नक्सलियों से शांति वार्ता के लिए चेहरा सामने आना चाहिए: डिप्टी सीएम विजय शर्मा
डिप्टी सीएम ने बताया कि नक्सलियों द्वारा बार-बार शांति वार्ता को लेकर जारी पत्र का कोई औचित्य नहीं है. उन्होंने कहा, ''अगर शांति वार्ता करनी है तो कोई चेहरा सामने आना चाहिए, जिससे बातचीत की जा सके.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने शनिवार को कहा कि नक्सलियों से शांति वार्ता तभी संभव है जब उनकी ओर से कोई स्पष्ट चेहरा सामने आए। उन्होंने यह बयान बस्तर प्रवास के दौरान मीडिया से बातचीत में दिया।
डिप्टी सीएम विजय शर्मा वन मंत्री केदार कश्यप के साथ सुकमा जिले के चिंगावराम पहुंचे, जहाँ उन्होंने साल 2013 में हुए आईईडी ब्लास्ट की बरसी पर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। इस हमले में आम नागरिकों सहित कई एसपीओ और पुलिसकर्मी मारे गए थे। सुकमा रवाना होने से पहले जगदलपुर में मीडिया से बातचीत करते हुए शर्मा ने नक्सलियों द्वारा समय-समय पर जारी शांति वार्ता के पत्रों को निरर्थक बताया।
उन्होंने कहा, “अगर वाकई में शांति वार्ता करनी है, तो कोई प्रतिनिधि या चेहरा सामने आना चाहिए जिससे सरकार संवाद कर सके। केवल पत्र जारी कर देने से वार्ता संभव नहीं है।” उपमुख्यमंत्री और वन मंत्री दोनों ने चिंगावराम पहुँचकर मृतकों के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी। इस दौरान उन्होंने सरकार की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया। इस कार्यक्रम के माध्यम से सरकार ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह नक्सल हिंसा के खिलाफ सख्त है, लेकिन बातचीत के रास्ते भी खुले हैं—बशर्ते नक्सलियों की ओर से वास्तविक पहल की जाए।
विजय शर्मा और केदार कश्यप दोनों ही नेता पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए सुकमा पहुंचे. सुकमा जाने से पहले उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने जगदलपुर में मीडिया से मुलाकात की. नक्सलियों से शांति वार्ता के सवाल पर डिप्टी सीएम ने बताया कि नक्सलियों द्वारा बार-बार शांति वार्ता को लेकर जारी पत्र का कोई औचित्य नहीं है. उन्होंने कहा, ”अगर शांति वार्ता करनी है तो कोई चेहरा सामने आना चाहिए, जिससे बातचीत की जा सके.
कर्रेगुट्टालू में ऑपरेशन को लेकर क्या बोले?
वहीं कर्रेगुट्टालू में ऑपरेशन की जांच पर उन्होंने कहा, ”जवानों ने जो किया वह सही किया है. यह ऑपरेशन जरूरी था. नक्सली इस पहाड़ पर 9 टन से ज्यादा अनाज रखे हुए थे. इसके अलावा 2 टन से ज्यादा बारूद छिपा रखे थे. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर इतनी बड़ी मात्रा में राशन लेकर नक्सली पहाड़ पर क्यों चढ़े हुए थे? क्यों विस्फोटकों को तैयार करने के लिए पहाड़ में इतने केंद्र बनाए गए थे, जाहिर है नक्सली फिर कोई बड़ी वारदात को अंजाम देते इसलिए कर्रेगुट्टालू में ऑपरेशन चलाना एक सही फैसला था.
31 नक्सलियों को किया था ढेर
उन्होंने आगे कहा, ”डीआरजी, बस्तर फाइटर, सीआरपीएफ, कोबरा और एसटीएफ के जवानों ने अपने हौसले का परिचय दिया और इस ऑपरेशन को सफल बनाते हुए 31 माओवादियों को मार गिराने के साथ इतनी बड़ी मात्रा में नक्सलियों से विस्फोटक सामान और हथियार बरामद किया.” वहीँ, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बस्तर दौरे को लेकर उन्होंने कहा, ”अगर पूर्व मुख्यमंत्री बस्तर में ऐसे पहले दौरा करते तो शायद सरकार से बाहर नहीं होते. डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने ये भी कहा कि बस्तर के एक-एक इंच पर संविधान लागू होगा.”
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा जगदलपुर के बाद सुकमा पहुंचे, यहां चिंगवाराम आईईडी ब्लास्ट में मारे गए आम नागरिकों और एसपीओ के परिवारों से मुलाकात की. साथ ही इस बरसी के मौके पर मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उनके साथ वन मंत्री केदार कश्यप भी मौजूद रहे. डिप्टी सीएम शर्मा ने कहा, ”साल 2010 में सुकमा से लगे चिंगवाराम में नक्सलियों ने यात्री बस को निशाना बनाया, जिसमें 31 लोगों की जान गई थी, इसमें 15 आम नागरिक थे, ऐसे कई बड़ी वारदात हैं, जिनमें नक्सलियों ने आम नागरिकों का खून बहाया है. डिप्टी सीएम ने कहा कि सरकार अभी भी शांति वार्ता के लिए तैयार है लेकिन कोई चेहरा सामने आए तभी बात होगी.