पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव: दिनहाटा में कांग्रेस कैंडिडेट के घर पर बमबाजी, लगाई आग;, ग्राउंड जीरो पर पहुंचे राज्यपाल

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में जैसे-जैसे पंचायत चुनाव नजदीक आ रहा है, बंगाल की राजनीति का माहौल गर्म होता जा रहा है। जगह-जगह अशांति और अव्यवस्था के आरोप लग रहे हैं। न सिर्फ पार्टी कार्यकर्ताओं-समर्थकों पर बल्कि प्रत्याशियों पर भी हमले का आरोप है। इस बार कूचबिहार में कांग्रेस उम्मीदवार के घर को निशाना बनाकर बम से हमला किया गया। आरोप है कि न सिर्फ बमबाजी की गई, बल्कि प्रत्याशी के घर में आग भी लगा दी गई। इस बीच, राज्यपाल सीवी आनंद बोस दिनहाटा पहुंच कर पीडि़तों से मुलाकात की।
शुक्रवार रात को दिनहाटा के ओकराबाड़ी ग्राम पंचायत के अंतर्गत बालाकांडी गांव में बूथ संख्या 6/261 के कांग्रेस प्रत्याशी के घर पर हमला हुआ। कांग्रेस का आरोप है कि तृणमूल समर्थित बदमाशों ने इस हमले को अंजाम दिया है।
हालांकि मकान निर्माणाधीन था, जिससे कोई बड़ी घटना नहीं घटी। निर्माणाधीन मकान की एक मंजिल पर तीन मकान जल गए हैं।, घटना से इलाके में काफी सनसनी मची हुई है। आग लगने की घटना के बाद स्थानीय लोग आग बुझाने में जुट गये। कूचबिहार पहुंचने पर राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल के लिए उनके दरवाजे खुले हैं। शनिवार सुबह प्रदर्शनकारी राज्यपाल से मिलने के लिए कूचबिहार सर्किट हाउस के सामने एकत्र हुए। इसमें बीजेपी विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ-साथ ‘प्रभावित’ बीजेपी कार्यकर्ता भी शामिल थे। वहां कांग्रेस और सीपीएम नेता भी थे। एक-एक कर सभी ने सत्तारूढ़ दल के खिलाफ राज्यपाल से शिकायत की। राज्यपाल से मुलाकात के बाद इन सभी ने संतुष्टि व्यक्त की।
राज्यपाल दिनहाटा अस्पताल में तृणमूल द्वारा गिरफ्तार किए गये पंचायत प्रधान तापस दास की पत्नी से मिलने आये थे। तापस दास इस बार भी तृणमूल के उम्मीदवार हैं। वह निर्विरोध जीते। एक पुराने मामले में वारंट होने के कारण पुलिस ने उसे कल गिरफ्तार कर लिया था। तापस दास की पत्नी को दिनहाटा अस्पताल में भर्ती कराया गया। राज्यपाल ने उनसे मुलाकात की। कूचबिहार सर्किट हाउस से बाहर आकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निशीथ प्रमाणिक ने भी कहा कि राज्यपाल की बातों से उन्हें भरोसा हुआ है। उम्मीद है कि पंचायत चुनाव को लेकर राजनीतिक हिंसा रुकेगी।
उन्होंने कहा, ‘पूरे कूचबिहार में तृणमूल के गुंडों द्वारा सभी राजनीतिक दलों पर जिस तरह से अत्याचार किया जा रहा है, वह इस जिले के लोगों ने नहीं देखा है। टीएमसी के लोगों को साफ समझ आ गया है कि यहां उनके पैरों तले की जमीन खिसक चुकी है। इसलिए ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी बार-बार जिले में आ रही हैं। उन्होंने कहा कूचबिहार में उनका कोई मूल्य नहीं है। इसके लिए मुख्यमंत्री अपनी पुलिस से दमन कर सत्ता पर कुठाराघात करने का प्रयास कर रहे हैं। हमने राज्यपाल को यह सब बता दिया है।
दूसरी ओर, सत्ताधारी पार्टी तृणमूल राज्यपाल की भूमिका में राजनीति देख रही है। गौरतलब है कि शनिवार को जिला आयुक्त, जिला पुलिस अधीक्षक से लेकर सत्ता पक्ष का कोई भी प्रतिनिधि राज्यपाल के आसपास नजर नहीं आया।तृणमूल प्रवक्ता पार्थप्रतिम रॉय ने कहा, बीएसएफ तृणमूल को कूच बिहार के सीमावर्ती इलाकों में चुनाव प्रचार करने से रोक रहा है। उस संबंध में राज्यपाल की क्या भूमिका होगी?
तृणमूल नेता का दावा है कि बीजेपी संघीय सत्ता को तोडऩा चाहती है। केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से विभिन्न तरीकों से तृणमूल को परेशान करने की कोशिश की गई है। तृणमूल ने पंचायत चुनाव से पहले राज्यपाल की ‘सक्रियता’ पर भी सवाल उठाए हैं।

 

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