उत्तराखंड चुनाव में बूढ़े घोड़ों पर दांव लगाएगी कांग्रेस

देहरादून। उत्तराखंड चुनाव की दौड़ में कांग्रेस अपने ‘बूढ़े घोड़ेÓ दौड़ाने से परहेज करने के मूड में नहीं है। बेहद महत्वपूर्ण माने जा रहे इस विधानसभा चुनाव के लिए किन उम्मीदवारों को मैदान में उतारना है, इस बारे में कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी ने विचार विमर्श किया। पार्टी में अंदरूनी पैठ रखने वालों की मानें तो पार्टी के 10 सिटिंग विधायकों को टिकट मिलना तय है। इन आजमाए जा चुके चेहरों के अलावा, कांग्रेस पार्टी अपने वरिष्ठ यानी तजुर्बेकार चेहरों पर दांव खेलने के मूड में है, भले ही पिछले चुनाव में वरिष्ठों को हार का स्वाद चखना पड़ा हो।

उत्तराखंड में 2017 के चुनाव के दौरान मोदी लहर के चलते कई दिग्गजों और अनुभवी नेताओं को हार झेलनी पड़ी थी। तब 70 विधानसभाओं वाले राज्य में कांग्रेस को केवल 10 सीटें मिली थीं, जबकि 57 पर बीजेपी ने जीतकर प्रचंड बहुमत पाया था। अब आगामी 2022 चुनाव के लिहाज से टिकट देने की कवायद पर कांग्रेस के भीतर क्या चल रहा है, इससे जुड़े एक अहम नेता का कहना है कि पिछली बार चुनाव में कई विजेता नेता अपनी सीटों से हारे थे। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने तो दो सीटों से चुनाव लड़ा था और दोनों गंवाई थीं। स्क्रीनिंग कमेटी के प्रमुख कांग्रेस नेता अविनाश पांडे ने बताया कि बुधवार को जो बैठक हुई, उसमें कई अनुभवी कांग्रेसी नेता शामिल थे।

क्या है कांग्रेस का गेम प्लान?

कांग्रेस का अंदरूनी आंकलन साफ संकेत दे रहा है कि पार्टी पहाड़ी क्षेत्रों में बढ़त की स्थिति में है। इन सीटों पर कांग्रेस अपने वरिष्ठ नेताओं को मौका देने के मूड में है। मिसाल के तौर पर पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, गंगोत्री, देवप्रयाग और टिहरी जैसी सीटों पर कांग्रेस पहले विधायक रह चुके चेहरों को टिकट दे सकती है। पांडे का कहना है कि किसी भी उम्मीदवार के चयन से पहले कई पहलुओं पर विचार विमर्श किया जाएगा।

 

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