सोशल मीडिया व ऑनलाइन प्रचार माध्यमों पर अन्य दलों के मुकाबले भाजपा ज्यादा सक्रिय
लखनऊ। पांच राज्यों में जारी विधानसभा चुनाव के दौरान वर्तमान में रैलियों, रोड शो व सभाओं पर जारी रोक को देखते हुए भाजपा ने हाइब्रिड तरीके से प्रचार की रणनीति बनाई है। देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए चुनाव आयोग ने 22 जनवरी तक फिजिकल रैलियों व रोड शो पर पाबंदी लगा रखी है। ऐसे में भाजपा ने तय किया है कि वह हाइब्रिड रैलियां करेगी। भाजपा पहले से ही सोशल मीडिया व आनलाइन प्रचार माध्यमों पर अन्य दलों के मुकाबले ज्यादा ही सक्रिय है। उसके नेताओं को भी इसमें महारथ हासिल है। इसलिए उसने पांचों चुनावी राज्यों उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर में हाइब्रिड रैलियां करने का फैसला किया है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि भाजपा ने कोविड गाइडलाइंस को ध्यान में रखते हुए पार्टी के प्रचार अभियान की नई रणनीति बनाई है।
पार्टी जहां छोटी रैलियां करेंगी, वहीं उनका सोशल मीडिया के विभिन्न मंचों से सीधा प्रसारण किया जाएगा। इस तरह पार्टी एक रैली के जरिए एक से दो लाख लोगों तक अपनी बात पहुंचा सकेगी। भाजपा के राष्टï्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने विभिन्न नेताओं से परामर्श के बाद प्रचार की नई रण्नीति बनाई है। इसमें तय किया गया है कि पार्टी के बड़े नेताएं छोटी-छोटी सभाएं करेंगे, लेकिन इन रैलियों का विभिन्न इलाकों में सीधा प्रसारण किया जाएगा। सीधे प्रसारण के अलावा भी विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर इन्हें प्रसारित किया जाएगा। चुनाव आयोग ने 15 जनवरी को पांचों चुनावी राज्यों में फिजिकल रैलियों, रोड शो व सभाओं पर पाबंदी बढ़ाकर 22 जनवरी तक कर दी है।
इन पांचों राज्यों में विधानसभा चुनाव की शुरुआत 10 फरवरी को पहले चरण के मतदान से हो रही है। 10 मार्च को मतगणना के साथ ही ये चुनाव संपन्न होंगे। इससे पहले पांचों चुनावी राज्यों के चुनाव कार्यक्रम का एलान करते हुए 8 जनवरी को आयोग ने देश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए 15 जनवरी तक इन राज्यों में भौतिक प्रचार पर रोक लगा दी थी।
यूपी में सात चरणों में होगा मतदान
उप्र की 403 विधानसभा सीटों के लिए 10 फरवरी से 7 मार्च तक सातों चरणों में मतदान होगा। वहीं मणिपुर की 60 सदस्यीय विस के लिए 27 फरवरी व 3 मार्च को वोटिंग होगी। पंजाब की सभी 117 सीटों के लिए 20 फरवरी को एक चरण में मतदान होगा। पहले वहां 14 फरवरी को मतदान होना था, लेकिन रविदास जयंती के कारण इसे बढ़ाकर 20 फरवरी किया गया है। उत्तराखंड की सभी 70 व गोवा की सभी 40 सीटों पर एक ही चरण में 14 फरवरी को मतदान होगा। पांचों राज्यों में मतगणना 10 मार्च को एक साथ होगी।