफ वोट किया था। वहीं पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि हम उन सभी को एक साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं। ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि चुनाव (लोगों से संबंधित) मुद्दों पर लड़ा जाए. वहीं जब कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण से पूछा गया कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन कैसा रहेगा।

तो सीनियर कांग्रेसी नेता ने कहा कि इस बार इंडिया गठबंधन के कारण बीजेपी विरोधी वोट बंटेंगे नहीं। इंडिया गठबंधन के चुनाव जीतने की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि कांग्रेस ने आने के बाद अपने वादे पूरे किए हैं। कर्नाटक और तेलंगाना में भी अपने वादे पूरे किए हैं। ऐसे में कांग्रेस देश की सत्ता में आने पर भी अपने वादों से पीछे नहीं हटेगी। वहीं इस दौरान सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कांग्रेसी नेता ने भाजपा के चुनावी वादों को जुमला करार दिया। कांग्रेस लीडर पृथ्वीराज चव्हाण ने ये दावा किया कि कांग्रेस का घोषणापत्र कई विद्वान लोगों से परामर्श करने के बाद तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि हमने कई विद्वान लोगों से सलाह-मशविरा करने के बाद अपना घोषणापत्र तैयार किया है। ये पीएम मोदी का जुमला नहीं है। वहीं उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले कहा था कि वह सत्ता में आने के 100 दिनों के भीतर काला धन वापस लाएंगे।

उस वादे का क्या हुआ? क्या वे अब कुछ लोगों को बचाने की कोशिश कर रहा है या उनके साथ समझौता कर रहे है? कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी धार्मिक आधार पर मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें एहसास हो गया है कि बीजेपी की हार करीब है। कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि क्या मोदी हमें बता सकते हैं कि कांग्रेस शासन में हनुमान चालीसा बजाने पर कब प्रतिबंध था? वह अब दिशाहीन हो गए हैं और बकवास कर रहे हैं। चूंकि उन्हें एहसास हो गया है कि भाजपा चुनाव हार रही है। इसलिए वे अब धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसी टिप्पणी उन्हें शोभा नहीं देती. चव्हाण ने कहा कि जब वह कहते हैं कि वे आपका ‘मंगलसूत्र’ छीन लेंगे तो मेरा सिर शर्म से झुक जाता है।

जाहिर है कि कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण पीएम मोदी के उस भाषण की बात कर रहे थे जिसमें उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए हनुमान चालीसा और रामनवमी का जिक्र किया था।

फिलहाल ये तो साफ है कि देश में पहले चरण के मतदान के बाद भाजपा की बोली काफी बदल गई है और अब पीएम खुद सीधे हिंदू-मुसलमान की राजनीति पर उतर आए हैं। और खुलेआम सार्वजनिक मंच से देश में हिंदू-मुसलमान की राजनीति करने की कोशिश कर रहे हैं। दरअसल, अबकी बार 400 पार की उम्मीदों को लेकर आगे बढ़ रही बीजेपी के लिए लोकसभा चुनाव के पहले चरण के बाद से ही खबरें अच्छी नहीं आ रही हैं। क्योंकि पहले चरण के मतदान के बाद से बीजेपी के हारने की संभावनाएं व चर्चाएं काफी तेज हो गई हैं। यही वजह है कि अब भाजपा और पीएम मोदी अपनी हालत को खराब देखकर अपने एक सूत्री कार्यक्रम हिंदू-मुसलमान पर उतर आए हैं।

एक दिन पहले ही राजस्थान के सवाई माधोपुर में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने जिस तरह के भाषण दिया, उससे ये साफ होता है कि चुनावों में अपनी पतली हालत को देखकर पीएम मोदी देश में हिंदू-मुसलमान की राजनीति पर उतर आए हैं। क्योंकि भाजपा व मोदी ये जानते हैं कि खस्ताहालत में हिंदू-मुसलमान करके ही चुनाव को डायवर्ट किया जा सकता है। क्य़ोंकि जिस तरह से खुद पीएम मोदी ने चुनावी जनसभा में कांग्रेस पर हमला बोलते हुए अपने भाषण को हिंदू-मुसलमान पर आधारित कर दिया उससे भाजपा की आगे की रणनीति और तुष्टिकरण की राजनीति की साफ झलक दिख गई। यही वजह है कि भाजपा अभी तक संविधान के पीछे पड़ी थी और संविधान में अपने मन मुताबिक बदलाव करना चाह रही है।

