बीजेपी की नींव हिलाने गुजरात उतरी कांग्रेस, 40 नए योद्धा मैदान में… 

गुजरात कांग्रेस ने हाल ही में अपने संगठन में बड़ा बदलाव किया है... संगठन सृजन अभियान के तहत 40 से ज़्यादा नए जिला अध्यक्षों...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः गुजरात भारतीय जनता पार्टी का अभेद्य किला है…… जहां पिछले तीन दशकों से कमल का फूल खिल रहा है…… लेकिन अब इस किले की दीवारों को भेदने के लिए कांग्रेस ने नया दांव खेला है…… ‘संगठन सृजन अभियान’ के तहत गुजरात कांग्रेस ने 40 जिला और शहर अध्यक्षों की नियुक्ति की है…….. जिसमें आधे से ज्यादा चेहरे नए और युवा हैं…… बता दें कि कांग्रेस का यह कदम 2027 के विधानसभा चुनावों की तैयारी का हिस्सा है……. और इसे बीजेपी के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है…… तो वहीं आज हम इस खबर में विस्तार से जानेंगे कि….. क्या कांग्रेस का यह पावर-प्ले बीजेपी की नींद उड़ा देगा…..

कांग्रेस ने गुजरात में अपनी जड़ें मजबूत करने के लिए ‘संगठन सृजन अभियान’ की शुरुआत की है…….. इस अभियान के तहत पार्टी ने 40 जिला और शहर इकाइयों में नए अध्यक्ष नियुक्त किए हैं……. अहमदाबाद शहर की कमान सोनल पटेल को सौंपी गई है…… जबकि वडोदरा में अनुभवी नेताओं पर भरोसा जताया गया है…….. खास बात यह है कि इन 40 नियुक्तियों में करीब 50 फीसदी चेहरे ऐसे हैं……. जिन्हें पहली बार ये जिम्मेदारी मिली है……

वहीं इस अभियान की शुरुआत राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की पहल पर हुई……. पार्टी ने दो महीने से ज्यादा समय तक रिसर्च और विचार-मंथन किया……. जिसमें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पर्यवेक्षकों ने अहम भूमिका निभाई……. 12 अप्रैल 2025 को गुजरात के सभी जिलों में 43 AICC और 183 PCC पर्यवेक्षकों को तैनात किया गया था……. इन पर्यवेक्षकों ने 26 लोकसभा क्षेत्रों……. 182 विधानसभा क्षेत्रों….. और 235 ब्लॉक कांग्रेस समितियों का दौरा कर जमीनी स्तर पर स्थिति का जायजा लिया……..

कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि ये नियुक्तियां एक गहन संगठनात्मक कवायद का परिणाम हैं…….. हमारा लक्ष्य पारदर्शी, समावेशी और विचारधारा आधारित नेतृत्व को सामने लाना है…… यह कदम न केवल संगठन को मजबूत करने का प्रयास है……. बल्कि बीजेपी के दशकों पुराने वर्चस्व को चुनौती देने की रणनीति भी है……

गुजरात में बीजेपी की मजबूती का एक बड़ा कारण कांग्रेस की कमजोरी रही है……. 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 77 सीटें जीतकर बीजेपी को कड़ी टक्कर दी थी……. लेकिन 2022 में उसका प्रदर्शन सिमटकर मात्र 17 सीटों तक रह गया……. वोट शेयर भी 30 फीसदी से नीचे चला गया……. इसका एक प्रमुख कारण था कांग्रेस नेताओं का बीजेपी में पलायन…… 2017 के बाद 37 कांग्रेस नेता बीजेपी में शामिल हुए…… जिनमें से 34 ने 2022 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीता……..

वहीं कांग्रेस की गुटबाजी और नेतृत्व की कमी ने भी बीजेपी को फायदा पहुंचाया…… 2022 के चुनावों में राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान गुजरात में उनकी अनुपस्थिति को बीजेपी ने खूब भुनाया…… अमित शाह ने एक रैली में कहा कि राहुल गांधी को पता है कि नतीजे क्या होंगे……. इसलिए वे गुजरात नहीं आ रहे…… जिसको लेकर वरिष्ठ पत्रकार ने टिप्पणी की…… कि कांग्रेस ने थाली में सजाकर गुजरात बीजेपी को सौंप दिया……

इसके अलावा बीजेपी ने स्थानीय निकाय चुनावों में भी कांग्रेस को धूल चटाई…….. 2021 के निकाय चुनावों में बीजेपी ने 81 नगरपालिकाओं में से 75 पर कब्जा किया…….. जबकि कांग्रेस को केवल 4 पर संतोष करना पड़ा……. यह स्थिति कांग्रेस के लिए चेतावनी थी कि अगर संगठन को मजबूत नहीं किया गया……. तो गुजरात में उसका अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है…….

आपको बता दें कि बीजेपी गुजरात में 1995 से सत्ता में है……. 2022 के विधानसभा चुनाव में उसने 156 सीटें जीतकर इतिहास रच दिया……. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का गृह राज्य होने के कारण गुजरात बीजेपी के लिए साख का सवाल है…… वहीं गुजरात चुनाव को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देखा जाता है…… अगर मोदी अपने गृह राज्य में हार जाते……. तो बीजेपी के लिए इससे उबरना मुश्किल होता…….

लेकिन बीजेपी की इस ताकत में कुछ कमियां भी उभर रही हैं……. पहला पार्टी पर अहंकार का आरोप लग रहा है…….. 2021 में अचानक मुख्यमंत्री और पूरी कैबिनेट बदलने का फैसला जनता के बीच सवाल उठा चुका है…….. दूसरा गुजरात में बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और किसानों की समस्याएं बीजेपी के लिए चुनौती बन सकती हैं……… कांग्रेस ने 2022 में ईंधन कीमतों और मुद्रास्फीति के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किए थे……… जिसमें कार्यकर्ताओं ने खाली LPG सिलेंडर और पुतले जलाकर सरकार को घेरा…….

