ईवीएम पर रोना-धोना बंद करे कांग्रेस : उमर
- जम्मू-कश्मीर के सीएम के बयान पर भडक़ी कांग्रेस
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ईवीएम में हेराफेरी के आरोपों से पूरी तरह इनकार किया है और कांग्रेस को भी इस मुद्दे पर रोना-धोना बंद करने की नसीहत दी है। अब्दुल्ला के बयान के बाद कांग्रेस का पारा चढ़ गया है जिसके बाद कांग्रेस ने पूछा है कि मुख्यमंत्री बनने के बाद हमारे सहयोगियों का ऐसा रवैया क्यों हो जा रहा है? बता दें उमर ने एक इंटरव्यू में कहा कि ईवीएम को हार के लिए बलि का बकरा नहीं बनाया जाना चाहिए।
उमर अब्दुल्ला ने बीजेपी का रुख दोहराते हुए कहा कि ऐसा नहीं हो सकता कि जब आप चुनाव जीतें तो परिणाम स्वीकार कर लें और जब हार जायें तो ईवीएम पर दोष मढ़ दें। अब्दुल्ला ने कहा, ‘जब संसद के सौ से अधिक सदस्य एक ही ईवीएम का इस्तेमाल कर कांग्रेस को मिले हैं और आप इसे अपनी पार्टी की जीत के रूप में मनाते हों, तो आप कुछ महीने बाद पलटकर यह नहीं कह सकते कि हमें ये ईवीएम पसंद नहीं हैं क्योंकि अब चुनाव परिणाम उस तरह नहीं आ रहे हैं, जैसा आप चाहते हैं।’ जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री ने मोदी सरकार के सेंट्रल विस्टा परियोजना की भी तारीफ की और कहा कि नया संसद भवन बनाना एक बेहतरीन विचार था। हमें नए संसद भवन की आवश्यकता थी।
अब्दुल्ला कृपया तथ्यों की जांच भी करें : मणिकम टैगोर
कांग्रेस नेता मणिकम टैगोर ने कहा कि समाजवादी पार्टी, एनसीपी और शिवसेना-यूबीटी ने ईवीएम के खिलाफ बोला है। सीएम उमर अब्दुल्ला कृपया अपने तथ्यों की जांच करें। कांग्रेस सीडब्ल्यूसी का प्रस्ताव स्पष्ट रूप से केवल चुनाव आयोग के सामने उठाता है। सीएम बनने के बाद हमारे सहयोगियों के प्रति ऐसा रवैया क्यों?
कांग्रेस संविधान को लगातार कर रही कमजोर : तरुण चुघ
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने संविधान की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण की सराहना की। उन्होंने कांग्रेस पार्टी द्वारा की गई ऐतिहासिक भूलों की भी आलोचना की, उन्होंने कहा कि इसने संविधान की पवित्रता और भावना को कमजोर किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस लगातार संविधान को कमजोर करने की कोशिशों में लगी रही। चुघ ने कहा कि अतीत में कांग्रेस द्वारा किए गए नुकसान पर प्रधानमंत्री का कड़ा रुख प्रशंसनीय है। खासकर 1975 में आपातकाल लागू करने के दौरान, जब संवैधानिक प्रावधानों को निलंबित कर दिया गया था। तरुण चुघ ने कहा, जबकि हम अपने संविधान के 75 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं।