कांग्रेस नेताओं ने खोल दी मोदी की पोल, हो गया भाजपा का सारा प्लान फेल!

4PM न्यूज़ नेटवर्क: लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल एक्टिव मोड में नजर आ रहे हैं। ऐसे में लगातार चुनाव प्रचार भी हो रहा है। भाजपा कांग्रेस समेत अन्य पार्टियों के नेता भी जनता के बीच पहुंच कर अपनी योजनाओं के बारे में बता रहे हैं। इस चुनावी मौसम में जहां जहां चुनाव हो चुके हैं वहां के नेता अब अन्य राज्यों में पहुंच कर पार्टी के हक में प्रचार कर रहे हैं। वोटरों को साधने के लिए बड़े-बड़े वादे भी किये जा रहे हैं। ऐसे में हम बात करें राजस्थान की तो भले ही राजस्थान में चुनाव हो गए हों लेकिन वहां का सियासी माहौल अभी भी गर्म है ऐसा इस लिए क्योंकि अब वहां के नेता अन्य राज्यों में पहुँच कर सियासी पारा बढ़ा रहे हैं। राजस्थान में इन दिनों भले ही भाजपा की सरकार हो लेकिन जिस हिसाब से इस बार के वोटरों ने वोट किया है इससे एक बार तो तय है कि इस बार का चुनाव भाजपा के लिए अच्छे संकेत नहीं दे रहा है। जिस तरह से नेताओं के बयान सामने आ रहे हैं ये बार साफ़ तौर पर जाहिर करती है कि राजस्थन की 25 लोकसभा सीटों में कड़ी टक्कर हुई है कोई एकतरफा मामला नहीं है।

ऐसे में अब भाजपा और कांग्रेस नेता लगातार वोटरों को साधने के लिए अन्य प्रदेशों के दौरे भी कर रहे हैं। वहीं अब राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान के बाद अब यूपी की सबसे हॉट सीट अमेठी में प्रचार-प्रसार की कमान संभाल ली है। बता दें कि पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट पर मोर्चा संभाल लिया है. कांग्रेस की तरफ़ से अमेठी के लिए सीनियर ऑब्ज़र्वर बनाये गए गहलोत का मानना है कि कांग्रेस ने यहां ज़मीनी कार्यकर्ता किशोरी लाल शर्मा को उतारा है. ऐसे में उनकी जीत पक्की है. और कमान संभालते ही वो न सिर्फ कांग्रेस कैंडिडेट के लिए वोट मांग रहे हैं बल्कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पर जमकर हमला भी बोल रहे हैं। इसी बीच उन्होंने कहा कि लोग बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के 5-5 साल के दो अलग काम का आंकलन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि 2014 के चुनाव में हारने के बाद स्मृति ईरानी नियमित रूप से अमेठी आती-जाती रही. वहां के डॉक्टर्स को लखनऊ बिठा दिया. जो जाता, उसका इलाज भी करवाया जाता लेकिन सांसद बनने के बाद जो रवैया रहा, उसके बाद अमेठी के लोग राहुल गांधी को याद करते हैं।

इतना ही नहीं साथ ही अशोक गहलोत ने कहा कि चुनाव जीतने के बाद अमेठी के लोगों का मान-सम्मान और सांसद ईरानी दोनों ही गायब हो गए. लिहाजा अबकी बार वहां का मिजाज़ अलग है. गहलोत ने कहा कि केएल शर्मा 40 साल से पूरा काम देख रहे हैं. एक-एक कार्यकर्ता को जानते हैं. लोगों का उनसे सीधा सम्पर्क है. ऐसे में लोग भी मानते हैं कि शर्मा जनता के सुख-दुख में काम आएंगे. राहुल गांधी ने अब अडाणी-अंबानी का नाम लेना बंद क्यों कर दिया? पिछले दिनों प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में यह बयान दिया तो उसके बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पीएम के इस बयान पर सवाल उठाया है. गहलोत ने कहा कि पीएम के इस बयान ने इतिहास रच दिया. वे बोले कि पूरा देश हंस रहा है. कुछ लोग गुस्से में भी हैं. दरअसल लोग समझ नहीं पा रहे कि ये ऐसा क्यों बोल रहे हैं. इस पर बीजेपी वालों से भी बयान का बचाव करते नहीं बन रहा. गहलोत ने कहा कि जब प्रधानमंत्री यह बयान दे रहे थे? उससे पहले दिन खुद उन्होंने राहुल गांधी को अड़ाणी-अम्बानी का मुद्दा उठाते सुना. गहलोत ने कहा कि उनका तो चुनाव का मुद्दा ही यही है कि देश में 22 इण्डस्ट्रियलिस्ट को 70 फीसदी जनता के बराबर पैसा दे दिया? उनका 16 लाख करोड़ का कर्जा माफ कर दिया. पूर्व सीएम ने कहा कि दोनों का नाम लेकर बोल रहे पीएम अब एक्सपोज़ हो चुके हैं।

