लोकतंत्र की हत्या बंद करे बीजेपी : राघव

  • संसद पहुंचकर केंद्र के खिलाफ खोला मोर्चा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा मंगलवार को संसद पहुंचे। जहां उन्होंने केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग पर केंद्र की मोदी सरकार को घेरा। संसद परिसर में महात्मा गांधी के स्टेच्यू के पास आप सांसदों ने प्रदर्शन किया। बीते सोमवार को पंजाब से राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा का 115 दिनों बाद निलंबन रद्द हुआ। संसद परिसर में आप सांसद राघव चड्ढा के अलावा अन्य पार्टी के सांसद भी नजर आए।
सभी के हाथों में तख्ती नजर आई। इन तख्तियों पर लिखा जांच एजेंसियों का दुरुपयोग बंद करो, मनीष सिसोदिया को रिहा करो, संजय सिंह को रिहा करो, लोकतंत्र की हत्या बंद करो। आम आदमी पार्टी सिर्फ संसद ही नहीं दिल्ली में भी शराब घोटाले को लेकर भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। सीएम केजरीवाल को जेल से सरकार चलानी चाहिए या नहीं इसको लेकर हस्ताक्षर अभियान जारी है। आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा का 115 दिनों के बाद सोमवार को संसद में एक प्रस्ताव लाकर उनका निलंबन रद्द कर दिया। निलंबन रद्द होने के बाद राघव चड्ढा संसद पहुंचे। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मैंने आज संसद परिसर में महात्मा गांधी जी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। बापू का जीवन हमें सिखाता है कि चुनौती कितनी भी कठिन क्यों न हो, सत्य की हमेशा जीत होती है। राघव चड्ढा ने आगे कहा कि 11 अगस्त 2023 को मुझे संसद से निलंबित कर दिया गया था। अपना निलंबन रद्द कराने के लिए मुझे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा और कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद मेरा निलंबन समाप्त हुआ है। इसके लिए सांसद राघव चड्ढा ने सुप्रीम कोर्ट और देश की जनता का धन्यवाद किया है।

लोगों का मिल रहा प्यार

इस मौके पर राघव चड्ढा ने कहा कि दोबारा सदन में जाकर देश की आम जनता की आवाज उठाएंगे। बीते 115 दिनों तक संसद के अंदर जाकर देश की आम जनता की आवाज नहीं उठा सका, जनता के हक का सवाल सरकार से नहीं पूछ सका और देश की जनता सरकार से जो जवाब चाहती थी, वो जवाब नहीं ला सका। मुझे खुशी है कि 115 दिन बाद ही सही, मेरा निलंबन आज समाप्त हो गई है। निलंबन के दौरान देश के लोगों का आशीर्वाद और दुआएं मिलीं। लोगों ने मुझे फोन, ईमेल और संदेश भेजकर मुझे बहुत प्यार, आशीर्वाद दिया, मुझे डटे रहने, लड़ाई लडऩे और इन लोगों से मुकाबला करने की हिम्मत दी।

Related Articles

Back to top button