आरक्षण पर कोर्ट के फैसले के खिलाफ पूरे देश में प्रदर्शन

सपा-बसपा समेत कई दलों ने भारत बंद का किया समर्थन

पटना में प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज भारत बंद से जयपुर में पसरा सन्नाटा यूपी में बंद कराई गईं दुकानें

 

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। आरक्षण पर कोर्ट के हालिया फैसले के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन जारी है। इसका उद्देश्य सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देना और उसे पलटने की वकालत करना है। दलित और आदिवासी संगठनों ने हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सुरक्षा की मांग को लेकर बुधवार (21 अगस्त) को भारत बंद का आह्वान किया है। इस बंद का असर पूरे देश में दिखाई दे रहा है।
राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में बंद का असर सबसे ज्यादा दिखा।इसलिए पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद है। राजस्थान के पांच जिलों में स्कूलों में छुट्टी का ऐलान किया गया है। राजस्थान में बंद का प्रभाव सबसे ज्यादा देखने को मिल सकता है। उधर सभी सियासी दलों ने समर्थन किया। मायावती, अखिलेश, जयंत व चिराग ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।

आरक्षण घोटाले को लेकर लखनऊ में विरोध

उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में अभ्यार्थियों का विरोध जारी है। मंगलवार रात लखनऊ में शिक्षक भर्ती के अभ्यार्थी डटे रहे हैं। उन्होंने मांग की है कि जब तक उनकी नियुक्ति नहीं हो जाती है, तब तक वे डटे रहेंगे, उनका कहना है कि आरक्षण में घोटाला किया गया था।

बीजेपी-आरएसएस पर बरसे कांग्रेस विधायक नितिन राउत
भारत बंद को लेकर महाराष्टï्र कांग्रेस विधायक और कांग्रेस के एससी विभाग के पूर्व अध्यक्ष नितिन राउत ने कहा, जब देश में संविधान में बदलाव की भाषा बोली जा रही हो, जब केंद्र सरकार, बीजेपी और आरएसएस ने एससी-एसटी समुदाय के लिए फूट डालो और राज करो की भूमिका निभाई हो. यह आरएसएस का छिपा हुआ एजेंडा था और यह सरकार उस एजेंडे को सामने लाने का प्रयास कर रही है, इसलिए ये भारत बंद बुलाया गया है।

आरक्षण वंचितों का संवैधानिक हक : मायावती

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा, इसको लेकर इन वर्गों के लोगों द्वारा आज ’भारत बंद’ के तहत सरकार को ज्ञापन देकर संविधान संशोधन के जरिए आरक्षण में हुए बदलाव को खत्म करने आदि की मांग की है। बंद को बिना किसी हिंसा के अनुशासित व शान्तिपूर्ण तरीके से किए जाने की अपील भी की गई है। एससी-एसटी के साथ ही ओबीसी समाज को भी आरक्षण का मिला संवैधानिक हक इन वर्गों के सच्चे मसीहा बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के अनवरत संघर्ष का परिणाम है, जिसकी अनिवार्यता व संवेदनशीलता को बीजेपी, कांग्रेस व अन्य पार्टियां समझकर इसके साथ भी कोई खिलवाड़ न करें।

अधिकारों के साथ होगा खिलवाड़ तो जनता सडक़ों पर उतरेगी : अखिलेश

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भारत बंद का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, आरक्षण की रक्षा के लिए जन-आंदोलन एक सकारात्मक प्रयास है। ये शोषित-वंचित के बीच चेतना का नया संचार करेगा और आरक्षण से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ के खिलाफ जन शक्ति का एक कवच साबित होगा. शांतिपूर्ण आंदोलन लोकतांत्रिक अधिकार होता है। अखिलेश ने कहा, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी ने पहले ही आगाह किया था कि संविधान तभी कारगर साबित होगा जब उसको लागू करने वालों की मंशा सही होगी।

