अयोध्या की तर्ज पर विकसित होगा ब्रज 84 कोस परिक्रमा मार्ग : गडकरी
लखनऊ। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 11453 करोड़ की लागत से बनने वाले मथुरा-बरेली राष्टï्रीय राजमार्ग के कार्य सहित 14568 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास व शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा में ब्रज 84 कोस परिक्रमा को अयोध्या की तर्ज पर विकसित करने की घोषणा की। कहा कि ब्रज 84 कोस परिक्रमा के विकास पर पांच हजार करोड़ रुपये खर्च करेंगे। इस पर चुनाव के बाद काम शुरू होगा। वीसी के माध्यम से आयोजित समारोह में नितिन गडकरी मथुरा, आगरा, बरेली से जुड़े 335 किलोमीटर लंबे राजमार्ग के कार्य का शिलान्यास किया।
उन्होंने कहा कि इसमें मथुरा, हाथरस, बदायूं बरेली राष्टï्रीय राजमार्ग 530बी के फोरलेन प्रोजेक्ट पर 11453 करोड़ की लागत आएगी। इसके बनने से मथुरा से बरेली के बीच की दूरी तीन घंटे कम हो जाएगी। इस प्रोजेक्ट के लिए केंद्रीय मंत्री ने मथुरा की सांसद हेमा मालिनी के प्रयास की सराहना की। केंद्रीय मंत्री ने मथुरा की ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा के विकास की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि ब्रज 84 कोस परिक्रमा पर पांच हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसे अयोध्या 84 कोस परिक्रमा के पैटर्न पर तैयार किया जाएगा।
253 किलोमीटर लंबी ब्रज 84 कोस परिक्रमा टू लेन होगी। इसके दोनों ओर कच्चा हरित पैदल पथ भी बनाया जाएगा, जहां ब्रज के पौराणिक महत्व के अनुरूप पौधे लगाए जाएंगे। यात्रियों के ठहरने के लिए स्थल, जनसुविधाएं और खानपान की भी व्यवस्था होगी। उन्होंने कहा कि ब्रज 84 कोस परिक्रमा में मूर्ति, पेंटिंग के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण की संपूर्ण लीलाओं का चित्रण भी किया जाएगा। सांसद हेमा मालिनी ने मथुरा-बरेली राष्टï्रीय राजमार्ग के कार्य शुभारंभ और ब्रज 84 कोस परिक्रमा विकास के लिए नितिन गडकरी का आभार जताया।
वाहनों के हॉर्न में बजेगी कन्हैया की बंसी
नितिन गडकरी ने कहा कि उनकी कोशिश अब वाहनों में हॉर्न के सायरन की आवाज में बदलाव करने की है। इसके लिए वे भारतीय वाद्ययंत्रों की आवाजों का उपयोग करने का प्रयोग कर रहे हैं। इसमें भगवान श्रीकृष्ण की बंसी भी शामिल है। प्रयोग सफल रहता है तो वाहनों में लोगों को भगवान श्रीकृष्ण की बंसी की आवाज सुनाई देगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में सड़क, रेल के साथ जलमार्ग भी तैयार हो रहे हैं। उनकी योजना दिल्ली से मथुरा यमुना के माध्यम से नया जल मार्ग तैयार करने की है। उन्होंने यमुना प्रदूषण कम करने की परियोजनाओं की जानकारी देते हुए वाहनों में ग्रीन हाइड्रोजन के उपयोग की भी बात कही। इससे वातावरण में प्रदूषण तो कम होगा, साथ ही पेट्रोल, डीजल पर निर्भरता भी कम होगी।