लेकिन अब कांग्रेस के आरक्षण व जाति जनगणना के मुद्दे को समर्थन मिलता देख, पीएम मोदी को आरक्षण से भी डर सताने लगा है। पीएम मोदी का आज का भाषण ये साफ जाहिर करता है कि एक ही चरण के मतदान के बाद बीजेपी को ये एहसास हो गया है कि आगे की डगर बहुत कठिन है। और 400 पार तो दूर सत्ता में वापसी तक की उम्मीदें काफी कम दिखाई पड़ रही हैं। फिलहाल अब देखना ये है कि क्या वाकई में संविधान बदलाव का ये तानाशाही कदम बीजेपी की नैय्या डुबो देगा? या बिगड़ी हालत में हिंदू-मुसलमान के तुष्टिकरण की राजनीति बीजेपी के लिए संजीवनी का काम करेगी।

वहीं महाराष्ट्र में कांग्रेस-भाजपा के अलावा दोनों टूट वाली क्षेत्रीय पार्टियों शिवसेना और एनसीपी में भी आपस में तकरार देखने को मिल रही है। शिवसेना और एनसीपी के दोनों ही गुट एक-दूसरे पर हमला बोल रहे हैं और सियासी बयानवाजी कर रहे हैं। इस बीच महाराष्ट्र के सीएम और शिवसेना में टूट के सूत्रधार एकनाथ शिंदे ने शिवसेना (यूबीटी) के मुखिया और प्रदेश के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे पर जमकर निशाना साधते हुए उन्हें एक चेतावनी भी दे डाली। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के कई छिपे रहस्य को बाहर निकालने की तरफ इशारा करते हुए कहा कि अगर मै बोलूंगा तो मुंह दिखाने के लिए भी नहीं बचोगे।

लंदन से लेकर लखनऊ तक, खोका से कंटेनर तक सब बातें समय आने पर बताऊंगा। शिंदे ने कहा कि मेरा मुंह मत खुलवाओ, पानी सिर के उपर जाएगा तो कागजात के साथ पोल खोलूंगा। सीएम शिंदे ने सिर्फ उद्धव पर ही नहीं बल्कि उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे पर भी निशाना साधा। आदित्य पर हमला बोलते हुए सीएम शिंदे ने कहा कि आदित्य ठाकरे पहले अपनी उम्र देखें फिर बात करें। शिंदे ने कहा कि बालासाहेब के विचार को गंवा दिया है। उनको बात करने का कोई हक नहीं है। इतना ही नहीं शिंदे ने ये भी कहा कि ठाकरे सरकार के समय कई बीजेपी नेताओं को जेल में डालने वाले थे। देवेद्र फडणवीस को भी जेल में डालने का प्लान हुआ था। सीएम शिंदे ने आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे ने जेल में डालकर बीजेपी को तोड़ने का प्लान बनाया था। शिंदे ने कहा कि मुझपर किसी का दबाव नहीं था। मैंने पार्टी बचाने के लिए सबकुछ किया है।

वहीं इस दौरान सीएम एकनाथ शिंदे ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा। कांग्रेस पर हमला बोलते हुए सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि कांग्रेस ने मुसलमानों को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया। लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार ने समाज के सभी वर्गों के लिए काम किया है। शिंदे ने कहा कि उनकी सरकार ने मौलाना आजाद अल्पसंख्यक वित्तीय विकास निगम के लिए आवंटित धनराशि को 30 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये कर दिया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने सभी धर्मों के लोगों को मुख्यधारा में लाने के लिए कई योजनाएं लागू कीं। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि कांग्रेस ने मुस्लिम समुदाय को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया, लेकिन मोदी सरकार ने 25 करोड़ लोगों का उत्थान किया।

शिंदे ने कहा कि कांग्रेस ने गरीबी हटाओ का नारा दिया, लेकिन इसके बजाय गरीब ही हटा दिए गए। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन भी उपलब्ध कराया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सभी समुदायों के साथ न्याय कर रही है। इससे पहले, (शिवसेना संस्थापक) बाल ठाकरे के समय में, हमारे पास राज्य मंत्री के रूप में साबिर शेख थे। शिंदे ने कहा कि अब हमारे पास अब्दुल सत्तार (कैबिनेट में) हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का दावा कि मोदी सरकार संविधान बदल देगी, केवल एक चुनावी जुमला था।

फिलहाल महाराष्ट्र में सियासत गरमाई हुई है। और सभी राजनीतिक दल एक-दूसरे पर हमलावर हैं। लेकिन वर्तमान परिस्थितियों को देखकर तो ये ही लग रहा है कि महाराष्ट्र में इस बार भाजपा समेत पूरे सत्ता पक्ष के गठबंधन महायुति की हालत काफी पतली नजर आ रही है। इसीलिए अब सीएम शिंदे से लेकर देश के प्रधानमंत्री मोदी तक की भाषा बदली नजर आ रही है और अब वो चुनाव को हिंदू-मुसलमान का रंग देकर तुष्टिकरण की राजनीति करने पर उतर आए हैं। फिलहाल अब देखना ये है कि इसका लाभ किसे और कितना मिलता है।

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