शिशु की ऐसे बनाएं मजबूत इम्यूनिटी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नन्हे शिशुओं की इम्यूनिटी बहुत कमजोर होती है इसलिए वे बहुत जल्दी जुकाम, बुखार, सर्दी और वायरल बीमारियों की चपेट में आते हैं। दरअसल गर्भ में तो मां की इम्यूनिटी शिशु की रक्षा करती है, लेकिन उसके अपने शरीर का इम्यून सिस्टम तब विकसित होना शुरू होता है, जब शिशु गर्भ से बाहर आता है। आमतौर पर इम्यूनिटी को ठीक तरह से विकसित होने में 3-4 साल लग जाते हैं। इस बीच अगर आप नन्हे शिशुओं की विशेष तरीके से देखभाल करें और कुछ टिप्स को अपनाएं, तो उनकी इम्यूनिटी ज्यादा अच्छी डेवलप होगी। इम्यूनिटी बूस्ट करने की जरूरत सबसे ज्यादा उन बच्चों को होती है, जो जल्दी-जल्दी बीमार पड़ते हैं या कमजोर पैदा होते हैं या फिर 8 महीने से पहले पैदा होते हैं।

मालिश और एक्सरसाइज कराएं

शरीर की मालिश करने से भी शिशु की हड्डियां मजबूत होती हैं और इम्यून सिस्टम अच्छी तरह विकसिता होता है। इसलिए बच्चों को सुबह-सुबह थोड़ी देर धूप में लिटाकर मालिश करें और साथ ही साथ उनके अंगों को हिला-डुलाकर हल्की-फुल्की एक्सरसाइज कराते रहें, ताकि शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी बनी रहे। लेकिन यह भी ध्यान दें कि शिशु के अंगों को बहुत अधिक झटका न दें, अन्यथा उसकी हड्डियां या मांसपेशियां खिंच सकती हैं।

थोड़ा धूप में ले जाएं

विटामिन ष्ठ हम सभी के शरीर में इम्यूनिटी के लिए बड़ा महत्वपूर्ण स्थान रखता है। शिशु को दूध के द्वारा जो भी कैल्शियम मिलता है, वो किसी काम का नहीं रहेगा अगर उसे पर्याप्त विटामिन डी नहीं मिलेगा। इसका कारण यह है कि विटामिन डी ही शरीर में कैल्शियम को अवशोषित होने में मदद करता है। विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत सूरज की किरणें हैं। इसलिए बच्चों को रोजाना थोड़ी देर हल्की धूप में लेकर जाएं। धूप आपके शिशु को जुकाम, खांसी बुखार जैसी वायरल बीमारियों से बचाएगी।

6 माह बाद खिलाएं ये आहार

शिशु के इम्यून सिस्टम को मजबूती देने के लिए और उसके शरीर की मिनरल्स और विटामिन्स की जरूरत को पूरा करने के लिए आपको छठवें महीने से ही उसे ठोस आहार देना शुरू करना चाहिए। जब आप शिशु को ठोस आहार देना शुरू करें, तो टॉफी, बिस्किट, पफ्स, चिप्स नहीं, बल्कि उबली हुई सब्जियां, गाढ़ी दाल, फलों को मीसकर दें या फिर नट्स को भिगोकर पीसकर दें। चूंकि इन सभी आहारों में अच्छी मात्रा में विटामिन्स और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, इसलिए ये शिशु के इम्यून सिस्टम को मजबूती देते हैं।

ज्यादा देर सुलाएं

क्या आपको पता है कि नींद हमारे शरीर के लिए सबसे बड़ी इम्यूनिटी बूस्टर है? बच्चों के लिए भी ये बात पूरी तरह सही है। बस अंतर है इतना है कि बड़ों को एक दिन में लगभग 9 घंटे की नींद लेनी जरूरी है, जबकि नन्हें बच्चों को कम से कम 16 घंटे जरूर सुलाना चाहिए। वहीं थोड़े बड़े बच्चों को 11 से 14 घंटे की नींद जरूरी है। इसलिए बच्चों को ज्यादा समय सुलाएं और सोने के लिए सही माहौल बनाएं। बच्चों को फर वाले मुलायम बिस्तर पर सुलाएं, ताकि उन्हें अच्छी और गहरी नींद आए।

4-6 माह तक सिर्फ मां का दूध पिलाएं

जन्म के तुरंत बाद मां के शरीर में जो दूध बनता है, उसे कोलस्ट्रम कहते हैं। ये दूध बहुत ज्यादा पौष्टिक होता है और शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता का आधार तैयार करता है। इसलिए जन्म के बाद शिशु को मां का गाढ़ा-पीला दूध जरूर पिलाएं। इस दूध में व्हाइट ब्लड सेल्स होते हैं, जो इम्यूनिटी के लिए बहुत जरूरी है। इसके अलावा जन्म से 4-6 माह की उम्र तक सिर्फ मां का ही दूध पिलाएं। ये दूध ही शिशु को पोषण देगा और उसके शरीर और इम्यून सिस्टम को विकसित करेगा। इसके अलावा शिशु को बिना डॉक्टर की सलाह के कोई अन्य चीज न खिलाएं।

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