UP पंचायत चुनाव: आरक्षण प्रक्रिया के लिए 6 सदस्यीय आयोग के गठन का प्रस्ताव, कैबिनेट की मंजूरी शेष

चुनाव में आरक्षण प्रक्रिया को पारदर्शी और विवाद रहित बनाने के लिए पंचायती राज विभाग ने राज्य स्थानीय ग्रामीण निकायों के लिए समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन का प्रस्ताव शासन को भेज दिया है।

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क: उत्तर प्रदेश में आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर सरकार ने एक अहम फैसला लिया है।

चुनाव में आरक्षण प्रक्रिया को पारदर्शी और विवाद रहित बनाने के लिए पंचायती राज विभाग ने राज्य स्थानीय ग्रामीण निकायों के लिए समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन का प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। यह आयोग छह सदस्यों का होगा, और इसके गठन पर अंतिम निर्णय राज्य कैबिनेट की मंजूरी के बाद लिया जाएगा।

पंचायती राज विभाग ने आयोग के गठन के लिए प्रस्ताव भेजकर चुनावी तैयारियों को गति दे दी है. कैबिनेट की मंजूरी के बाद आयोग का गठन होगा और जनसंख्या डेटा संकलन का कार्य शुरू होगा. यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान संभव हो सकेगा

जनसंख्या के आधार पर आरक्षण
2011 की जनगणना के अनुसार, उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जनजातियों (एसटी) की जनसंख्या 0.5677 प्रतिशत और अनुसूचित जातियों (एससी) की जनसंख्या 20.6982 प्रतिशत है. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में इन वर्गों के लिए इसी अनुपात में सीटें आरक्षित की जाएंगी. वहीं, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण की व्यवस्था में विशेष सावधानी बरती जा रही है. किसी ब्लॉक में ओबीसी की जनसंख्या 27 प्रतिशत से अधिक होने पर भी ग्राम प्रधान के पदों का आरक्षण 27 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा.

हालांकि, यदि किसी ब्लॉक में ओबीसी की जनसंख्या 27 प्रतिशत से कम है, तो उसी अनुपात में आरक्षण लागू होगा. प्रदेश स्तर पर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करना अनिवार्य होगा.

विवाद से बचने की रणनीति
पिछले नगर निकाय चुनावों में ओबीसी जनसंख्या के प्रतिशत को लेकर हुए विवादों से सबक लेते हुए सरकार इस बार सतर्क है. नगर निकाय चुनावों में विवाद के बाद सरकार ने समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन करजनसंख्या की सटीक जानकारी के आधार पर आरक्षण तय किया था. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भी यही प्रक्रिया अपनाई जा रही है ताकि किसी तरह का विवाद न हो.

आयोग की भूमिका
प्रस्तावित राज्य स्थानीय ग्रामीण निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग विभिन्न जिलों का दौरा कर ओबीसी की जनसंख्या के बारे में विस्तृत जानकारी एकत्र करेगा. इसके बाद आयोग अपनी समग्र रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा. उच्चपदस्थ सूत्रों के अनुसार, इस रिपोर्ट के आधार पर ही आरक्षण की प्रक्रिया शुरू होगी.

पंचायतीराज विभाग के इस कदम से न केवल आरक्षण की प्रक्रिया को निष्पक्ष और व्यवस्थित बनाने में मदद मिलेगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोकतांत्रिक भागीदारी को भी बढ़ावा मिलेगा. सरकार का लक्ष्य है कि सभी वर्गों को उनकी जनसंख्या के अनुपात में उचित प्रतिनिधित्व मिले और पंचायत चुनाव सुचारू रूप से संपन्न हों. आयोग के गठन और उसकी रिपोर्ट के बाद पंचायत चुनाव की प्रक्रिया में और तेजी आएगी। इस बीच, पंचायतीराज विभाग ने सभी संबंधित अधिकारियों को तैयारियों को अंतिम रूप देने के निर्देश दिए हैं.

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