राजस्थान उपचुनाव में बीजेपी को नहीं मिल रहे उम्मीदवार, माथापच्ची जारी

राजस्थान में विधानसभा उपचुनाव को लेकर लगातार बीजेपी खेमे खलबली मची हुई है... टिकट बंटवारे को लेकर बीजेपी पार्टी में माथापच्ची मचा हुआ है... बता दें राजस्थान की पांच ऐसी विधानसभा सीटें हैं.,.. जहां पर बीजेपी का कभी खाता नहीं खुला है... देखिए खास रिपोर्ट...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः राजस्थान में विधानसभा उपचुनाव को लेकर लगातार बीजेपी खेमे खलबली मची हुई है… टिकट बंटवारे को लेकर बीजेपी पार्टी में माथापच्ची मचा हुआ है… बता दें राजस्थान की पांच ऐसी विधानसभा सीटें हैं.,.. जहां पर बीजेपी का कभी खाता नहीं खुला है… उन सभी पांचों सीटों पर हमेशा से क्रांग्रेस का कब्जा रहा है… ऐसे में बीजेपी उन पांचों सीटों पर ऐसे उम्मीदवार उतारने की तैयारी में हैं जो जिताऊ उम्मीदवार हों… क्योंकि लोकसभा चुनाव के बाद से बीजेपी डरी हुई है…. मोदी की बयानबाजी के चलते बीजेपी के सभी दावे फेल हो गए है… और चार सौ पार करने वाली बीजेपी की पहिया दो सौ चालीस पर थम गई… जिसको देखते हुए मोदी की पार्टी के अंदर ही धीरे-धीरे लोकप्रियता खत्म होने लगी… मोदी तीसरी बार बैसाखी के सहारे प्रधानमंत्री को बन गए… लेकिन पहले वाली बात नहीं रही… दो हजार उन्नीस के लोकसभा चुनाव में राजस्थान की पच्चीसों सीटों पर क्लीन स्वीप किया था… वहीं दो हजार चौबीस के चुनाव में महज ग्यारह सीटों पर सिमट कर रह गई… मोदी का पावर खत्म हो गया… मोदी के झूठ को जनता ने जान लिया और मोदी को उनकी औकात दिखाने का काम किया… जिससे बीजेपी खेमें में आज भी हलचल मची हुई है…

वहीं आने वाले दिनों में उपचुनाव होना है… बता दें कि उपचुनाव के लिए चुनाव आयोग कभी भी चुनाव तारीखों का ऐलान कर सकता है… जिसको देखते हुए बीजेपी में हलचल तेज हो गई है… और जिताऊ उम्मीदवार की तलाश में बीजेपी नेता जुटे हुए है… वहीं कांग्रेस काफी मजबूत स्थिति में है… जबसे राज्य में बीजेपी की सरकार आई है… राज्य की जनता महंगाई, बेरोजगारी से तंग आ चुकी है… और आम जनता के किचन का बजट बिगड़ गया है… आपको बता दे कि चुनाव से पहले बड़ी- बड़ी बातें करने वाले प्रधानमंत्री मोदी चुनाव खत्म होते ही सत्ता में आने के बाद जनता से किए सभी वादे भूल गए… और जनता को उनकी हाल पर छोड़ दिया… चुनाव से पहले मोदी ने जनका से हल साल दो करोड़ नौकरी देने का वादा किया था… लेकिन नौकरी का वादा, वादा ही बनकर रह गया… और बेरोजगार युवाओं को नौकरी मांगने पर लाठियां मिली… जिसका असर लोकसभा चुनाव दो हजार चौबीस मे देखने को मिला और मोदी का मैजिक धरा का धरा रह गया… कहीं भी काम नहीं आया… विदेशों से काला धन लाने की बात करने वाली बीजेपी खुद काला धन्धा करने वालों का संरक्षण करने में लग गई और सभी भ्रष्टाचारियों से रिश्वत लेने के लिए उनपर जांच शुरू कराई… उसके बाद इलेक्टोलर वॉन्ड के जरिए मोची रकम की वसूली की… और भ्रष्टाचारियों को संरक्षण दिया…

आपको बता दें कि राजस्थान के छह विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने है…. इन सीटों पर जीत हासिल करने के लिए बीजेपी और कांग्रेस पुरजोर तैयारियों में लगी हुई हैं… चुनावी घमासान के बीच सबसे रोचक बात यह है कि टिकट के लिए उम्मीदवारों की लंबी लिस्ट तैयार हो चुकी है…. हालांकि, दोनों दलों में अभी तक प्रत्याशी के नाम कोई खास सहमति नहीं बनी है…. कांग्रेस ने उपचुनाव में जीत हासिल करने के लिए जातिगत समीकरण को साधने पर ध्यान दे रही है…. दूसरी तरफ बीजेपी सिर्फ जिताऊ कैंडिडेट पर जोर दे रही है…. इसके पीछे बड़ी वजह यह है कि पांच सीटें ऐसी हैं…. जहां पर सिर्फ इंडिया गठबंधन के विधायक सांसद बने हैं…. इसलिए उन सीटों पर बीजेपी पूरा दम लगा रही है…. कांग्रेस और बीजेपी के कई नेता जयपुर से दिल्ली का सफर कर रहे हैं…. सूत्र बता रहे हैं कि अभी किसी को हरी झंडी नहीं मिली है….

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट के तीन समर्थक विधायक सांसद बने हैं…. इसलिए उन तीनों सीटों पर सचिन पायलट ही टिकट देने में निर्णायक भूमिका अदा करेंगे…. झुंझुनूं, देवली-उनियारा और दौसा के विधायक सांसद बने हैं…. इन सांसदों की इच्छा है…. उनके परिवार से किसी को टिकट दिया जाए…. वहीं सांसदों की मांग पर सचिन पायलट पूरी तरह से सहमत नहीं हैं…. सूत्रों के मुताबिक, इन सीटों पर अभी सिर्फ लोगों से फीडबैक लिया जा रहा है…. सूत्र बता रहे हैं कि पार्टी में कुछ नामों पर सहमति भी बन चुकी है…. बस चुनाव की तारीखों के ऐलान का इंतजार है…. सलूंबर विधानसभा सीट को छोड़कर सभी सीटों पर बीजेपी को प्रत्याशी के नाम पर बहुत मशक्कत करनी पड़ रही है…. क्योंकि, सलूम्बर सीट पर सहानभूति के सहारे ही बीजेपी चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है….

 

 

 

 

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