सांस बनाम सियासत धुंध बनी आफत

- दिल्ली में व्यापार सेहत सबकुछ धुआं-धुआ
- दिल्ली व्यापार की स्थति कोविड काल में पहुंची
- प्रतिदिन 100 करोड़ का नुकसान पीएम को लिखी चिट्ठी
- दिल्ली मांगे प्रदूषण से निजात
- नहीं कम हो रहा प्रदूषण लोग परेशान
- बच्चों और गर्मवती महिलाओं के लिए जानलेवा साबित हो रहा है वायू प्रदूषण
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। दिल्ली की हवा गंभीर श्रेणी में पहुंच चुकी है। सड़कों पर धुंध इतनी घनी है कि सवेरे 9 बजे तक सूरज शर्माता सा दिखाई देता है बच्चों के स्कूल बंद हैं अस्पतालों की इमरजेंसी में दम घुटते मरीजों की लंबी कतारें हैं। यही नहीं अब यह जहर सिर्फ फेफड़ों में नहीं बल्कि अर्थव्यवस्था की नसों में भी घुल चुका है। चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री का ताजा आंकड़ा बताता है कि प्रदूषण की वजह से दिल्ली के व्यापार को हर दिन 100 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है।
यह आंकड़ा दिल्ली के लिए उतना ही भयानक है जितना कोविड के लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में था। होटल, रेस्तरां, रिटेल, और ट्रांसपोर्ट सेक्टर बुरी तरह प्रभावित हैं। कैब ड्राइवरों की आय आधी हो गयी है। शादी-ब्याह का सीजन होते हुए भी बुकिंग कैंसिल हो रही हैं। लोग दिल्ली छोड़कर गुरुग्राम, नोएडा, यहां तक कि जयपुर तक शिफ्ट होने की सोच रहे हैं। दिल्ली के ताजा हालात को दिग्गज क्रिकेटर जोंटी रूडस का सोशल मीडिया पर दिया गया बयान ही काफी है जिसमें उन्होंने कहा है कि शुक्र है वह दिल्ली में नहीं रह रहे हैं। इंटरनेशनल मीडिया भी अब दिल्ली को गैस चेंबर कहने लगी है।
साफ हवा में सांस लेना मानवाअधिकार : राहुल
दिल्ली में गिरते तापमान के साथ सांसों का संकट भी बढ़ता जा रहा है। बीते दिन इसे लेकर कई लोगों ने इंडिया गेट पर मार्च निकाला। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी अब दमघोंटू हवा को लेकर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि साफ हवा में सांस लेना हर नागरिक का मौलिक अधिकार है। ऐसे में आम नागरिकों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार नहीं होना चाहिए। दिल्ली में वायु प्रदूषण के लिए राहुल गांधी ने सत्ताधारी बीजेपी पर निशाना साधा है। उन्होंने बीजेपी पर वोट चोरी का आरोप लगाते हुए प्रदूषण पर सख्त कदम उठाने की मांग की है, जिससे लाखों भारतीयों का भविष्य और स्वास्थ्य खतरे में है। राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, साफ हवा में सांस लेना मानवाधिकार है। संविधान भी शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अनुमति देता है। जो नागरिक साफ हवा की मांग कर रहे थे, उनके साथ अपराधियों जैसा व्यवहार क्यों हो रहा है? वायु प्रदूषण का करोड़ों भारतीयों पर बुरा असर पड़ रहा है। इससे बच्चों को नुकसान पहुंच रहा है और हमारे देश का भविष्य भी खतरे में है।
दिल्ली व्यापार को 100 करोड़ प्रतिदिन का नुकसान
व्यापारी संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री के चेयरमैन बृजेश गोयल ने बढ़ते प्रदूषण पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि प्रदूषण के कारण दिल्ली के व्यापार को रोजाना लगभग 100 करोड़ रुपये का नुक़सान हो रहा है। उनके मुताबिक अब शादी का सीजन अपने चरम पर है? मार्केट में फुटफॉल अच्छा होता है दिल्ली में दूसरे शहरों से भी ग्राहक आते हैं। लेकिन अब प्रदूषण की वजह से लोग आना नहीं चाहते हैं। बहुत से लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। श्वास संबंधी खरीददार तो बिल्कुल घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं। बृजेश गोयल ने बताया कि रोजाना एनसीआर से तीन से चार लाख लोग खरीददारी के लिए दिल्ली आते थे प्रदूषण के कारण इनकी संख्या घटकर एक लाख रह गई है।
