चुनावी गणित नहीं कैमिस्ट्री पर भाजपा का फोकस!

4पीएम की परिचर्र्चा में उठे सवाल

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। 2024 में होने वाले लोक सभा चुनाव में लगातर तीसरी बार सरकार बनाने के लक्ष्य को लेकर चल रही भाजपा ने एक साथ कई स्तरों पर चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। भाजपा की निगाहें खासतौर से लोक सभा की उन 144 सीटों पर लगी हुई है जिस पर भाजपा अभी तक जीत नहीं पाई है। लोकसभा की 144 सीटों की इस लिस्ट में वो सीटें भी शामिल हैं जिस पर भाजपा को पहले के चुनावों में एक-दो बार जीत तो हासिल हुई थी लेकिन 2019 में पार्टी को इन सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में सवाल उठता है कि 2024 में यूपी फतेह की क्या है भाजपा की रणनीति? इस मुद्ïदे पर वरिष्ठï पत्रकार केके उपाध्याय, सुशील दुबे, सैयद कासिम, राजेश बादल, डॉ. अनिल जयहिंद, तुलसीदास भोईटे और 4पीएम के संपादक संजय शर्मा ने एक लंबी परिचर्चा की।
सुशील दुबे ने कहा कि इस समय राजनीतिक माहौल पूरी तरह बीजेपी के पक्ष में है। आज के परिप्रेक्ष्य में देखा जाए तो 80 में 75 सीटें भाजपा को मिलनी तय हैं। द्रौपदी मुर्मू की जीत लगभग पक्की हैं, राजभर, अनुप्रिया, निषाद सब तो बीजेपी के साथ आ गए हैं।
सैयद कासिम ने कहा विधान सभा चुनाव में चेहरा भी था, गल्ला भी था, बुलडोजर भी था फिर भी 70 सीटें घट गई हैं, भाजपा इससे पूरी तरह वाकिफ हैं। यूपी चुनाव के नतीजों को देखे तो लगभग 55 सीटें ऐसी है, जो राडार पर है जबकि बीजेपी वाले चर्चा कर रहे कि हमारी ये सीटें अभी खतरे में हैं। इन पर खास मेहनत करनी हैं।
डॉ. अनिल जयहिंद ने कहा बीजेपी का सबसे बड़ा फेलियर है आर्थिक मोर्च पर है। राजनीति में कहा जाता कि जनता एक हद तक सहती है मगर पेट की भूख जिस दिन जाग जाती तो क्या से क्या हो जाता श्रीलंका इसका गवाह है।
केके उपाध्याय ने कहा भाजपा संगठन के एक बड़े नेता ने यूपी चुनाव से पहले मुझसे कहा था कि चुनाव गणित से नहीं, चुनाव कैमिस्ट्री से जीते जाते और वो कैमिस्ट्री हम जानते है कि जब जाट और मुस्लिम का गठबंधन होगा तो बाकी जातियों को हम एकजुट कर देंगे, नतीजा ये रहा कि 46 सीटें जीती, सिर्फ आठ सीटों का नुकसान हुआ तो ये हैं भाजपा।
राजेश बादल ने कहा 24 में जब चुनाव होगा तो हलचल मचाने वाले मुद्दे होंगे। जनता दो सालों में सब चीजों पर जरूर मथेंगी कि किन मुद्ïदों पर वोट देना हैं। हां, महिलाएं ज्यादातर भाजपा के पक्ष में है। तुलसीदास भोईटे भी परिचर्चा में शामिल हुए।

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