‘सीएम दूधिया पर्दों में अदृश्य प्रगति को ढूंढ रहे’

  • नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सरकार की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल
  • टूटी पुलिया के साथ प्रगति यात्रा के दौरान सीएम का फोटो वायरल

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
किशनगंज। किशनगंज में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा के दौरान प्रस्तावित बाईपास स्थल का निरीक्षण करते समय सीएम ने सुरक्षा घेरा तोडक़र एक ऐसी पुलिया का जायजा लिया, जो किसी सडक़ से नहीं जुड़ी थी और जिसका संपर्क मार्ग पूरी तरह से क्षतिग्रस्त था। इस घटना की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई, जिसमें मुख्यमंत्री को टूटी पुलिया की ओर देखते हुए दिखाया गया है।
विपक्षी दलों ने इस मौके का फायदा उठाते हुए सरकार पर तीखा प्रहार किया। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव और बिहार कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर इस तस्वीर को शेयर करते हुए सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। यह घटना राज्य में विकास कार्यों की वास्तविक स्थिति और प्रशासनिक पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े करती है। प्रगति यात्रा के दौरान सामने आई यह स्थिति सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन पर भी प्रश्नचिह्न लगाती है। तेजस्वी ने एक्स पर लिखा कि प्रगति सह दुर्गति यात्रा में रेड कार्पेट पर चलकर 20 वर्षों के मुख्यमंत्री दूधिया पर्दों के बीच से अदृश्य प्रगति को ढूंढते हुए। आगे उन्होंने लिखा कि बिहार में नीतीश कुमार और डीके कंपनी ने संगठित भ्रष्टाचार की लूट मचाते हुए कहीं-कहीं ऐसे दिखावटी आधारनिर्मित ढांचे और फर्जी कागजों पर लकीरें खींच कर 5,000 से अधिक पुल-पुलिया बनवा दिए हैं, जिनका कोई ‘पहुंच पथ’ नहीं है।

लूट के सरगना हैं एके और डीके

अधिकांश ऐसे पुल-पुलिया खेतों के बीच में ही अधर में लटके रहते हैं। उन्होंने आगे लिखा कि ऐसे पुलों का नाजुक वक्त में टेंडर प्रक्रिया पूरी करा कर कार्यारंभ कराने का नाटक रचाया जाता है, ताकि बारिश और बाढ़ का सीजन आ जाए। फिर बारिश में गिने-चुने वो अर्धनिर्मित पुल-पुलिया ढह जाते हैं और बाकी बचे पुल-पुलिया को फिर द्यह्य गिनकर दुबारा फ्रेश टेंडर प्रक्रिया में भेज दिया जाता है। ऐसे में हजारों करोड़ की संस्थागत लूट अनवरत चलती रहती है और इस लूट के सरगना हैं एके और डीके।

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