कुलदीप सिंह सेंगर के समर्थन में उतरे भाजपा नेता, बीजेपी हुई बेनकाब
बीजेपी एक तरफ जहां बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देती है। वहीं दूसरी तरफ उसी पार्टी के नेता बालात्कारियों का स्वागत करते हैं। हम बात कर रहे हैं बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर की।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: बीजेपी एक तरफ जहां बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देती है। वहीं दूसरी तरफ उसी पार्टी के नेता बालात्कारियों का स्वागत करते हैं। हम बात कर रहे हैं बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर की।
जो रेप के आरोप में जेल में थे उम्र कैद की सजा मिली थी उन्हें लेकिन कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है जिसपर एक तरफ जहां पीड़ित परिवार और विपक्ष इसपर नजारगी जाहिर कर रहा है, धरने पर है सरकार और न्याय व्यवस्था पर सवाल उठा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ NDA और भाजपा के नेता है जो न सिर्फ इस फैसले को सही बता रहे हैं बल्कि कुलदीप सेंगर जैसे रेपिस्ट का स्वागत कर रहे हैं।
पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की जमानत को लेकर सियासी बयानबाज़ी तेज हो गई है. इसी बीच पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कुलदीप सेंगर के समर्थन में खुलकर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि कुलदीप सिंह सेंगर की जमानत हुई है, मैं उसका स्वागत करता हूं. सेंगर के साथ अन्याय हुआ था, उनके साथ खड़यंत्र हुआ था, जैसे मेरे साथ विश्व व्यापी खड़यंत्र हुआ था. पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने आगे कहा कि उनके खिलाफ भी खड़यंत्र रचा गया था, लेकिन जनता उनके साथ खड़ी हो गई और वे उससे बाहर निकल आए, जबकि सेंगर ऐसा नहीं कर पाए.
हालांकि कुलदीप सेंगर को लेकर दिए गए समर्थन में बृजभूषण शरण सिंह कोई पहले नेता नहीं हैं। बल्कि इससे पहले कई नेता कुलदीप सेंगर को मिली बेल के बाद लगातार उनका समर्थन और स्वागत करते हुए नजर आ रहे हैं. वहीं इस मामले में यूपी सरकार में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने बेहद चौंकाने वाला बयान दे चुके हैं. उन्होंने कहा, “न्यायपालिका ने अच्छा किया, न्याय मिला लेकिन देर से मिला, फैसले का स्वागत करते हैं.” जिसके बाद उनकी आलोचना अभी तक हो रही है.
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने यह प्रतिक्रिया कुलदीप सिंह सेंगर की जमानत पर पूछे गए सवाल पर दिया था, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें न्याय मिला लेकिन देर से मिला और आगे कोर्ट के फैसले को सही ठहराया. जबकि पीडिता ने कुलदीप सेंगर को जमानत दिए जाने पर दिल्ली में इंडिया गेट पर प्रदर्शन भी किया. विपक्षी नेताओं ने भी कुलदीप सेंगर को जमानत मिलने पर बीजेपी सरकार की आलोचना की है. ऐसे में बीजेपी नेता के इस बेतुके बयान पर सपा मुखिया अखिलेश यादव भी गहरा विरोध जता चुके हैं।
वहीं सेंगर का समर्थन जताते हुए ओमप्रकाश राजभर तो बेशर्मी की हद्द ही पार कर चुके हैं। यूपी सरकार में मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने विवादित बयान दिया। दरअसल ओपी राजभर से पत्रकार ने पूछा कि पुलिस रेप पीड़िता और उनके साथ वालों को इंडिया गेट से उठा ले गई. इस पर BJP के सहयोगी दल के नेता ओपी राजभर ने कहा कि घर तो उनका उन्नाव में है. इसके बाद राजभर ठहाके लगाकर हंसने लगे.
एक तरफ सत्ता के नशे में भाजपा के नेता हैं जो एक बलात्कारी नेता का समर्थन कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ पीड़िता की मां ने कहा कि हमें इंसाफ नहीं मिला. वे मेरी बेटी को बंदी बनाकर घिटोरनी ले जा रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुआ कहा कि ये सुरक्षाकर्मी हम सबको मारना चाहते हैं. वे मेरी बेटी को CRPF की गाड़ी में ले गए. कुलदीप सेंगर की बेल कैंसिल होनी चाहिए. नहीं तो हम अपनी जान दे देंगे.
हम लोग अपने घर नहीं जाएंगे. नहीं तो हमें मार दिया जाएगा, हम सुरक्षित नहीं हैं. हम लोगों को न्याय चाहिए. उन्होंने कहा कि हम विधवा होकर बच्चों के साथ भटक रहे हैं. हम अपना जीवन कैसे काटेंगे. उन्होंने कहा कि हम मार दिए जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट से हम न्याय की गुहार लगाते हैं. उन्होंने आगे कहा कि कोर्ट ने उन्हें 5 साल में जमानत दे दी यह हमारे साथ गलत हुआ है.
वहीं कुलदीप सिंह सेंगर को सशर्त जमानत देने के फैसले के खिलाफ बीते शुक्रवार को हाईकोर्ट के बाहर लोगों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने फैसले की कड़ी निंदा की और न्याय की मांग की। इस प्रदर्शन में ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक विमेंस एसोसिएशन की कार्यकर्ता भी शामिल हुई। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि आजीवन कारावास की सजा को कम करना पीड़िता के साथ अन्याय है। लोगों ने हाथ में बैनर पकड़े हुए थे, जिन पर लिखा था कि “दोषियों को बचाना बंद करो और महिलाओं का गरिमा से खिलवाड़ मत करो।”
प्रदर्शन कारियों का कहना था कि जिस इंसान ने इतना बड़ा गुनाह कियास, उसे किसी भी हालत में सजा में किसी तरह की भी राहत नहीं मिलनी चाहिए। साथ ही एक महिला ने कहा कि इस देश के लोग बेवकूफ नहीं हैं। छुट्टियों के दो दिन पहले जमानत दे दी गई, यह कोई संयोग नहीं है, बल्कि एक सोची समझी साजिश है। यह जमानत कैसे दी जा सकती है, उसने किसी का बलात्कार किया है और उसके पिता के भी मार दिया है।
इस बीच पीड़िता की मां ने एक बार फिर हाईकोर्ट के फैसले पर गहरा दुख जताया और सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही। मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा जिसके हाई कोर्ट से मिली जमानत के बाद CBI सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है, जहां इस फैसले को चुनौती दी गई। मामले को लेकर CBI ने सुप्रीम कोर्ट में एक विशेष अनुमति याचिका यानी SLP दायर की है। कुलदीप सिंह सेंगर को 2017 में उन्नाव रेप मामले में दोषी ठहराए जा चुका हैं। हाल ही में उनको दिल्ली हाई कोर्ट से जमानत मिली थी। तब भी सेंगर जेल में ही हैं। वो फिलहाल दुष्कर्म पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में 10 साल की सजा भुगत रहे हैं।
CBI ने बीते शुक्रवार को ही दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की, जिसमें दोषी कुलदीप सिंह सेंगर की सजा निलंबित करते हुए उनको जमानत दी गई थी। एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट से हाई कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है। मामले में अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सबकी नजरें टिकी है। भले ही निगाहें सबकी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी हुई हों लेकिन विपक्ष इस पूरे मामले को लेकर सत्ताधारी दल भाजपा को घेरता हुआ नजर आ रहा है।



