योगिनी एकादशी का व्रत रखने से भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी होंगी प्रसन्न
हिन्दू-धर्म के अनुसार एकादशी तिथि को बेहद शुभ माना गया है। हर महीने में दो बार एकादशी व्रत किया जाता है। एक कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष में...
4PM न्यूज़ नेटवर्क: हिन्दू-धर्म के अनुसार एकादशी तिथि को बेहद शुभ माना गया है। हर महीने में दो बार एकादशी व्रत किया जाता है। एक कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष में। ऐसे में धार्मिक मान्यता है कि एकादशी तिथि पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विशेष पूजा करने से जातक को शुभ फल की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही सभी मुरादें पूरी होती हैं। आपको बता दें कि जुलाई के महीने में योगिनी एकादशी और देवशयनी एकादशी पड़ेगी।
आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहा जाता है। योगिनी एकादशी का व्रत रखने पर माना जाता है कि भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर अपनी कृपादृष्टि बनाए रखते हैं। इस साल 2 जुलाई को आज मंगलवार के दिन योगिनी एकादशी मनाई जा रही है। योगिनी एकादशी पर वैष्णव समाज के लोग व्रत रख विधि-विधान से लक्ष्मी नारायण जी की पूजा की जाती है। इसके साथ ही शुभ कार्यों में सिद्धि पाने के लिए विशेष उपाय भी करते हैं। भगवान विष्णु की कृपा से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। योगिनी एकादशी पर 4 शुभ योग का निर्माण हो रहा है। धार्मिक मान्यता के अनुसार सच्चे मन से एकादशी व्रत करने से जीवन में कभी भी धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है, इसलिए कहा जाता है कि लोगों को यह व्रत जरूर रखना चाहिए।
योगिनी एकादशी की पूजा
- एकादशी पर भगवान विष्णु का स्मरण किया जाता है और एकादशी पर पीले रंग के वस्त्र पहनना बेहद शुभ होता है।
- योगिनी एकादशी की पूजा करने के लिए भगवान विष्णु के समक्ष चंदन, हल्दी और कुमकुम का तिलक लगाया जाता है।
- मां लक्ष्मी के समक्ष श्रृंगार की वस्तुएं रखी जाती हैं. इसके बाद भगवान विष्णु को पीले रंग का भोग लगाया जाता है।
- फल, पंचामृत और तुलसी दल को भी भोग में शामिल किया जाता है, श्री हरि के मंत्रों का जाप किया जाता है।
महत्वपूर्ण बिंदु
- साल में 24 एकादशी के व्रत रखे जाते हैं। यह सभी भगवान विष्णु को समर्पित है।
- इस दिन विष्णु जी की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती हैं।
- ऐसे में कुछ लोग निर्जला उपवास भी रखते हैं, जो बेहद कठिन होता है।
- भगवान विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहती है।
- ऐसे में आषाढ़ माह में आने वाली योगिनी एकादशी का महत्व अधिक बढ़ जाता है।