चीन में फिर बढ़ी कोरोना की रफ्तार, दुनिया में बढ़ी टेंशन
नई दिल्ली। बीते दो महीनों से चीन कोरोना से बुरी तरह जूझ रहा है. सरकार के खिलाफ लोग सडक़ों पर उतर आए. यहां पर मीडिया पर पाबंदी है इसलिए जो सरकार चाहती है बस वही जानकारी आम लोगों तक पहुंच रही है. चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कोविड-19 से दो और मरीजों की मौत होने की जानकारी दी. दोनों मरीजों की मौत राजधानी बीजिंग में हुई. चीन ने अपनी सख्त जीरो कोविड नीति में कुछ छूट दी है जिसके बाद देशभर में संक्रमण और मौत के मामले बढ़े हैं. कोरोना की तेज रफ्तार देखते हुए विश्व के कई देशों ने चिंता जाहिर की है.
दो साल के बाद पूरे विश्व में कोरोना कमजोर हुआ है. आम जनजीवन पटरी पर लौटा है. लोग वापस ने घूमने निकल रहे हैं. दफ्तर भी खुल चुके हैं मगर चीन में जिस रफ्तार से कोरोना बढ़ रहा है उससे डर पैदा हो गया है. अमेरिका को चिंता है कि चीन का कोविड-19 प्रकोप वायरस के नए रूप को जन्म दे सकता है. विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि हम चीन में मौजूदा प्रकोप की बात करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि ये वायरस कभी भी फैल सकता है और इसमें खुद को परिवर्तित करने की क्षमता है.
चीनी शहरों में कोविड-19 मामलों की लहर देखी जा रही है. यहां की सरकार आंकड़े छिपा रही है. सोमवार को बीजिंग के श्मशान घाट से पुलिस और सुरक्षा गार्डों ने पत्रकारों को खदेड़ दिया. क्वारंटाइन और आइसोलेशन प्रोटोकॉल सहित सख्त प्रतिबंधों को हटाने के सरकार के फैसले के बाद प्रकोप बढ़ गया है. चीन के पश्चिमी शहर झिंजियांग क्षेत्र में आग लगने से मौतें हो गईं थीं.
स्थानीय लोगों का कहना था कि कोरोना प्रतिबंधों के कारण रेस्क्यू नहीं हो पाया जिससे इतने लोगों की जान चली गई. इसके बाद बड़ी संख्या में लोग सडक़ों पर उतर गए और विरोध करने लगे. यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन सहित स्वास्थ्य एजेंसियां डेल्टा या ओमीक्रोन जैसे नए वेरिएंट की तलाश में हैं, क्योंकि दुनिया भर के विभिन्न देशों में कोविड-19 मामले में तेजी आई है. सीडीसी के मुताबिक कोरोना के नए वेरिएंट वायरस को अधिक आसानी से फैलाने में मदद करते हैं.
चीन राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने पिछले तीन साल में कोविड-19 से 5,237 लोगों के जान गंवाने की जानकारी दी है और संक्रमण के मामलों की संख्या 3,80,453 बतायी है जो अन्य प्रमुख देशों से कहीं कम है. चीन के स्वास्थ्य प्राधिकारी केवल उन्हीं लोगों को कोविड-19 मृतकों की सूची में जोड़ते हैं जिनकी सीधे संक्रमण की वजह से मौत हुई तथा उन्हें मधुमेह और दिल की बीमारी नहीं थी. वहीं, कई अन्य देशों में ऐसा नहीं है. चीनी अधिकारियों ने यह घोषणा तब की है जब कुछ लोगों ने कोरोना वायरस से मौत के मामले बढऩे की जानकारी दी है.