पूर्व पीएम शेख हसीना को फांसी की सजा, कई देशों में शीर्ष नेताओं को सुनाई गई मौत की सजा
बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना को इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है. वो मानवता-विरोधी अपराधों में दोषी पाई गईं. यह पहला मामला नहीं है.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना को इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है. वो मानवता-विरोधी अपराधों में दोषी पाई गईं. यह पहला मामला नहीं है. इतिहास में कई देशों के शीर्ष नेताओं, जैसे परवेज मुशर्रफ समेत कई नेताओं को सजा-ए-मौत सुनाई गई है.
बांग्लादेश की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल कोर्ट ने देश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सोमवार को फांसी की सजा सुनाई है. शेख हसीना 5 में से 3 आरोपों में दोषी पाई गईं. शेख हसीना दुनिया की पहली प्रधानमंत्री नहीं हैं जिन्हें फांसी की सजा सुनाई है. इससे पहले भी कई देशों ने शीर्ष नेतृत्व को फांसी की सजा सुनाई है.
कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमान खान कमाल को पिछले साल के जुलाई विद्रोह के दौरान किए गए मानवता-विरोधी अपराधों के मामले में मौत की सजा सुनाई है. कोर्ट ने हत्या के लिए उकसाने और हत्या का आदेश देने में दोषी पाते हुए ये सजा सुनाई.
पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ
परवेज मुशर्रफ साल 2001 से 2008 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति थे. उन पर 2019 में देशद्रोह के एक मामले में जिसमें 2007 में संविधान निलंबित करने का आरोप था. गैर-हाजिरी में मौत की सजा सुनाई गई थी. यह सजा 2020 में रद्द कर दी गई थी. हालांकि, परवेज मुशर्रफ का साल 2023 में दुबई में निर्वासन के दौरान निधन हो गया.
जॉर्जियोस पापाडोपोलोस
जॉर्जियोस पापाडोपोलोस ग्रीस के राष्ट्रपति थे. 1967 के तख्तापलट का नेतृत्व करने वाला यह सैन्य तानाशाह 1973 में अपदस्थ कर दिया गया था. उन्हें 1975 में राजद्रोह और विद्रोह के आरोप में मुकदमे के बाद मौत की सजा सुनाई गई. बाद में सजा बदलकर आजीवन कारावास कर दी गई और 1999 में जेल में ही मृत्यु हो गई.
चुन डू-ह्वान- दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति (19801988)
चुन डू-ह्वान को 1979 के सैन्य तख्तापलट और 1980 के ग्वांग्जू नरसंहार के लिए 1996 में मौत की सजा सुनाई गई थी. बाद में उनकी सजा घटाकर आजीवन कारावास कर दी गई और 1997 में उन्हें माफ कर दिया गया. उनका निधन 2021 में हुआ.
सद्दाम हुसैन- इराक के राष्ट्रपति (19792003)
सद्दाम हुसैन को 1982 में दुजैल में 148 शिया मुसलमानों की हत्या के मामले में मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए 2006 में मौत की सजा सुनाई गई थी. 30 दिसंबर 2006 को उन्हें फांसी देकर दंडित किया गया.
मोहम्मद नजीबुल्लाह- अफगानिस्तान के राष्ट्रपति (19871992)
मोहम्मद नजीबुल्लाह को साल 1996 में तालिबान ने गैर-हाजिरी में मौत की सजा सुनाई थी. तालिबान के काबुल पर कब्जा करने के बाद, उन्हें संयुक्त राष्ट्र परिसर से पकड़ लिया गया, यातनाएं दी गईं और सितंबर 1996 में सार्वजनिक रूप से फांसी पर लटका दिया गया.
जुल्फिकार अली भुट्टो- पाकिस्तान के PM और राष्ट्रपति (19711977)
जुल्फिकार अली भुट्टो को 1977 में सैन्य तख्तापलट में अपदस्थ कर दिया गया. इसके बाद एक राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी की हत्या की साजिश रचने का दोषी ठहराया गया और मौत की सजा सुनाई गई. अंतरराष्ट्रीय अपीलों के बावजूद, अप्रैल 1979 में उन्हें फांसी दे दी गई.
अमिर-अब्बास होवेदा- ईरान के प्रधानमंत्री (19651977)
1979 की इस्लामी क्रांति के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया और उन पर “ईश्वर के खिलाफ युद्ध छेड़ने” और भ्रष्टाचार जैसे आरोपों में मौत की सजा सुनाई गई. अप्रैल 1979 में उन्हें फायरिंग स्क्वाड द्वारा फांसी दी गई.



