सीएम सुक्खू का भाजपा पर बड़ा आरोप हिमाचल में जीत के लिए चपरासी बैठाकर खोल दिये गये अस्पताल
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
छत्तीसगढ़। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने रविवार को शिमला पहुंचते ही राज्य सचिवालय में पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) को लेकर मैराथन बैठक ली। रविवार के दिन अवकाश होने के बावजूद सुक्खू ने मुख्य सचिव आरडी धीमान, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना और अन्य अधिकारियों को सचिवालय बुलाया। इस मौके पर वित्त विभाग ने ओल्ड पेंशन स्कीम पर लंबी प्रस्तुति दी।
कोविड संक्रमण से ठीक होने के बाद सुखविंद्र सिंह सुक्खू रविवार को एकाएक एक्शन मोड में नजर आए। उनके शिमला पहुंचने से पहले ही रविवार को अवकाश होने के बावजूद मुख्य सचिव और अन्य संबधित अधिकारियों को राज्य सचिवालय बुलाया गया। सुक्खू ने यहां अधिकारियों से पूछा कि कर्मचारियों को ओपीएस देने के लिए किस तरह का प्रारूप बनाया गया है। राजस्थान, छत्तीसगढ़, पंजाब आदि में ओपीएस के तहत किस तरह से पेंशन दी जा रही है। हिमाचल में किस मॉडल को अपनाया जा सकता है। ऐसे तमाम बिंदुओं पर चर्चा की गई।
उन्होंने 28 दिसंबर को सचिवालय में एनपीएस कर्मचारियों के साथ प्रस्तावित बैठक में भी अधिकारियों को ठीक से एजेंडा बनाकर लाने के निर्देश दिए। सुक्खू ने इस मैराथन बैठक में पहली कैबिनेट के लिए एजेंडा तैयार करने के आदेश भी दिए हैं। कैबिनेट के गठन के बाद एकदम से इस बारे में फैसला लिया जाना है। सत्ता में आने से पहले ही कांग्रेस ने इस तरह की गारंटी दी थी।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य की पूर्व भाजपा सरकार ने प्रदेश में मतदाताओं को लुभाने के एकमात्र उद्देश्य के साथ बिना किसी बजट प्रावधान और आवश्यक कर्मचारियों की भर्ती के बिना अपने कार्यकाल के अंत में 590 से अधिक संस्थान खोले थे। उन्होंने कहा कि चपरासी बैठाकर अस्पताल खोल दिए गए और भाजपा ने पूरी तरह से लोगों को गुमराह कर दिया।
पूर्व भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम लगभग छह माह के दौरान मतदाताओं को गुमराह करने के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, राजस्व और अन्य संस्थान खोलने के निर्णय जल्दबाजी में लिए। इन सभी 590 संस्थानों को क्रियाशील बनाने के लिए लगभग 3,000 करोड़ रुपये के बजट प्रावधान की जरूरत है। यह आश्चर्य की बात है कि राज्य 75,000 करोड़ रुपये से अधिक के भारी वित्तीय कर्ज तले दबा हुआ है और डबल इंजन की सरकार होने का दावा करने वाली भाजपा सरकार को अपने कार्यकाल के दौरान केंद्र सरकार से एक पैसे की भी सहायता नहीं मिली।
यह बात सुक्खू ने रविवार को नई दिल्ली से शिमला लौटने के बाद राज्य सचिवालय में मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए कही। सुक्खू ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने 30 से अधिक ऐसे स्वास्थ्य संस्थान खोले, जिनमें चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी की भी नियुक्ति नहीं की गई थी। बड़ी संख्या में ऐसे संस्थान भी खोले गए जो मात्र एक कर्मचारी से संचालित किए जा रहे थे। पूर्व भाजपा सरकार की ओर से जो एसडीएम कार्यालय खोले गए, उनमें एसडीएम ही तैनात नहीं किए गए।