सुएज इंडिया कंपनी की शिकार बनी आम जनता

जलकल विभाग की मिलीभगत से कागजों में हो रहा मेंटेनेंस, उफनाते सीवर के बीच रहने को मजबूर लोग

 मो. शारिक/ 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ वैसे तो स्मार्ट सिटी में गिनी जाती है लेकिन हकीकत में स्मार्ट जैसा यहां कुछ रह नहीं गया। जहां सरकारी विभाग तो अपनी कारगुजारियों से इस खूबसूरत शहर को पिछड़ा बना ही रहे हैं। अब प्राइवेट कंपनियां भी इसको चूना लगाने में लग गई हैं।
ताजा मामला ये है कि स्मार्ट सिटी में दाग लगाने का काम जलकल विभाग और सुएज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी मिलकर कर रही है। कंपनी के काम करने के रवैये से जहां नगर निगम में नाराजगी है वहीं आम जनता परेशान है। राजधानी लखनऊ की जनता कहती है अभी बरसात का मौसम आने में कई महीने बाकी है लेकिन राजधानी लखनऊ की सीवर की व्यवस्था मानो बरसात के मौसम जैसी हो गई है। राजधानी के कई ऐसे इलाके हैं जहां पर सीवर की समस्या खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। सीवर की समस्या इसलिए भी खत्म नहीं हो रही है क्योंकि कागजी कंपनी सिर्फ कागजों में सीवर मेंटेनेंस और सफाई का काम करती है जबकि धरातल पर सिर्फ ढक्क्न बदलने का काम किया जाता है।

सुएज को मेंटेनेंस के नाम पर बंटते हैं करोड़ों रुपये

सुएज को मेंटेनेंस के नाम पर हर साल करोड़ों रुपए का बजट दिया जाता है बदले में आम जनता को सडक़ पर बदबूदार सीवर का पानी मिलता है। प्राइवेट कंपनी से काम करने की जिम्मेदारी जलकल विभाग की होती है ऐसे में जलकल विभाग भी कहीं ना कहीं लापरवाह बना हुआ है और प्राइवेट कंपनी को मोटी कमाई कर रहा है यही नतीजा है की राजधानी लखनऊ के कई इलाकों में सीवर की समस्या से आमजन बेहाल है।

जोन-1 में खत्म नहीं हो रही सीवर की समस्या

जोन-1 के नजर बाग का इलाका हो या फिर यदुनाथ सान्याल वार्ड में सीवर सडक़ पर बहता दिखाई देगा। इतना ही नहीं यदुनाथ सान्याल/नजरबाग वार्ड में सीवर सालों से चोंक पड़े हैं जनता शिकायत करती है लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है स्थानीय निवासियों के मुताबिक की सफाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है और खाना पूर्ति कर कंपनी के कर्मचारी चले जाते हैं। वहां के रहने वाले मुश्ताक व अविनाश का कहना है कि सीवर की समस्या जस की तस बनी रहती है। सीवर की समस्या स्मार्ट सिटी को भी बदनाम करने पर तुली हुई है आखिर क्यों जिम्मेदार कंपनी की गैर जिम्मेदार हरकत पर कोई कार्रवाई नहीं करते हैं।

माओवादी लिंक मामले में दिल्ली विवि के पूर्व प्रोफेसर साईबाबा बरी

बॉम्बे हाई कोर्ट ने दिया फैसला पांच और लोगों को भी राहत

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने माओवादी लिंक मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा और पांच अन्य को बरी कर दिया। न्यायमूर्ति विनय जोशी और न्यायमूर्ति एसए मेनेजेस की पीठ ने नागपुर सत्र अदालत के फैसले को पलट दिया है, जिसने 2017 में जीएन साईबाबा और अन्य को दोषी ठहराया था।
बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर पीठ ने कथित माओवादी लिंक मामले में मंगलवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा और पांच अन्य को बरी कर दिया। अदालत का फैसला साईबाबा और अन्य की अपील के बाद आया, जिसमें उन्होंने उन्हें दोषी ठहराने के 2017 सत्र अदालत के आदेश को चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय की पिछली पीठ ने भी 14 अक्टूबर, 2022 को विकलांग प्रोफेसर को बरी कर दिया था, जिसके बाद अदालत ने साईबाबा की अपील पर भी दोबारा सुनवाई की।

न्यायमूर्ति विनय जोशी और न्यायमूर्ति एसए मेनेजेस की पीठ ने नागपुर सत्र अदालत के फैसले को पलट दिया है, जिसने 2017 में जीएन साईबाबा और अन्य को दोषी ठहराया था। बार और बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, 14 अक्टूबर, 2022 को हाई कोर्ट की एक अलग बेंच द्वारा पहले बरी किए जाने के बाद, बॉम्बे हाई कोर्ट की बेंच साईबाबा की अपील पर दोबारा सुनवाई करने के बाद इस फैसले पर पहुंची।