दिल्ली के फेफड़े तेजी से बूढ़े हो रहे हैं
डब्यूएचओ की 2024 रिपोर्ट बताती है कि दिल्ली अब भी दुनिया के सबसे प्रदूषित दस शहरों में शामिल है। जहां एक व्यक्ति रोजाना औसतन 20 सिगरेट के बराबर धुआं सांस में भरता है। एम्स के डाटा के मुताबिक पिछले दो वर्षों में अस्थमा और ब्रॉन्काइटिस के मामले 35 फीसदी तक बढ़े हैं। 5 साल से कम उम्र के 40 फीसदी बच्चे सांस के रोगों से प्रभावित हैं। दिल्ली के फेफड़े अब बूढ़े हो चुके हैं, लेकिन सत्ता का अहंकार अभी जवान है।
मौजूदा कोशिशें अस्थाई ईलाज
दिल्ली सरकार का दावा है कि उसने ग्रीन वार रूम और आड ईवन जैसे प्रयोग किए। लेकिन विशेषज्ञों के मुताबिक यह कदम संकट का अस्थायी इलाज हैं। 22 करोड़ का स्मॉग टॉवर बंद पड़ा है जिसकी प्रभाव सीमा महज 300 मीटर थी। दूसरी ओर केंद्र सरकार जीआरएपी ग्रांडेड रिसापांस एक्शन प्लान का हवाला देती है लेकिन सड़क पर उड़ती धूल और कूड़े के ढेर उस एक्शन प्लान पर सवाल उठाते हैं।
क्या लोग प्रदर्शन भी नहीं कर सकते
कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने कहा है कि लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ गया है कि इसे अब मामूली नहीं कहा जा सकता यह खतरनाक है। मुझे खुद इतनी तेज खांसी और जुकाम हुआ कि मुझे सांस लेने में तकलीफ होने लगी। मैं सोचती हूं कि इसका बच्चों और बुजुर्गों पर क्या असर हो रहा है। हमें एकजुट होकर काम करना होगा। उन्होंने दिल्ली पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर खराब श्रेणी में बना हुआ है। हम लोग इसके विरोध में रविवार को शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे। इसके बावजूद पुलिस ने महिलाओं को डिटेन किया। दिल्ली पुलिस क्या संदेश देना चाहती है? क्या हम शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन भी नहीं कर सकते हैं?
जोंटी रोड्स परेशान
दिल्ली की आबोहवा से साउथ अफीका के पूर्व क्रिकेटर जोंटी रोड्स भी परेशान हो गए हैं। साउथ गोवा में परिवार के साथ रह रहे इस क्रिकेटर ने गोवा की वायु गुणवत्ता की सराहना की है। पूर्व क्रिकेटर ने कहा कि गोवा में वातावरण और हवा की गुणवत्ता इतनी बेहतर है कि उनके बच्चे समुद्र किनारे फुटबॉल का आनंद उठा रहे हैं।
राजनीतिक गलियारों में बयानबाजी तेज
विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया है कि स्मॉग टावर सिर्फ पोस्टर बने हैं हवा साफ करने का कोई ठोस इंतजाम नहीं हुआ। बीजेपी इसे राजनीतिक प्रदूषण बता कर पल्ला झाडऩे की कोशिश कर रही है। तो आम आदमी पार्टी केंद्र पर आरोप लगा रही है कि पंजाब के पराली से ज्यादा जहर दिल्ली के डीजल और धूल में है और सरकार के प्रयास नाकाफी है। उन्हों दिल्ली की स्थिति पर रेखा सरकार से जवाब मांगा है। दिल्ली की हवा में सिर्फ धुआं नहीं अब एक डर तैर रहा है। राकेश कुमार जो चांदनी चौक में कपड़े की दुकान चलाते हैं सुबह दुकान खोलने से पहले अब दो मास्क पहनते हैं। आंखें जलती हैं गला सूख जाता है और सबसे बड़ी तकलीफ यह है कि ग्राहक भी कम आते हैं। दूसरी तरफ कमलेश, जो बवाना में छोटी फैक्ट्री चलाते हैं के मुताबिक हर दिन मजदूर बीमार पड़ रहे हैं ऑर्डर अटक रहे हैं और बिजली बिल तो मानो धुएं से भी तेज बढ़ रहा है।




