शेख हसीना पर मौत का फैसला: चीन ने किया किनारा, कहा- ये बांग्लादेश का घरेलू मसला

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मौत की सजा सुनाई गई है. इस पर कई देशों ने प्रतिक्रिया दी है. अब चीन की भी पहली प्रतिक्रिया आई है. चीन ने मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा है कि यह बांग्लादेश का आंतरिक मामला है.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मौत की सजा सुनाई गई है. इस पर कई देशों ने प्रतिक्रिया दी है. अब चीन की भी पहली प्रतिक्रिया आई है. चीन ने मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा है कि यह बांग्लादेश का आंतरिक मामला है.

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को क्राइम्स अगेंस्ट ह्यूमैनिटी मामले में फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल बढ़ गई है. इसी बीच चीन ने मंगलवार को साफ कहा कि यह बांग्लादेश का आंतरिक मामला है और वह इस पर कोई अतिरिक्त टिप्पणी नहीं करेगा. वहीं संयुक्त राष्ट्र ने फैसले पर चिंता जताते हुए मौत की सजा का विरोध किया है. बीजिंग में मीडिया ब्रीफिंग के दौरान चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग से जब शेख हसीना को सुनाई गई फांसी की सजा पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने दो टूक जवाब दिया- यह बांग्लादेश का आंतरिक मामला है.

चीन ने और क्या कहा?
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चीन चाहता है कि बांग्लादेश में एकजुटता, स्थिरता और विकास कायम रहे. उन्होंने यह भी दोहराया कि चीन बांग्लादेश के सभी लोगों के साथ मित्रता और पड़ोसी सहयोग की नीति को आगे बढ़ाता रहेगा. चीन की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय आई है जब बांग्लादेश का राजनीतिक माहौल बेहद अस्थिर है और फैसले ने वैश्विक स्तर पर नई बहस छेड़ दी है.

क्या है पूरा मामला?
ढाका में एक ट्रिब्यूनल कोर्ट ने सोमवार को शेख हसीना को मौत की सजा सुनाई. अदालत ने उन्हें 2024 के छात्र आंदोलन के दौरान मानवता के खिलाफ अपराध का दोषी पाया. महत्वपूर्ण बात यह है कि हसीना को गैरहाजिरी में ट्रायल किया गया, क्योंकि सत्ता से बेदखल होने के बाद वे भारत आ गई थीं और तभी से यहीं रह रही हैं.

सजा पाए लोगों में शामिल हैं शेख हसीना, पूर्व गृहमंत्री असदुज्जामान खान कमाल, दोनों को फांसी की सजा हुई है. वहीं दोषी पूर्व पुलिस प्रमुख चौधरी अब्दुल्ला अलमामुन भी है, जिन्हें 5 साल की सजा मिली है. उन्हें ये रियायत इसलिए मिली है क्योंकि उन्होंने जुर्म कबूल किया और जांच में सहयोग किया.

UN ने कहा- मौत की सजा अफसोसजनक
शेख हसीना की फांसी के आदेश पर संयुक्त राष्ट्र ने मिश्रित प्रतिक्रिया दी. UN महासचिव के प्रवक्ता स्टेफ़न दुजारिक ने कहा कि यह फैसलों का महत्वपूर्ण क्षण है, लेकिन मौत की सजा पर UN का रुख वही है-हम हर परिस्थिति में डेथ पेनल्टी के खिलाफ हैं. UN मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर टुर्क ने भी यही रुख दोहराया.

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