यूपी में लोगों का प्रदर्शन बंद कराई गईं दुकानें

उत्तर प्रदेश के भी कई शहरों में भारत बंद का असर दिख रहा है. यहां आगरा में लोगों ने सडक़ों पर उतरकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन किया है। अंबेडकरनगर में लोगों ने जिला मुख्यालय पर जबरदस्त तरीके से प्रदर्शन किया है। देवरिया में सपा और बसपा समर्थक भी सडक़ों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। बस्ती में भारत बंद समर्थकों ने घूम-घूमकर शहर की दुकानें बंद कराई हैं।

बिहार में विरोध के दौरान लाठीचार्ज

बिहार में भी भारत बंद की वजह से सेवाएं प्रभावित हुई हैं. कई जगहों पर सडक़ों को ब्लॉक किया गया है. पटना में भी प्रदर्शनकारी सडक़ों पर उतरे हैं। ऐसे ही मुजफ्फरपुर के विभिन्न चौक चौराहों पर विरोध प्रदर्शन हुआ है। आरक्षण को लेकर देशभर में जारी भारत बंद का असर भोजपुर में भी देखने को मिला है। पटना में प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया गया है।

कानून मंत्री ने संसद में स्पष्ट किया : जयंत

भारत बंद को लेकर केंद्रीय मंत्री जयंत सिंह चौधरी ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की थी, जिसके बाद कानून मंत्री ने भी संसद में इसे स्पष्ट किया। कैबिनेट ने भी अपनी राय स्पष्ट की है तो अब कुछ भी नहीं बचा है।

पहले भेदभाव खत्म हो : चिराग

चिराग पासवान ने कहा,आज के वक्त में भी इस तरह से भेदभाव देखने को मिल रहा है तो किस तरह से क्रिमीलेयर का प्रावधान किया जा सकता है और इस बात को मैंने कैबिनेट मीटिंग में भी प्रमुखता से रखा था।

बदलापुर में बच्चियों के यौन शोषण मामले पर घमासान

यूबीटी शिवसेना ने शिंदे सरकार को घेरा, सुप्रिया सुले का विरोध प्रदर्शन

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। महाराष्ट्र में बदलापुर के एक स्कूल में बच्चियों के कथित यौन उत्पीडऩ के मामले में अब जबरदस्त बवाल शुरू हो गया है। यह मामला अब राजनीतिक रुख ले चुका है। शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने इस मामले में प्रतिक्रिया दी।
उन्होंने सुरक्षा के मामले में महाराष्ट्र सरकार को घेरा। संजय राउत ने इस घटना को एक घिनौना अपराध बताया। इसके साथ ही बदलापुर नहीं जाने पर उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को भी घेरा। राकांपा-एसपी नेती सुप्रिया सुले ने इस घटना के विरोध में महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में अपराध बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में खासकर महिलाओं के साथ अपराधों की संख्या में वृद्धि हुई है।

न्याय मांगने के लिए लोगों को सडक़ पर उतरना पड़ रहा : राउत

संजय राउत ने कहा महाराष्ट्र में और क्या हो सकता है? बलात्कार के खिलाफ सार्वजनिक रोष है। पीडि़ता को सुरक्षा देने के लिए, न्याय मांगने के लिए जो लोग सडक़ पर उतरे हैं और आप(महाराष्ट्रसरकार) उनके खिलाफ मामले दर्ज करते हो? यह क्यों हुआ? जिस संस्था में हुआ वो किसकी है? लोग सडक़ पर इसलिए बैठे हैं क्योंकि पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं कर रही थी। पुलिस पर किसका दबाव था? मुख्यमंत्री से मेरा सवाल है कि वे बदलापुर क्यों नहीं ग

महाराष्ट्र में अपराध बढ़ गया : सुले

चिराग पासवान ने कहा,आज के वक्त में भी इस तरह से भेदभाव देखने को मिल रहा है तो किस तरह से क्रिमीलेयर का प्रावधान किया जा सकता है और इस बात को मैंने कैबिनेट मीटिंग में भी प्रमुखता से रखा था।

