पुराने संसद भवन की विदाई : पुरानी संसद की खट््टी-मीठी यादों के साथ बीता विशेष सत्र का पहला दिन

  • कल से नई संसद में होगी कार्यवाही
  • सरकार और विपक्ष ने एक-दूसरे पर कसा तंज
  • अपने संबोधन में पीएम मोदी ने पंडित नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह तक का किया जिक्र

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार द्वारा बुलाए गए संसद के विशेष सत्र की आज से शुरूआत हो गई। पांच दिन तक चलने वाला यह विशेष सत्र 18 सितंबर से 22 सितंबर तक जारी रहेगा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के संबोधन के साथ शुरू हुए इस विशेष सत्र में पीएम मोदी ने पहला भाषण दिया। सत्र की शुरूआत होते ही सरकार और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया। विपक्ष की ओर लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी और मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार पर जमकर हमला बोला।
वहीं आज का दिन पुराने संसद में कार्यवाही का अंतिम दिन है। कल यानी 19 सितंबर से संसद की कार्यवाही नई पार्लियामेंट बिल्डिंग में होगी। ऐसे में आज के दिन पीएम मोदी ने अपने संबोधन में पुराने संसद के इतिहास और देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से लेकर पीएम मनमोहन सिंह तक का जिक्र किया। साथ ही पुरानी संसद की कई यादों को भी उन्होंने ताजा किया। पीएम मोदी के अलावा लोकसभा में कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी और राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी पुरानी संसद की स्मृतियों को याद किया।


नेहरू के गुणगान पर कौन नहीं बजाएगा ताली : मोदी

इस दौरान विपक्ष पर भी निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बहुत सी बातें ऐसी थीं जो सदन में हर किसी की तालियों की हकदार थी। लेकिन शायद उसमें भी राजनीति आगे आ गई। नेहरू जी का गुणगान अगर इस सदन में होगा, तो कौन सदस्य होगा जो उस पर ताली नहीं बजाएगा। शास्त्री जी ने 65 के युद्ध में देश के सैनिकों का हौसला इसी सदन से बढ़ाया था। वहीं इंदिरा गांधी ने इसी सदन से बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के आंदोलन का नेतृत्व किया। अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने भारत के मून मिशन चंद्रयान-3 और जी-20 समिट की सफलता का भी जिक्र किया। साथ ही उन्होंने पत्रकारों के योगदान की बात भी कही। प्रधानमंत्री ने पत्रकारों की तारीफ करते हुए कहा कि जो कई दिनों से संसद में रिपोर्टिंग कर रहे हैं और ऐसे पत्रकार जिन्होंने अब तक संसद को कवर किया है।

‘पंडित नेहरू के स्ट्रोक ऑफ मिडनाइट की गूंज हम सबको करती है प्रेरित’

संसद के विशेष सत्र में पहला संबोधन और पुराने संसद में अपना अंतिम भाषण देते हुए पीएम मोदी ने दौरान पूर्व प्रधानमंत्रियों को भी याद किया। पंडित नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह तक का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ये वो सदन है जहां पंडित नेहरू का स्ट्रोक ऑफ मिडनाइट की गूंज हम सबको प्रेरित करती है। इंदिरा गांधी के नेतृत्व में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम का आंदोलन भी इसी सदन ने देखा था। उन्होंने कहा कि सदन ने कैश फॉर वोट और 370 को भी हटते देखा है। वन नेशन वन टैक्स, जीएसटी, वन रैंक वन पेंशन, गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण भी इसी सदन ने दिया। पंडित नेहरू, शास्त्री से लेकर अटल, मनमोहन सिंह तक कई नाम हैं जिन्होंने इस सदन का नेतृत्व किया। सदन के माध्यम से देश को दिशा दी है। देश को नए रंग रूप में ढालने के लिए उन्होंने परिश्रम किया है, पुरुषार्थ किया है। आज उन सबका गौरवगान करने का अवसर है। सरदार वल्लभ भाई पटेल, लोहिया, चंद्रशेखर, आडवाणी न जाने अनगिनत नाम जिन्होंने हमारे इस सदन को समृद्ध करने में, चर्चाओं को समृद्ध करने का काम किया है।

जब लोकतंत्र की चर्चा होगी तो नेहरू और अंबेडकर का होगा जिक्र : अधीर

लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने अपना भाषण देते हुए कहा कि ये वाकई में हम सभी के लिए भावुक पल है कि पुरानी संसद से हमें जाना होगा। अधीर ने कहा कि पंडित नेहरू ने कहा था कि संसदीय लोकतंत्र कई गुणों की मांग करता है, इसके लिए क्षमता, कार्य के प्रति समर्पण और आत्म-अनुशासन की जरूरत होती है। हालांकि नेहरू को संसद में भारी बहुमत हासिल था, लेकिन वे विपक्ष की आवाज सुनने में अथक थे। कांग्रेस सांसद ने कहा कि जब संसद में संविधान की चर्चा हो, लोकतंत्र की चर्चा हो तो पंडित नेहरू और बाबा साहेब आंबेडकर की बात जरूर होगी। अपने भाषण को चौधरी ने कहा कि जंदगी बड़ी होनी चाहिए लंबी नहीं।

बात-बात पर डराने की जरूरत नहीं : खरगे

राज्यसभा में संसद के विशेष सत्र के पहले और पुरानी संसद के अंतिम दिन कांग्रेस अध्यक्ष और नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक कविता के साथ अपने भाषण की शुरुआत की। उन्होंने इस कविता के जरिए सरकार को घेरा और कहा कि अगर आपसे कुछ नहीं हो पाता है, तो आप कुर्सी छोड़ दें। आपको बात-बात पर डराने की जरूरत नहीं है। वहीं भाजपा द्वारा विपक्षी गठबंधन इंडिया के नाम को लेकर कसे जा रहे तंज पर खरगे ने कहा कि आप इंडि बोलो या कुछ और बोलो, हम लोग इंडिया हैं। नाम बदलने से कुछ नहीं होता है। विपक्ष की अनदेखी करने पर खरगे ने कहा कि हमारे यहां सत्ता का हस्तांतरण बदूंक के दम पर नहीं हुआ। गांधी जी ने जो आजादी दिलाई वह अहिंसा पर थी। इस भवन में 75 सालों के दौरान इस देश की सूरत बदली है। नेहरू जी सबको साथ लेकर चलते थे। वहीं एक मजबूत विपक्ष के मुद्दे  पर कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि नेहरू जी का मानना था कि मजबूत विपक्ष की गैर-मौजूदगी का मतलब है कि सिस्टम में महत्वपूर्ण कमियां हैं। अगर मजबूत विपक्ष नहीं है तो यह ठीक नहीं है। अब, जब एक मजबूत विपक्ष है, तो ईडी, सीबीआई के माध्यम से इसे कमजोर करने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा कि विपक्षी नेताओं को अपनी पार्टी में लाने की कोशिश होती है।

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