अपने ऊपर लगे आरोप के बाद भड़के धनखड़ !
- सभापति और नेता विपक्ष खरगे के बीच हुई तीखी बहस
- राज्यसभा में भारी हंगामा
- कांग्रेस बोली- सदन परंपरा और नियमों से चलेगा
- लोस में प्रियंका ने अपने पहले संबोधन में किया सरकार पर तीखा प्रहार
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। राज्यसभा में सभापति के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाए जाने का मुद्दा उठा, जिस पर हंगामा हो गया। जैसे ही विपक्ष ने उपसभापति पर बोलना शुरू किया वैसे ही उन्होंने अपने ऊपर आरोप लगते देखा तो वह भड़क गए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे व उपसभापति में तीखी बहस हुई। राज्यसभा में जब हंगामा शांत नहीं हो सका, तो सभापति धनखड़ ने सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया। उधर आज पहली बार लोकसभा में कांगे्रस नेता प्रियंका गांधी ने भी अपना संबोधन दिया। उन्होंने अपने भाषण में भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला।
गौरतलब है कि राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है। विपक्षी दलों ने मंगलवार को उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के लिए अनुच्छेद 67बी के तहत नोटिस दिया। ये नोटिस राज्यसभा महासचिव पीसी मोदी को सौंपा गया। देश में 72 साल के संसदीय लोकतंत्र के इतिहास में राज्यसभा सभापति के खिलाफ कभी महाभियोग नहीं आया था। भाजपा सांसद राधा मोहन दास अग्रवाल ने आरोप लगाया कि विपक्ष द्वारा सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ लाए गए महाभियोग प्रस्ताव में नियमों का पालन नहीं किया गया। महाभियोग प्रस्ताव लाने के लिए 14 दिन का समय दिया जाता है और फिर उस पर सदन में चर्चा होती है, लेकिन उससे पहले ही मीडिया में आरोप लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा उपराष्ट्रपति को कभी सम्मान नहीं दिया गया। राधा मोहन दास अग्रवाल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं ने सोशल मीडिया पर उपराष्ट्रपति के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया। भाजपा सांसद ने उपराष्ट्रपति की तारीफ की। इस पर विपक्ष भड़क गया।
मैं किसान का बेटा, झुकूंगा नहीं : धनखड़
विपक्ष ने जब हंगामा शुरू किया तो सभापति ने इस पर नाराजगी जाहिर की। टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने जब अपनी बात रखी तो सभापति नाराज हो गए और बोले कि मैं किसान का बेटा हूं और किसी भी कीमत पर कमजोर नहीं पड़ूंगा। कांग्रेस अध्यक्ष खरगे के इस बयान कि हम सदन में आपकी तारीफ सुनने नहीं जनता पर सभापति ने कहा कि पूरा देश जानता है कि आपको किनकी तारीफ पसंद है। आप अपनी बात रखिए। खरगे ने कहा कि आप मेरा अपमान कर रहे हैं तो मैं आपका सम्मान कैसे कर सकता हूं।
विपक्ष का अपमान कर रहे सभापति : खरगे
राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सदन परंपरा और नियमों से चलेगा और निष्पक्षता से चलेगा। खरगे ने कहा कि आप अगर किसान हैं तो मैं मजदूर का बेटा हूं। खरगे ने कहा कि आप विपक्ष का अपमान कर रहे हैं। हम आपकी तारीफ सुनने के लिए नहीं आए हैं। हम देश के मुद्दों पर चर्चा के लिए आए हैं।
संविधान वंचित लोगों को अधिकार दिलाने के लिए है : अखिलेश
समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश स्थित कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में संविधान के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर चर्चा में हिस्सा लिया। अखिलेश ने कहा कि संंविधान निर्माओं को मेरा नमन् है और इसी की वजह से देश एकजुट है। सियासी समीकरण पीडीए का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हमें विविधता में एकता पर गर्व है, हमारे जैसे लोग और कमजोर लोग और खासकर पीडीए के लोगों के लिए संविधान जन्म मरण का विषय है, सपा चीफ ने कहा कि ये संविधान वंचित लोगों को अधिकार दिलाने के लिए है ,संविधान देश की प्राण वायु है, संविधान की प्रस्तावना संविधान का निचोड़ है। सपा चीफ ने कहा कि सीमाओं का रक्षा करना प्रथम कर्तव्य है. जिस देश की सीमाओं की सुरक्षा में जहां पर समय समय पर सेंध लगती हो और हमारे माननयी मंत्री बेहतर जानते हैं कि कई जगहों पर सीमाएं सिकुड़ रही है। देश में अमीर और गरीब के बीच गहरी खाई है। देश में अभिव्यक्ति की आजादी की चर्चा करते हुए अखिलेश ने कहा कि आर्टिकल 14 – कानून के समक्ष समानता – हो क्या रहा है? एक ही कानून किसी के लिए अलग, किसी के लिए अलग।