मामला साबित करने में विफल रहा अभियोजन : कोर्ट

जस्टिस विनय जोशी और वाल्मिकी एसए मेनेजेस की पीठ ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ मामला साबित करने में विफल रहा है। पीठ ने कहा कि कानूनी और उचित मंजूरी के अभाव में, गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मंजूरी को अमान्य और शून्य रखा गया है। पीठ ने आगे कहा कि कानून के अनिवार्य प्रावधानों के उल्लंघन के बावजूद गचिरोली सत्र अदालत द्वारा मुकदमा चलाया जाना न्याय की विफलता के समान है। पीठ ने कहा कि सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अमान्य मंजूरी के कारण पूरा अभियोजन मामला खराब हो गया था। यह देखते हुए कि शायद ही कोई सबूत था, पीठ ने कहा कि अभियोजन पक्ष अभियुक्तों के खिलाफ कोई कानूनी जब्ती या कोई आपत्तिजनक सामग्री स्थापित करने में विफल रहा है। पीठ ने कहा, ट्रायल कोर्ट का फैसला कानून के तहत टिकाऊ नहीं है। इसलिए हम अपील की अनुमति देते हैं और दिए गए फैसले को रद्द करते हैं। सभी आरोपियों को बरी किया जाता है।

कांग्रेस को बड़ा झटका

विधायक मोढवाडिया बीजेपी में हुए शामिल

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
अहमदाबाद। गुजरात में कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे अर्जुन मोढवाडिया अब भाजपा का हिस्सा बन गए हैं। मोढवाडिया ने मंगलवार को ही भाजपा का दामन थामा। उनके साथ-साथ कांग्रेस के दो और बड़े चेहरे भाजपा में शामिल हो गए। इनमें पूर्व विधायक अंबरीश ढेर और मुलुभाई कंडेरिया भी शामिल हैं।
गौरतलब है कि गुजरात के इन नेताओं ने कांग्रेस से ऐसे समय में इस्तीफा दिया है, जब राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा कुछ दिनों में ही गुजरात पहुंचने वाली है। बताया जाता है कि करीब 40 वर्षों तक पार्टी के साथ जुड़े रहे मोढवाडिया पार्टी नेतृत्व की तरफ से राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का न्योता ठुकराए जाने से आहत थे। मोढवाडिया गुजरात कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष भी रहे हैं।
वे वर्तमान में पोरबंदर से कांग्रेस विधायक थे।

दिल्ली कूच नहीं करेंगे पंजाब के किसान

हरियाणा बॉर्डर पर ही डटेंगे, 10 को रोकेंगे ट्रेनें

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
चंडीगढ़। एमएसपी की कानूनी गारंटी समेत अन्य मांगों को लेकर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर बैठे पंजाब के किसान अब दिल्ली कूच नहीं करेंगे। वे हरियाणा के बॉर्डर पर ही डटे रहेंगे। हालांकि किसान संगठनों ने अन्य राज्यों के किसानों से छह मार्च को दिल्ली में जुटने की अपील की है। इसके साथ ही किसान 10 मार्च को देश भर में दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक ट्रेनें भी रोकेंगे।
जगजीत सिंह डल्लेवाल व सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि पंजाब के खनौरी व शंभू बॉर्डरों से किसानों को हरियाणा सरकार की तरफ से आगे बढऩे नहीं दिया जा रहा है। इसलिए छह मार्च को देश के अन्य राज्यों से किसान दिल्ली के लिए बसों व ट्रेनों के जरिये कूच करेंगे। वहां जंतर-मंतर पर किसान अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन करेंगे, लेकिन पंजाब के किसान शंभू व खन्नौरी बॉर्डरों पर ही धरना देंगे और अपनी मांगों के लिए प्रदर्शन करेंगे। इसके साथ आंदोलन को मजबूत करने के लिए यहां पर किसानों की संख्या को बढ़ाया जाएगा।

अजय मिश्रा टेनी के विरोध में किसानों ने खोला मोर्चा

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने उत्तर प्रदेश की खीरी लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी को मैदान में उतारने संबंधी बीजेपी के फैसले की निंदा की और किसानों से उनकी उम्मीदवारी के खिलाफ देशभर के गांवों में जुलूस आयोजित करने का आह्वान किया। किसान टेनी के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं, जिनके बेटे आशीष ने अक्टूबर 2021 में लखीमपुर खीरी में प्रदर्शनकारी किसानों पर अपनी कार कथित तौर पर चढ़ा दी थी। एसकेएम ने एक बयान में कहा, ‘‘एसकेएम ने भाजपा द्वारा लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तर प्रदेश की खीरी सीट से मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा टेनी के पिता एवं लखीमपुर खीरी में हुई घटना के मुख्य साजिशकर्ता अजय मिश्रा टेनी को उम्मीदवार बनाने का कड़ा विरोध जताया।

प्रदर्शन

भारतीय किसान यूनियन(अराजनैतिक) ने अपनी माँगों की लेकर शक्ति भवन के सामने किया प्रदर्शन।

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