वहीं इस मामले को लेकर सियासी पारा हाई हो गया है और आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। पूर्व सीएम अशोक गहलोत का बयान आने के बाद सियासी माहौल और गरमा गया जिसपर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दिए गए बयान को हास्यास्पद बताया है। उन्होंने कहा है कि 4 जून तक पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ऐसे बयान देकर अपना दिल बहला सकते हैं और खुश हो सकते हैं। चुनाव परिणाम के बाद गहलोत अपने घर से बाहर निकलने एवं प्रदेश की जनता को अपना मुंह दिखाने में शर्म महसूस करेंगे। जोशी ने कहा कि प्रदेश की जनता 5 महीने पहले ही कांग्रेस को आईना दिखा चुकी है। जिसके नेतृत्व को प्रदेश की जनता ने नकारा है, वे अनर्गल बयानबाजी कर कर जनता को भ्रमित करने का असफल प्रयास कर रहे हैं। कांग्रेस की साम्प्रदायिक और जातिवादी सोच के कारण देश पहले ही भारी नुकसान सह चुका है।

अब ऐसा नहीं है कि इस बढ़ते सियासी तापमान में सिर्फ अशोक गहलोत ही भाजपा पर बरस रहे हैं बल्कि अन्य नेता भी भाजपा और पीएम मोदी को खरी खोटी सुना रहे हैं, ऐसे में पुर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट भी भाजपा को घेरने को कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। कांग्रेस महासचिव और राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने हाल ही में एक साक्षात्कार के दौरान कई सवालों के जवाब दिए. पायलट ने 2018 में खुद को मुख्यमंत्री न बनाने, कांग्रेस की चुनावी रणनीति, राजस्थान में कांग्रेस की हार, लोकसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी के परफॉरमेंस जैसे कई मुद्दों पर अपनी बात रखी. जब उनसे पूछा गया कि, कांग्रेस पार्टी ने उन्हें 2018 में मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनाया? इसका जवाब देते हुए पायलट ने कहा, वो निर्णय पार्टी का था और आज में यह कहना चाहूंगा कि, वो फैसला भी पार्टी ने मुझसे राय मशवरे के बाद लिया था. उन्होंने कहा, जो किस्मत में होता है मिलता है, जो नहीं होता नहीं मिलता’. अशोक गहलोत से ‘तल्ख’ रिश्तों का पिछले विधानसभा चुनाव के परिणाम पर प्रभाव पड़ने के सवाल पर पायलट ने कहा कि, 2013 के विधानसभा चुनाव में जब हम हारे थे तो हमारी 21 सीटें आईं थीं. लेकिन 2023 के चुनाव में जब हम हारे हैं तो हम 71 सीटें जीते हैं.

हम जब भी हारते थे 20-21 या 50 तक सिमट जाते थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ. भले ही हम सरकार रिपीट नहीं करवा पाए हों. लेकिन हमने अच्छी फाइट दी. हमने सबने मिल कर चुनाव लड़ा. राजस्थान में लोकसभा चुनाव पर बात करते हुए पायलट ने कहा, जो ऊपर जाता है वो नीचे भी आता है. राजस्थान में 10 साल से सभी सांसद भाजपा के चुने गए. लेकिन वो राजस्थान के लिए कोई बड़ा काम नहीं कर पाए. राजस्थन में 4 महीने पहले बनी भारतीय जनता पार्टी की सरकार प्रदेश में कोई प्रभाव नहीं छोड़ पाई, हम इस बार राजस्थान में भाजपा से अच्छा प्रदर्शन करेंगे। भाजपा की तरफ से लगातार की जा रही गलत बयानबाजी को लेकर भी कांग्रेस नेता उन्हें जमकर घेर रहे हैं। पीएम मोदी द्वारा कहा जा रहा है कि अबकी बार 4 सौ पार सीटें आएंगी। जिसे लेकर भी कांग्रेस पार्टी के नेता उनपर जमकर निशाना साध रहे हैं। अब जिस तरह का माहौल बना है इससे एक बार तो तय है कि भाजपा के लिए ये चुनावी पिछले चुनाव से बिलकुल अलग है और इस बार के चुनाव में भाजपा को जीत दर्ज करना कहीं न कहीं मुश्किल बनता जा रहा है। अब किसकी हां रहोगी और किसकी जीत ये तो खैर चुनवी परिणाम आने की बाद ही पता चल पाएगा।

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