पोस्टर से सीएम योगी की फोटो गायब, अखिलेश यादव ने लिए गजब मजे
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव कई बार ये दावा कर चुके हैं कि यूपी में डबल इंजन की सरकार के इंजन ही आपस में टकरा रहे हैं...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ सरकार के आठ साल पूरे होने के अवसर पर….. सरकार की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए जारी किए गए पोस्टर को लेकर तीखा हमला बोला है….. अखिलेश ने इस पोस्टर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीर न होने को लेकर तंज कसा…… और इसे सरकार की नाकामी का प्रतीक बताया….. और उन्होंने कहा कि जिस तरह योगी सरकार के कामकाज का कोई ठोस परिणाम जनता के सामने नहीं दिखाई देता….. उसी तरह इस पोस्टर से भी उनकी तस्वीर गायब है…… सपा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि अब समय आ गया है कि मुख्यमंत्री को वापस चले जाना चाहिए…… वहीं यह बयान उत्तर प्रदेश की सियासत में एक नया विवाद खड़ा करने वाला साबित हो सकता है…… क्योंकि दोनों नेताओं के बीच पहले से ही तीखी बयानबाजी का दौर चल रहा है……
आपको बता दें कि हाल ही में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अपने कार्यकाल के आठ साल पूरे किए……. इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी और सरकार की ओर से राज्य में किए गए विकास कार्यों…… और उपलब्धियों को जनता के सामने रखने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए……. इनमें से एक महत्वपूर्ण कदम था सरकार की ओर से जारी किया गया…… एक पोस्टर, जिसमें पिछले आठ सालों में किए गए कार्यों को दर्शाने का प्रयास किया गया…… हालांकि, इस पोस्टर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीर शामिल नहीं थी……. जिसे अखिलेश यादव ने अपने हमले का आधार बनाया…… और उन्होंने इसे सरकार की विफलता और नेतृत्व की कमजोरी से जोड़ते हुए तंज कसा कि यह पोस्टर योगी सरकार की हकीकत को बयां करता है……
बता दें कि अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस मुद्दे को उठाया और लिखा कि आठ साल, यूपी बर्बाद! पोस्टर में उपलब्धियां गिनाने की कोशिश की गई है….. लेकिन मुख्यमंत्री की तस्वीर तक नहीं है…… उनके काम की तरह ही उनकी तस्वीर भी गायब है…. अब उन्हें भी वापस चले जाना चाहिए…… इस ट्वीट के साथ ही उन्होंने एक तस्वीर भी साझा की……. जिसमें सरकार का वह पोस्टर दिखाई दे रहा था…. अखिलेश का यह बयान न केवल योगी सरकार पर सीधा हमला है…… बल्कि यह 2027 में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले सियासी माहौल को गरमाने की उनकी रणनीति का हिस्सा भी माना जा रहा है…..
बता दें कि उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों से सत्तारूढ़ भाजपा….. और विपक्षी समाजवादी पार्टी के बीच तनातनी किसी से छिपी नहीं है…… योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा ने 2017….. और 2022 के विधानसभा चुनावों में शानदार जीत हासिल की थी…… जिसके बाद से वह राज्य में अपनी स्थिति मजबूत करने में लगी हुई है…… दूसरी ओर, अखिलेश यादव अपनी पार्टी को फिर से सत्ता में लाने के लिए लगातार सरकार की नीतियों….. और फैसलों पर सवाल उठाते रहे हैं…… वहीं इस बार पोस्टर विवाद को लेकर उनका हमला इस बात का संकेत है कि वह हर मौके का इस्तेमाल सरकार को घेरने के लिए करने को तैयार हैं……
आपको बता दें कि पोस्टर में मुख्यमंत्री की तस्वीर न होने का मुद्दा इसलिए भी चर्चा में आया…… क्योंकि योगी आदित्यनाथ पिछले आठ सालों से उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक मजबूत चेहरा रहे हैं…… उनकी छवि एक सख्त प्रशासक और हिंदुत्व के प्रबल समर्थक के रूप में रही है……. जिसे भाजपा ने अपने चुनावी अभियानों में खूब भुनाया है……. ऐसे में उनकी तस्वीर का पोस्टर से गायब होना सपा के लिए एक बड़ा मुद्दा बन गया……. अखिलेश ने इसे सरकार के भीतर असंतुलन और कमजोर नेतृत्व का प्रतीक बताते हुए कहा कि अगर सरकार अपनी उपलब्धियों पर गर्व करती है……. तो उसका चेहरा उसमें क्यों नहीं दिखाई दे रहा है……
