गुजरात में आप की लोकप्रियता से घबराई भाजपा: संजय सिंह
अहमदाबाद के पार्टी कार्यालय में पुलिस की छापेमारी पर भडक़े सांसद
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। आप के अहमदाबाद ऑफिस पर गुजरात पुलिस द्वारा की गई छापेमारी को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) ने भाजपा पर निशाना साधा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि भाजपा की गुजरात पुलिस ने आप के अहमदाबाद आफिस पर रविवार को रेड करने के बाद इससे इंकार कर दिया था लेकिन सोमवार को फिर छापा पड़ा है।
उन्होंने कहा कि गुजरात में आप कार्यालय पर छापेमारी का एकमात्र कारण ताजा सर्वे में आप का दूसरे नंबर की पार्टी बनकर उभरना है। आप की लोकप्रियता गुजरात में तेजी से बढ़ रही है। उस हिसाब से आप बहुत जल्द नंबर एक पार्टी बन जाएगी। उन्होंने कहा कि सीएम केजरीवाल की लोकप्रियता से घबराकर भाजपा फर्जी आरोप लगाकर आप का उत्पीडऩ कर रही है। गुजरात की जनता चुनाव में इसका सूद समेत हिसाब लेगी। वहीं आप नेता आतिशी ने कहा कि सीबीआई-ईडी की तरह गुजरात पुलिस ने आम आदमी पार्टी को क्लीन चिट दी है। गैरकानूनी तरीके से अहमदाबाद के आप कार्यालय में की गई रेड में भी कुछ नहीं मिला।
बीटीपी ने छोड़ा साथ
अहमदाबाद। गुजरात में विधान सभा चुनाव की तैयारियों में जुटी आम आदमी पार्टी (आप) को बड़ा झटका लगा है। करीब चार महीने पहले आप के साथ गठबंधन का ऐलान करने वाली भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) ने अब गठबंधन तोडऩे की घोषणा कर दी है। आदिवासी इलाकों में अच्छा प्रभाव रखने वाली पार्टी ने ऐसे समय पर इसकी घोषणा की है जब आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल गुजरात में ही हैं। बीटीपी नेता छोटूभाई वसावा ने खुद आप से गठबंधन तोडऩे का ऐलान किया तो यह भी साफ किया कि वह भाजपा के साथ नहीं जा रहे हैं। बीटीपी ने गठबंधन तोड़ते हुए कहा है कि आप के साथ गठबंधन जारी रहने पर उसके संगठन को नुकसान हो सकता था। कहा गया है कि पार्टी की छवि खराब हो रही थी और उनकी पार्टी को तोडऩे का भी प्रयास किया जा रहा था। विधान सभा चुनाव अकेले लडऩे की घोषणा करते हुए छोटूभाई वसावा ने कहा, देश में स्थिति बहुत खराब है और हम किसी टोपीवाले से नहीं जुडऩा चाहते हैं, चाहे वह केसरिया हो या झाड़ू निशान के साथ सफेद टोपी। ये सभी एक जैसे हैं। यह देश पगड़ी पहनने वालों का है और आदिवासियों के मुद्दों को सभी दलों ने दरकिनार किया है। वसावा ने आरोप लगाया है कि आप की ओर से उसके नेताओं को तोडऩे का प्रयास किया गया। उनकी पार्टी अकेले ही विधानसभा चुनाव लड़ेगी।