चुनावी योजनाएं लाकर जनता को छलना चाहती है भाजपा: कमलनाथ
बीजेपी की घोषणाओं को बताया ‘जुमलों का महाकाव्य’
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
भोपाल। विधानसभा चुनाव को लेकर मध्य प्रदेश में सियासी पारा काफी हाई बना हुआ है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरो पर हैं। सभी दल अपनी-अपनी योजनाओं पर काम कर रहे हैं। तो वहीं दूसरी ओर नेताओं के बीच एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी लगातार जारी है। भाजपा-कांग्रेस समेत राज्य के सियासी दल अपने-अपने हिसाब से सीटों के समीकरण बिठाने को लेकर जनता के बीच पहुंचने में जुटे हैं। इस दौरान नेताओं के बीच जारी जुबानी हमलों के बीच प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और एमपी कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर जमकर हमला बोला है साथ ही भारतीय जनता पार्टी पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ ने शिवराज सरकार की ‘मुख्यमंत्री लाडली बहना आवास योजना’ को लेकर निशाना साधते हुए कहा कि छीन लिए हैं जिन्होंने छप्पर, क्या भरोसा जन का उन पर। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार अपने शासनकाल की अंतिम तिमाही में ‘मुख्यमंत्री लाडली बहना आवास योजना’ जैसी चुनावी योजनाएं लाकर जनता को छलना चाहती है। जिस बीजेपी ने बेकारी, बेरोजगारी, महंगाई से न जाने कितने घर उजाड़ दिए हैं, वो किस मुंह से आवास की बात कर रहे हैं। घोषणाओं को लेकर बीजेपी उपहास का विषय बन गई है। कमलनाथ ने कहा कि भाजपा की हर घोषणा ‘जुमलों के महाकाव्य’ में एक नया अध्याय बनकर जुड़ जाती है।
इस बार दिखेगा कमलनाथ का 2023 वाला मॉडल
शिवराज सरकार द्वारा कथित भ्रष्टाचार को लेकर किए गए सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने करारा जवाब देते हुए कहा कि हमारी 15 महीने की सरकार में तो मुझे समय नहीं मिला, लेकिन अब कमलनाथ 2018 का मॉडल नहीं बल्कि 2023 का मॉडल हूं। दरअसल, कमलनाथ ने ये सवाल किया गया था कि अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो शिवराज सरकार के खिलाफ एसआईटी का गठन करेंगे। इसी सवाल का जवाब देते हुए कमलनाथ ने ये बात कही। दरअसल, कमलनाथ इस जवाब के जरिए ये इशारों-इशारों में ये बताना चाहते हैं कि अगर प्रदेश में उनकी सरकार बनती है तो शिवराज सरकार के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच करेंगे।
बच्चों से निजी अंगों के नाम पूछना वामपंथी परिवेश का हमला: भागवत
बोले- हमारी संस्कृति की पवित्र चीजों पर लगातार हो रहे हमले
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पुणे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने यह पता लगाने की शैक्षणिक कवायद को वामपंथी परिवेश का हमला करार दिया कि क्या केजी (किंडरगार्टन) के छात्र अपने निजी अंगों के बारे में जानते हैं। आरएसएस चीफ पुणे में एक मराठी पुस्तक ‘जगाला पोखरणारी डावी वालवी’ के विमोचन के मौके पर बोल रहे थे।
इस दौरान भागवत ने कहा कि मैं गुजरात में एक स्कूल में गया था, जहां एक विद्वान ने मुझे एक किंडरगार्टन (केजी) स्कूल का निर्देश दिखाया। इसमें कहा गया था कि टीचर्स को यह पता लगाने के लिए कहा गया है कि क्या केजी-2 के बच्चे अपने निजी अंगों के नाम जानते हैं। वामपंथी परिवेश का हमला यहां तक पहुंच गया है और यह लोगों की मदद के बिना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति की सभी पवित्र चीजों पर ऐसे हमले किए जा रहे हैं। अपनी बात को रखते हुए आरएसएस प्रमुख ने आगे कहा कि अमेरिका में ट्रंप के बाद नई सरकार बनने के बाद पहला आदेश स्कूल से संबंधित था, जिसमें शिक्षकों से कहा गया था कि वे छात्रों से उनके लिंग के बारे में बात न करें।
लखीमपुर मामले की जांच कर रही एसआईटी को सुप्रीम कोर्ट ने किया भंग
कोर्ट ने कहा- जरूरत पड़ी तो फिर पारित किया जाएगा आदेश
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखीमपुर। लखीमपुर में किसानों की हत्या और हिंसा मामले की जांच कर रही एसआईटी को सुप्रीम कोर्ट ने अब भंग कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जांच पूरी हो चुकी है और मुकदमा चल रहा है। इस दौरान सर्वोच्च अदालत ने एसआईटी जांच की निगरानी कर रहे हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज राकेश कुमार जैन को भी निगरानी के काम से मुक्त कर दिया है। गौरतलब है कि 3 अक्टूबर 2021 को लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में आठ लोगों की जान चली गई थी, जिनमें से चार किसान थे।