वार्ता

लखनऊ स्थित प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर बुधवार को राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने प्रेसवार्ता की। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष अजय राय भी मौजूद रहे।

उत्तर प्रदेश में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। प्रदेश में मानसून ने दोबारा रफ्तार पकड़ ली है। यूपी के ज्यादातर हिस्सों में मंगलवार को हल्की से मध्यम बारिश देखने को मिली। पर बुधवार की सुबह बारिश ने तेजी पकड़ी। तेज बारिश की वजह से प्रदेश के कई इलाके जलमग्न हो गए और लोगों क ो परेशानी का सामना करना पड़ा। इससे पहले दक्षिणी और तराई इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई थी। रेड अलर्ट जारी किया गया था। लोगों से बिना काम के बाहर न निकलने की सलाह भी दी गई है। वहीं पूर्वांचल, अवध और पश्चिमी हिस्सों के 25 से ज्यादा जिलों में भी गरज के साथ बौछारें पडी।
मंगलवार को सुल्तानपुर में 70.8 मिमी, इटावा में 40.4 मिमी, बहराइच में 18 मिमी, अलीगढ़ में 10.4 मिमी और चुर्क में 8.4 मिमी बारिश दर्ज हुई। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के मुताबिक बुधवार को उप्र के दक्षिणी हिस्सों सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली समेत तराई इलाकों में भारी बारिश के संकेत हैं, वहीं प्रदेश के अधिकतर जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग की ओर सेपूर्वांचल के इलाकों गोरखपुर, देवरिया, आजमगढ़, मऊ, बलिया, बस्ती समेत तराई के हिस्से कुशीनगर, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच के अलावा लखीमपुर खीरी, सीतापुर, बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अम्बेडकरनगर, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, संभल, बदायूं, जालौन एवं आसपास इलाकों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है।

कोलकाता रेप केस मामले में हाईकोर्ट ने लगाई ममता सरकार को फटकार

अदालत ने कहा- आप अपनी रिपोर्ट को अपने पास रखें

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कोलकाता। कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला डॉक्टर से हुई दरिंदगी की घटना पर कोलकाता हाईकोर्ट में आज (21 अगस्त) सुनवाई हुई। इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायमूर्ति एच भट्टाचार्य की खंडपीठ ने की।
इस दौरान राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि पिछले आदेश के मुताबिक उन्होंने अपनी रिपोर्ट तैयार की है। जिस पर कोर्ट ने कहा कि इसको आप अपने पास ही रखें क्योंकि मामले पर सुप्रीम कोर्ट संज्ञान ले चुका है। सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से पेश हुए वकील ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक अस्पताल की सुरक्षा सीआईएसएफ के हवाले कर दी गई है, वहीं, कोर्ट ने पीड़िता की पहचान उजागर होने पर चिंता जताई है, इस मामले पर अगली सुनवाई अब 4 सितंबर को होगी।

हमें करना पड़ेगा इंतजार सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा,न्यायिक अनुशासन के लिए हमे इंतजार करना पड़ता है। सभी मुद्दो पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है। सीआईएसएफ की नियुक्ति पर ध्यान दिया गया है। सीबीआई और राज्य द्वारा 22 अगस्त तक रिपोर्ट दी जाएगी।

पीडि़ता की पहचान को उजागर ना किया जाए

पीडि़ता की पहचान उजागर होने पर हाईकोर्ट ने चिंता जताते हुए कहा, हमने अपने पिछले आदेश में तस्वीरें अपलोड न करने का अनुरोध किया था। यदि आप सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित निर्णय देखते हैं तो पीडि़ता की पहचान उजागर न करने का एक सकारात्मक निर्देश है। जिस पर याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि दुर्भाग्य से पीडि़त दोस्तों के पास पुरानी तस्वीरें हैं और वे वही प्रसारित कर रहे हैं। हमने पीडि़तों के माता-पिता का नाम भी छिपा दिया है। आपने इसका जिक्र नहीं किया।

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