कमिश्नर की चाहत, उनके सरकारी बंगले को सजाने में खर्च हो एक करोड़

चीफ इंजीनियर ने लगायी आपत्ति तो हटवा दिया कमिश्नर ने

  • अवस्थापना निधि के प्रस्ताव में दी थी धनराशि खर्च करने की मौखिक स्वीकृति
  • जिस ठेकेदार को मिले दर्जनों नोटिस उसे दे दिए मनमानी नंबर
  • एलडीए में चहेते ठेकेदारों को संरक्षण देने के भी लगते रहे हैं आरोप
  • पहले भी विवादों में रहे हैं कमिश्नर रंजन कुमार

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। एक ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने मंत्रियों, विधायकों और अफसरों को फिजूलखर्ची न करने की हिदायत दे रहे हैं वहीं दूसरी ओर लखनऊ कमिश्नर और एलडीए अध्यक्ष रंजन कुमार ने अपने सरकारी आवास को सजाने-संवारने के लिए एलडीए की अवस्थापना निधि प्रस्ताव में एक करोड़ से अधिक की धनराशि खर्च करने की मौखिक स्वीकृति दी है। यही नहीं वे न केवल एलडीए की बोर्ड और सामान्य बैठकों में जबरन दखल देते हैं बल्कि अपने चहेते ठेकेदारों को संरक्षण भी दे रहे हैं। जिस ठेकेदार को दर्जनों नोटिस मिल चुके हैं उसे कमिश्नर ने मनमानी तरीके से बेहतर होने का नंबर तक दे दिया। इसके पहले भी रंजन कुमार पर गंभीर आरोप लगते रहे हैं। सवाल यह है कि क्या सरकार इस मामले की जांच कराकर कार्रवाई करेगी या मामले को ठंडे बस्ते में डाल देगी।
एलडीए की एक के बाद एक कारगुजारियों और घपलों से सरकार की लगातार किरकिरी हो रही है। ताजा मामला कमिश्नर रंजन कुमार से जुड़ा है। कमिश्नर रंजन कुमार ने एलडीए की अवस्थापना निधि से राज्य सम्पत्ति द्वारा खुद के लिए आवंटित बंगले को सजाने-संवारने के लिए एक करोड़ से अधिक की धनराशि खर्च करने की मौखिक स्वीकृति दी थी। एलडीए के चीफ इंजीनियर (सिविल) इंदुशेखर सिंह ने इस प्रस्ताव पर 21 जून को आपत्ति लगा दी। इसके अगले दिन ही एलडीए की बैठक के बाद चीफ इंजीनियर इंदुशेखर सिंह को हटा दिया गया। इसकी सूचना सरकार तक पहुंच गयी है। इससे हडक़ंप मच गया है। यही नहीं कमिश्नर पर एलडीए की बैठकों में जबरन दखल देने और अपने चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के भी आरोप लगते रहे हैं। उन्होंने ऐसे ठेकेदारों के कामों को बेहतर नंबर दिए जिन्हें दर्जनों नोटिस मिले चुके हैं। इसके कारण अन्य अधिकारी भी दबाव में आकर दागी ठेकेदारों को मनमानी नंबर देते हैं। अब यह मामला सीएम योगी आदित्यनाथ तक पहुंच चुका है। गौरतलब है कि एलडीए के चीफ इंजीनियर से मनमाने ढंग से काम करवाने को लेकर विवादों में आए रंजन कुमार पर पहले भी गंभीर आरोप लगते रहे हैं।

क्या कहना है कमिश्नर का

इस मामले में कमिश्नर रंजन कुमार ने कहा कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है। सभी कमिश्नरी में कैंप ऑफिस है लेकिन लखनऊ में नहीं है। संभवत: इसी कैंप कार्यालय की बात है। इसमें कोई सजावट नहीं, जरूरी उपकरण के लिए एलडीए ने खुद प्रस्ताव बनाया है।

रंजन कुमार पर महिला अफसर ने लगाए थे गंभीर आरोप

जिस समय रंजन कुमार गोरखपुर के डीएम थे उस दौरान उनकी ही जूनियर महिला आईएएस अफसर ने उन पर गंभीर आरोप लगाए थे। महिला अफसर की शिकायत के मुताबिक, डीएम रंजन कुमार उन्हें रात के दो बजे फाइल देखने के बहाने आवास पर बुलाते थे। इसके बाद उनसे घर पर खाना बनाने को कहते थे। महिला अफसर की शिकायत के मुताबिक, उनसे डीएम कहते थे कि तुम्हें शहर में तैनाती इसलिए दी गई है ताकि तुम्हारा चेहरा मेरे सामने रहे। रंजन कुमार महिला अफसर को एक-दो बार फिल्म दिखाने भी ले गए थे।

तत्कालीन प्रमुख सचिव नियुक्ति से मिली थी पीडि़ता

तत्कालीन ट्रेनी आईएएस अफसर व वर्तमान में एक जिले की कलेक्टर अपने पति के साथ प्रमुख सचिव नियुक्ति से भी मिलीं थी। हालांकि बाहर निकलने पर उन्होंने कोई भी बात बताने से इनकार कर दिया था। यही नहीं मंडल के एक सीनियर आईएएस से भी पीडि़ता ने शिकायत की थी। सूत्रों के मुताबिक, पीडि़ता ने मंडल के सीनियर अफसर से शिकायत की थी। उस अधिकारी ने माना था कि डीएम का रवैया ठीक नहीं था और कहा था कि पीडि़ता उनकी बेटी की तरह है।

ऐसे बनाया गया था प्रोजेक्ट

प्रोजेक्ट के मुताबिक कमिश्नर के बटलर पैलेस के बंगला नंबर ए-3 का रंग रोगन होना है। यह राज्य संपत्ति विभाग का है। एलडीए के एक्सईएन ओपी मिश्रा, एई विपिन त्रिपाठी ने इसे संवारने के लिए 81 लाख 79 हजार 306 रुपये का इस्टीमेट तैयार किया था। बिजली, बाथरूम के कामों के लिए करीब 20 लाख का प्रोजेक्ट अलग से तैयार किया गया था।

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