पीएम मोदी के चीनी दौरे पर कांग्रेस का हमला, कहा- पीएम ने चीन को दी क्लीन चिट

प्रधानमंत्री मोदी की चीनी यात्रा को लेकर कांग्रेस ने कहा कि पीएम मोदी ने गलवान घाटी में शहीद हुए सैनिकों को भुलाकर मुस्कुराते हुए चीन के राष्ट्रपति से हाथ मिला लिया है.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: प्रधानमंत्री मोदी की चीनी यात्रा को लेकर कांग्रेस ने कहा कि पीएम मोदी ने गलवान घाटी में शहीद हुए सैनिकों को भुलाकर मुस्कुराते हुए चीन के राष्ट्रपति से हाथ मिला लिया है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के वक्त चीन ने पाकिस्तान का साथ दिया, इतना ही नहीं, वह पाकिस्तान को लाइव अपडेट भी दे रहा था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय चीन दौरे पर हैं, जहां वह SCO समिट में हिस्सा लेने के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे. प्रधानमंत्री की इस चीनी यात्रा को लेकर विपक्षी पार्टियां पीएम मोदी पर निशाना साध रही है. उनका कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी ने गलवान घाटी में शहीद हुए सैनिकों को भुला दिया और मुस्कुराते हुए चीन के राष्ट्रपति से हाथ मिला लिया है.

कांग्रेस ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि चीन ने गलवान घाटी में हमारे 20 जांबाज सैनिकों की जान ले ली. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के वक्त चीन खुलकर पाकिस्तान का साथ दे रहा था. इतना ही नहीं, वह पाकिस्तान को लाइव अपडेट भी दे रहा था. कांग्रेस ने इसके आगे लिखा कि चीन की इन नापाक हरकतों पर नरेंद्र मोदी ने सख्त कदम उठाया और मुस्कराते हुए चीन के राष्ट्रपति से हाथ मिलाया.

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी सोशल मीडिया पर मोदी की तीखी आलोचना करते हुए एक पोस्ट शेयर की. उन्होंने लिखा कि आज प्रधानमंत्री मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई. उन्होंने पीएम पर निशाना साधते हुए कहा कि जून 2020 में गलवान घाटी में चीनी आक्रामकता के चलते हमारे 20 सबसे बहादुर जवानों ने अपनी जान की कुर्बानी दी. इसके बावजूद, 19 जून 2020 को प्रधानमंत्री मोदी ने चीन को क्लीन चिट दे दी है.

इसके आगे कांग्रेस नेता ने लिखा कि सेना प्रमुख ने लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर यथास्थिति की पूर्ण बहाली की मांग की थी, लेकिन इसे हासिल करने में विफल रहने के बावजूद मोदी सरकार ने चीन के साथ सुलह की दिशा में कदम बढ़ाए, जिससे चीन की उस क्षेत्र में आक्रामकता को अप्रत्यक्ष रूप से वैधता मिल गई.

रमेश ने कहा कि 4 जुलाई को उप-सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के साथ चीन की जुगलबंदी पर जोरदार और स्पष्ट रूप से बात की. मगर इस अशुभ गठजोड़ पर ठोस प्रतिक्रिया देने के बजाय, मोदी सरकार ने इसे नियति मानकर चुपचाप स्वीकार कर लिया और अब चीन को राजकीय दौरों से पुरस्कृत कर रही है.

चीनी परियोजनाओं से भारत को नुकसान
उन्होंने आगे कहा कि चीन ने यारलुंग त्संगपो पर एक विशाल जलविद्युत परियोजना की घोषणा की है, जिसके हमारे उत्तर-पूर्वी राज्यों पर बेहद गंभीर प्रभाव पड़ेंगे. लेकिन मोदी सरकार की तरफ से इस मुद्दे पर एक शब्द भी नहीं बोला गया. साथ ही चीन से आयात की अनियंत्रित डंपिंग जारी है, जिसने हमारी MSME इकाइयों को बुरी तरह प्रभावित किया है. अन्य देशों की तरह सख्त कदम उठाने के बजाय, भारत ने चीनी आयातकों को लगभग खुली छूट दे दी है. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या ‘न्यू नॉर्मल’ को चीनी आक्रामकता और हमारी सरकार की कायरता से परिभाषित किया जाना चाहिए?

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