‘उदयपुर फाइल्स’ फिल्म पर मौलाना काब रशीदी का विरोध, देशद्रोह का मुकदमा और रिलीज पर रोक की मांग
जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के कानूनी सलाहकार मौलाना काब रशीदी ने अगामी फिल्म 'उदयपुर फाइल्स' पर कड़ा विरोध जताते हुए इसे दो समुदायों के बीच नफरत फैलाने वाली बताया है।

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क: जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के कानूनी सलाहकार मौलाना काब रशीदी ने अगामी फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ पर कड़ा विरोध जताते हुए इसे दो समुदायों के बीच नफरत फैलाने वाली बताया है। उन्होंने इस फिल्म के निर्माताओं और निर्देशकों पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है, साथ ही फिल्म की रिलीज पर तत्काल रोक लगाने की अपील की है।
जमीयत उलेमा ए हिन्द यूपी के कानूनी सलाहकार मौलाना क़ाब रशीदी ने उदयपुर फाइल्स फिल्म का विरोध करते हुए मांग की है कि इस फिल्म के निर्माताओं और निर्देशकों पर देश द्रोह का मुकदमा दर्ज होने चाहिये और फिल्म की रिलीज़ पर रोक लगे क्योंकि ये फिल्म दो समुदायों में नफरत फैलाने वाली है. उन्होंने कहा कि पैगम्बर ए इस्लाम पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाली जिस महिला को भारतीय जनता पार्टी ने पार्टी से 6 साल के लिए निकाल दिया उस महिला को भी इस फिल्म में दिखाया गया है और उसके उस विवादित बयान को भी प्रचारित किया गया है जिसकी वजह से पूरी दुनिया मे भारत की बदनामी हुई थी. ये फिल्म समाज मे नफरत फैलाने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि धूमिल करने के लिए बनाई गई है इसीलिए हमने हाईकोर्ट से इस पर रोक लगाने की मांग की है. इस फिल्म में हमारे नबी और उनसे संबंधित लोगो पर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई है आपको ये अधिकार किसने दे दिया?
उन्होंने कहा कि इस फिल्म में भारत के मुसलमानों की सबसे बड़ी संस्था दारुल उलूम देवबंद पर भी टिप्पणी की गई है जबकि देश की आज़ादी में दारुल उलूम देवबंद का बड़ा योगदान रहा है. ये बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ये सब हमारे देश के संविधान के ख़िलाफ़ है. दारुल उलूम देवबंद की भागीदारी के बगैर देश की स्वतंत्रता का इतिहास पूरा नहीं हो सकता. इस फिल्म में मूल रूप से इस्लाम धर्म को निशाना बनाया गया है और ये कोई संयोग नहीं प्रयोग है इस से पहले भी कई फाइल्स फिल्में बनाई गई और वह सब फ्लॉप हुई हैं . इस फिल्म को बनाने वालों पर देशद्रोह का केस होना चाहिए ये भारत की गरिमा और अखंडता पर चोट कर रहे हैं.
चुनाव आयोग पर भी साधा निशाना
उन्होंने बिहार में वोटर लिस्टों को लेकर भी चुनाव आयोग पर निशाना साधा और कहा कि ये एक पार्टी के किए चुनाव में रास्ता आसान करने के किए सब कुछ हो रहा है देश के नागरिकों को वोट देने के मौलिक अधिकार से रोकने की साजिश है जो संविधान के खिलाफ है. लोगो को वोट देने के अधिकार वंचित करने की कोशिश की जा रही है हम इसके खिलाफ हैं.
उन्होंने कांवड़ मार्ग पर होटल ढाबों की पहचान पर कहा कि अगर कल रमज़ान और ईद पर कोई मुसलमान खड़े होकर कहने लगा कि ये मेरे धर्म के शुद्धिकरण के ख़िलाफ़ है कि मैं किसी और धर्म वाले से व्यापार करूँ खरीद फरोख्त करूँ तो फिर आप क्या करेंगे? यही बात कोई ईसाई क्रिसमस पर करने लगा तो फिर आप क्या करोगे? इसलिए सरकार को भी ऐसे आदेश देने चाहिए जिस से सामाजिक सौहार्द बना रहे और कोई भी बात हो तो उस पर आपस में विचार विमर्श कर ऐसा रास्ता निकालें जिस से समाज में नफरत न फैले प्यार मोहब्बत के साथ सब काम हो जाएं.