तीसरा गुजरात विधानसभा के 182 नवनिर्वाचित विधायकों में से 40 के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं……… जिनमें 26 बीजेपी के हैं……. इनमें हत्या की कोशिश और यौन उत्पीड़न जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं……. यह मुद्दा कांग्रेस के लिए बीजेपी को घेरने का बड़ा हथियार हो सकता है……

वहीं कांग्रेस ने इस बार गुजरात में नई और पुरानी पीढ़ी को एक साथ लाने की कोशिश की है…….. 40 नए अध्यक्षों में युवा चेहरों को मौका देकर पार्टी ने जमीनी स्तर पर नई ऊर्जा लाने का प्रयास किया है……. साथ ही अनुभवी नेताओं को भी नजरअंदाज नहीं किया गया……. यह संतुलन पार्टी के अंदरूनी माहौल को मजबूत करने में मददगार साबित हो सकता है…….

राहुल गांधी ने हाल ही में गुजरात का दौरा किया था……. जहां उन्होंने कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद किया……. और उन्होंने गुटबाजी को लेकर सख्त संदेश दिया और कहा कि लड़ाई बीजेपी से है……. अंदर नहीं……. आपको बता दें कि राहुल गांधी ने सार्वजनिक रूप से गुजरात में पार्टी की कमजोरियों को स्वीकार किया……. यह कार्यकर्ताओं को यह संदेश देने की कोशिश थी कि नेतृत्व सच्चाई से वाकिफ है…….

कांग्रेस ने बूथ स्तर से लेकर जिला स्तर तक संगठन को सक्रिय करने की जिम्मेदारी इन नए अध्यक्षों को सौंपी है…….. पार्टी का दावा है कि 2027 तक वह गुजरात में बीजेपी को कड़ी टक्कर देगी……. वहीं एक पोस्ट में राहुल गांधी के हवाले से कहा गया कि गुजरात में विपक्ष के पास 40 फीसदी वोट हैं……. अगर सिर्फ 5 फीसदी वोट और बढ़ जाए……. तो कांग्रेस की सरकार बन सकती है…….

गुजरात में बीजेपी की स्थिति अभी मजबूत दिखती है…….. लेकिन कुछ मुद्दे उसे कमजोर कर सकते हैं……. पहला आम आदमी पार्टी का उभरना……. 2022 में आप ने 13 फीसदी वोट शेयर हासिल किया…….. जो ज्यादातर कांग्रेस के वोट बैंक से आया…… अगर कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन होता है……. तो बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं……

दूसरा गुजरात में ड्रग्स की तस्करी का मुद्दा बहुत बड़ा है…… 2021 में मुंद्रा पोर्ट पर ड्रग्स जब्ती के बाद कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला था……. पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट से जांच की मांग की…… और आरोप लगाया कि ड्रग्स का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए हो सकता है……. वहीं यह मुद्दा जनता के बीच बीजेपी की छवि को नुकसान पहुंचा सकता है…….

तीसरा किसानों और युवाओं की नाराजगी…….. कांग्रेस नेता ललित वसोया ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार के 6 घंटे बिजली आपूर्ति के दावे के बावजूद किसानों को 3 घंटे भी बिजली नहीं मिल रही……. इसके अलावा गुजरात में 700 सरकारी स्कूल केवल एक शिक्षक के सहारे चल रहे हैं…….. जो शिक्षा की बदहाली को दर्शाता है……

कांग्रेस ने गुजरात में रोजगार और विकास के बड़े वादे किए हैं……. पार्टी ने दो साल में 5 लाख नौकरियां और 2024 तक 10 लाख नौकरियां देने का वचन दिया है…… इसके अलावा सरकारी नौकरियों में अनुबंध प्रणाली को खत्म करने……. और युवाओं के लिए 3000 रुपये का बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया गया है……. ये वादे युवा वोटरों को आकर्षित कर सकते हैं…….. जो बीजेपी की नीतियों से नाराज हैं……

वहीं कांग्रेस पार्टी ने इंदिरा गांधी शहरी रोजगार योजना के तहत गरीब परिवारों को प्रति वर्ष कम से कम 100 दिन का रोजगार देने का भी ऐलान किया है……. यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा की तर्ज पर शहरी क्षेत्रों में लागू की जाएगी…….

आपको बता दें कि कांग्रेस का ‘संगठन सृजन अभियान’ गुजरात में एक नई शुरुआत है…… 40 नए सिपाहियों की नियुक्ति से पार्टी ने यह संदेश दिया है कि वह बीजेपी के गढ़ में सेंध लगाने को तैयार है……. राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे की अगुवाई में कांग्रेस न केवल संगठन को मजबूत कर रही है……. बल्कि जनता के मुद्दों को उठाकर बीजेपी को घेरने की रणनीति भी बना रही है…….

हालांकि बीजेपी की ताकत को कम आंकना कांग्रेस के लिए भूल हो सकता है…….. गुजरात में बीजेपी का वोट बैंक मजबूत है…….. और नरेंद्र मोदी का ब्रांड अब भी चमक रहा है……. फिर भी बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और ड्रग्स जैसे मुद्दे बीजेपी के लिए खतरे की घंटी बजा सकते हैं…….. अगर कांग्रेस अपने वादों को जमीनी स्तर पर लागू कर पाई…… और आप के साथ गठबंधन कर लिया…….. तो 2027 में गुजरात का सियासी समीकरण बदल सकता है…..

 

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