जाहिर है कि लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया में हुई इस हिंसा में केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा का बेटा आशीष मिश्रा मुख्य आरोपी है। सोमवार यानी आज हुई सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने एसआईटी को भंग करने का आदेश देते हुए कहा कि अगर एसआईटी को फिर से गठित करने की जरूरत महसूस होगी, तो इस संबंध में उचित आदेश पारित कर दिया जाएगा। तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एसबी शिरोडकर, दीपेंद्र सिंह और पदमजा चौहान इस एसआईटी का हिस्सा थे।
केशव प्रसाद मौर्य के दौरे के वक्त हुई थी घटना
मामले की बात करें तो उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे के विरोध में लखीमपुर खीरी के किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इसी दौरान एक कार ने विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को कुचल दिया था। जिसमें चार किसानों की मौत हो गई थी। इसके बाद गुस्साए लोगों ने कार के ड्राइवर और भाजपा के दो कार्यकर्ताओं की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। इस हिंसा में एक पत्रकार की भी मौत हुई थी। घटना को लेकर विपक्ष और किसान संगठनों ने जमकर हंगामा किया था। मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट ने बीती 11 जुलाई को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था, जिसे 26 सितंबर तक बढ़ा दिया था। इस मामले में आशीष मिश्रा समेत कुल 13 आरोपी हैं। आशीष मिश्रा के अलावा अन्य आरोपियों में अंकित दास, नंदन सिंह बिष्ट, लतीफ काले, सत्यम उर्फ सत्य प्रकाश त्रिपाठी, शेखर भारती, सुमित जायसवाल, आशीष पांडे, लवकुश राना, शिशुपाल, उल्लास कुमार उर्फ मोहित त्रिवेदी, रिंकू राना और धर्मेंद्र बंजारा का नाम शामिल है।
शपथ ग्रहण समारोह
घोसी उपचुनाव में नव निर्वाचित विधायक सुधाकर सिंह को शपथ दिलाते विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना। इस अवसर पर उनके साथ सपा के वरिष्ठï नेता शिवपाल सिंह यादव, प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम व राजेन्द्र चौधरी भी मौजूद रहे।
आदित्य-एल-1 ने वैज्ञानिक आंकड़े एकत्र करना किया शुरू
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। इसरो ने आदित्य-एल1 मिशन से जुड़ी अहम जानकारी सोशल मीडिया पर साझा करते हुए बताया कि आदित्य-एल1 ने वैज्ञानिक आंकड़े एकत्र करना शुरू कर दिया है।
स्टेप्स उपकरण के सेंसर ने पृथ्वी से 50,000 किमी से अधिक दूरी पर सुपर-थर्मल और ऊर्जावान आयनों और इलेक्ट्रॉनों को मापना शुरू कर दिया है। यह डाटा वैज्ञानिकों को पृथ्वी के आसपास के कणों के व्यवहार का विश्लेषण करने में मदद करता है। यह आंकड़ा विभिन्न इकाइयों में से एक द्वारा एकत्र किए गए ऊर्जावान कणों के बारे में वातावरण की भिन्नता के संबंध में जानकारी देता है।
किसानों से किये गये वादे अब तक नहीं हुए पूरे: टिकैत
लखनऊ में हो रही किसान महापंचायत में बोले किसान नेता
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। राजधानी लखनऊ में आज सोमवार को किसान महापंचायत हो रही है। जिसमें शामिल होने के लिए प्रदेश भर से किसान आए हुए हैं। यह महापंचायत लखनऊ के ईको गार्डेन में हो रही है। महापंचायत के लिए भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत भी पहुंचे। इस दौरान राकेश टिकैत ने महापंचायत को लेकर एलान किया था कि इस बार आर-पार की लड़ाई होगी। सरकार ने किसानों से जो वादे किए थे वो अभी तक पूरे नहीं हुए हैं।
राकेश टिकैत ने मीडिया से बातचीत में महापंचायत के बारे में कहा कि यहां किसान अपनी बात रखने के लिए आए हैं। भाजपा ने सरकार बनने पर किसानों को मुफ्त बिजली देने का वादा किया था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। गन्ना किसानों का पूरा भुगतान नहीं हुआ है और बिजली बिल के नाम पर किसानों को लूटा जा रहा है।