जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग का कांग्रेस करेगी समर्थन, सांसद करेंगे हस्ताक्षर: जयराम रमेश

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शुक्रवार को कहा कि मुख्य विपक्षी दल लोकसभा में जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ लाए जाने वाले प्रस्ताव का समर्थन करेगा.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बता दिया है कि लोकसभा में जस्टिस वर्मा के खिलाफ लाए जा रहे महाभियोग पर कांग्रेस का रुख क्या होगा.

उन्होंने कहा, हम समर्थन कर रहे हैं, हमारे सांसद लोकसभा में प्रस्ताव पर हस्ताक्षर भी कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा, कांग्रेस और दूसरे विपक्ष दल इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस शेखर यादव की संविधान विरोधी और सांप्रदायिक टिप्पणी के मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाएंगे और कार्रवाई की मांग करेंगे.

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शुक्रवार को कहा कि मुख्य विपक्षी दल लोकसभा में जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ लाए जाने वाले प्रस्ताव का समर्थन करेगा. उसके सांसद भी इस पर हस्ताक्षर करेंगे. उन्होंने कहा, क्योंकि तत्कालीन सीजेआई संजीव खन्ना ने इस मामले में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर हमें ऐसा करने के लिए बाध्य कर दिया है.

कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस और दूसरे विपक्ष दल इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस शेखर यादव की संविधान विरोधी और सांप्रदायिक टिप्पणी के मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाएंगे और कार्रवाई की मांग करेंगे. उन्होंने आगे कहा, पिछले साल दिसंबर में 55 विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा में जस्टिस यादव के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव संबंधी नोटिस दिया था, लेकिन इसके बाद से सभापति जगदीप धनखड़ ने कोई कदम नहीं उठाया है.

इस साल मार्च में जब जस्टिस वर्मा दिल्ली हाईकोर्ट में न्यायाधीश थे तब राष्ट्रीय राजधानी स्थित उनके आवास पर आग लगने की घटना हुई थी और उस समय जले हुए नोट बरामद होने की बात सामने आई थी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त समिति ने कई गवाहों से बात करने और उनके बयान दर्ज करने के बाद उन्हें दोषी पाया. तत्कालीन सीजेआई खन्ना ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की सिफारिश की थी.

जस्टिस वर्मा के खिलाफ प्रस्ताव लाने की सत्तापक्ष की पहल के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, सरकार महाभियोग नहीं चला सकती. संविधान के अनुच्छेद 124 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि प्रस्ताव सांसद ही लाते हैं. लोकसभा में 100 सांसद या राज्यसभा में 50 सांसदों के हस्ताक्षर होने चाहिए. हम समर्थन कर रहे हैं, हमारे सांसद लोकसभा में प्रस्ताव पर हस्ताक्षर भी कर रहे हैं और यह महाभियोग के लिए नहीं, बल्कि न्यायाधीश (जांच) अधिनियम, 1968 के तहत अध्यक्ष द्वारा तीन सदस्यीय समिति गठित करने के लिए है.

कांग्रेस नेता रमेश ने जस्टिस यादव को लेकर कहा, इस मामले में पहले समिति गठित की जाएगी जो मामले की जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट देगी और फिर उस रिपोर्ट के आधार पर संभवतः संसद के शीतकालीन सत्र में, पहले लोकसभा और फिर राज्यसभा में संबंधित जस्टिस को हटाने की प्रक्रिया शुरू होगी. साथ ही, उन्होंने कहा कि 55 राज्यसभा सदस्यों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस यादव को संविधान के मूल सिद्धांतों के विरुद्ध भड़काऊ और सांप्रदायिक बयान देने के लिए हटाने का प्रस्ताव पेश करने का नोटिस पहले ही दे दिया है.

कांग्रेस महासचिव ने दावा किया, उन्होंने (जस्टिस यादव) अपनी शपथ का उल्लंघन किया और उन्होंने संविधान के सभी सिद्धांतों का उल्लंघन किया. उनके खिलाफ नोटिस सात महीने से लंबित है. मैं बार-बार सभापति से मिला हूं, कानून मंत्री से मिला हूं, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ. कांग्रेस नेता ने कहा, सभापति खुद नोटिस पर कदम नहीं उठा रहे हैं या उन्हें इसके लिए मजबूर किया गया है, मुझे नहीं पता. मैं सभापति का सम्मान करता हूं. मुझे उम्मीद है कि वह इसे मंजूरी देंगे.

जस्टिस वर्मा ने क्या कहा?
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि उनका मानना है कि जस्टिस वर्मा के मामले में सभी दल प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करेंगे. उधर, जस्टिस वर्मा ने आंतरिक जांच समिति की उस रिपोर्ट को अमान्य ठहराने का अनुरोध करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है, जिसमें उन्हें नकदी बरामदगी मामले में कदाचार का दोषी पाया गया है. जस्टिस वर्मा ने तत्कालीन सीजेआई संजीव खन्ना द्वारा 8 मई को संसद से उनके खिलाफ महाभियोग चलाने का आग्रह करने वाली सिफारिश को रद्द करने की मांग की है.

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