इस बयान के बाद सियासी हलकों में चर्चा तेज हो गई है……. सपा समर्थकों का मानना है कि अखिलेश ने योगी सरकार की कमजोरियों को उजागर करने का सही समय चुना है……. उनका कहना है कि आठ साल के शासन के बाद भी अगर सरकार को अपने नेता की तस्वीर पोस्टर में शामिल करने की जरूरत नहीं महसूस हुई…… तो यह जनता के बीच उनकी स्वीकार्यता पर सवाल उठाता है…… वहीं, भाजपा समर्थकों ने इसे महज एक राजनीतिक स्टंट करार दिया है…… उनका कहना है कि पोस्टर में तस्वीर का होना या न होना कोई बड़ा मुद्दा नहीं है…… बल्कि सरकार के काम खुद अपनी कहानी कहते हैं……
योगी सरकार ने अपने आठ साल के कार्यकाल में कई बड़े दावे किए हैं……. मुख्यमंत्री योगी ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि उनकी सरकार ने उत्तर प्रदेश को “बीमारू राज्य” की छवि से बाहर निकालकर देश की अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन बनाया है…… और उन्होंने कानून व्यवस्था, बुनियादी ढांचे, और औद्योगिक विकास जैसे क्षेत्रों में अपनी उपलब्धियां गिनाईं……. लेकिन अखिलेश यादव ने इन दावों को खोखला करार देते हुए कहा कि राज्य में महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार चरम पर है….. और उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि योगी सरकार ने जनता को सिर्फ जुमलों…… और नारों के सहारे बहलाने की कोशिश की है….. लेकिन धरातल पर कोई ठोस बदलाव नहीं दिखता…..
आपको बता दें कि पोस्टर विवाद के बीच अखिलेश यादव ने हाल के महीनों में योगी सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं…… चाहे वह बुलडोजर नीति हो, उपचुनाव में कथित धांधली का मुद्दा हो, या फिर महाकुंभ के प्रबंधन को लेकर सवाल, सपा अध्यक्ष हर मौके पर सरकार को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं……. वहीं इस बार पोस्टर से तस्वीर गायब होने का मुद्दा उनके लिए एक और हथियार बन गया है…… जिसके जरिए वह योगी सरकार की विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहे हैं…… वहीं दूसरी ओर, भाजपा ने इस हमले का जवाब देने में देरी नहीं की…… पार्टी के एक प्रवक्ता ने कहा कि अखिलेश यादव का यह बयान उनकी हताशा को दर्शाता है…… प्रवक्ता ने दावा किया कि योगी सरकार के काम जनता के सामने हैं…… और पोस्टर में तस्वीर का न होना कोई मुद्दा नहीं है….. और उन्होंने यह भी कहा कि सपा शासनकाल में हुए कथित घोटालों…… और अराजकता को जनता भूली नहीं है…… इसलिए अखिलेश के पास सरकार पर उंगली उठाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है……
वहीं यह विवाद उस समय सामने आया है……. जब उत्तर प्रदेश में 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं……. सपा और भाजपा दोनों ही पार्टियां अपनी-अपनी रणनीतियों को मजबूत करने में जुटी हैं……. जहां भाजपा अपने विकास और कानून व्यवस्था के एजेंडे को आगे बढ़ा रही है……. वहीं सपा पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) के नारे के साथ जनता के बीच अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर रही है…… ऐसे में पोस्टर जैसे छोटे से मुद्दे को भी दोनों पक्षों ने सियासी रंग देने में कोई कसर नहीं छोड़ी…… अखिलेश यादव का यह तंज न केवल योगी सरकार के लिए चुनौती है……. बल्कि यह उनके अपने समर्थकों को एकजुट करने का भी प्रयास माना जा रहा है……. सपा कार्यकर्ताओं के बीच इस बयान को लेकर उत्साह देखा जा रहा है……. क्योंकि वे इसे सरकार के खिलाफ एक मजबूत संदेश के रूप में देख रहे हैं……. वहीं, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद भले ही अभी सुर्खियों में हो……. लेकिन इसका असर लंबे समय तक चुनावी समीकरणों पर पड़ेगा या नहीं, यह देखना बाकी है……