एक नेता संविधान की प्रति जेब में रखते हैं, उन्होंने अपने पूर्वजों से यही सीखा : राजनाथ
लोकसभा में संविधान पर चर्चा की शुरुआत केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। उन्होंने कहा कि75 साल पहले संविधान सभा ने संविधान निर्माण का काम पूरा किया था। संविधान सभा ने जो संविधान तैयार किया था, वह केवल कानूनी दस्तावेज नहीं था बल्कि वह जनआकांक्षाओं का प्रतिबिंब था। राजनाथ सिंह ने कहा कि संविधान से देश में सही मायने में लोकतंत्र लागू हुआ। हमारा संविधान सार्वभौम है, जहां यह राज्य की जिम्मेदारियों को सूचीबद्ध करता है तो वहीं नागरिकों के अधिकारों का भी उल्लेख करता है। हमारा संविधान सहकारी सघंवाद को सुनिश्चित करता है तो राष्ट्र की एकता को भी सुनिश्चित करता है। भारत का संविधान देश के गौरव को स्थापित करने का रोडमैप भी है। राजनाथ सिंह ने कहा कि कुछ लोगों द्वारा हमारे संविधान को उपनिवेशवाद का उपहार या अच्छी बातों का संकलन मात्र मान लिया जाता है। पिछले कुछ वर्षों से देश में ऐसा माहौल बनाया गया कि संविधान एक पार्टी की विशेष देन है। संविधान निर्माण में बहुत से लोगों की भूमिका को नकार दिया गया। अपने संबोधन में राजनाथ सिंह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि एक पार्टी विशेष के नेता संविधान की प्रति अपनी जेब में रखकर चलते हैं। दरअसल उन्होंने अपने पूर्वजों से यही सीखा है। राजनाथ सिंह का यह तंज कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर माना जा रहा है।
संसद में दहाड़ीं प्रियंका
बोलीं- सारी जिम्मेदारी नेहरू की तो सत्त्ता पक्ष की जिम्मेदारी क्या है?
संविधान पर चर्चा में कांग्रेस की ओर से हिस्सा लेते हुए प्रियंका गांधी ने संसद में अपना पहला स्पीच भी दिया। उन्होंने कहा, सत्ता पक्ष के साथी पुरानी बातें करते हैं, नेहरू जी ने क्या किया? वर्तमान की बात करिए। आप क्या कर रहे हैं? आपकी जिम्मेदारी क्या है? सारी जिम्मेदारी जवाहरलाल नेहरू की है? ये सरकार बेरोजगारी से जूझ रही जनता को क्या दे रही है। एमएसपी तो छोडि़ए डीएपी तक नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा, हमारे देश में संवाद और चर्चा की परंपरा रही है। ये गौरवशाली परंपरा है. दर्शन ग्रंथों, वेदों में भी ये परंपरा दिखती है। इस्लाम, सूफियों, जैन, बौद्ध धर्म में भी इसकी संस्कृति रही है, इसी परंपरा से उभरा हमारा स्वतंत्रता संग्राम। प्रियंका गांधी ने कहा, हमारा स्वतंत्रता संग्राम अनोखा संग्राम था। अनोखी लड़ाई थी जो अहिंसा पर आधारित थी, ये जो लड़ाई थी, ये बेहद लोकतांत्रिक लड़ाई थी, इसमें देश के जवान, किसान, अधिवक्ता चाहें किसी भी धर्म, जाति के थे सब इसमें शामिल हुए. सबने आजादी की लड़ाई लड़ी, उसी लड़ाई से एक आवाज उभरी जो हमारे देश की आवाज थी, वही आवाज आज हमारा संविधान है, साहस की आवाज थी। प्रियंका गांधी ने हाल ही में संभल में हुई हिंसा का भी जिक्र किया। प्रियंका गांधी ने कहा, सरकार आरक्षण को कमजोर करने का काम कर रही है, लोकसभा में ये नतीजे नहीं आते तो ये संविधान बदलने का काम भी शुरू कर देते, इस चुनाव में इन्हें पता चल गया कि देश की जनता ही संविधान को सुरक्षित रखती है, हारते हारते जीतने के बाद इन्हें अहसास हुआ कि ये बात देश में नहीं चलेगी। प्रियंका ने कहा, जाति जनगणना जरूरी है, जिससे पता चले कि किसकी क्या संख्या है। नीतियां उस हिसाब से बने। प्रियंका गांधी ने कहा, आप महिला शक्ति की बात करते हैं,चुनाव की वजह से आज इतनी बात हो रही है, संविधान में महिलाओं को अधिकार दिया और उसे वोट में परिवर्तित किया। आज आपको पहचानना पड़ा कि उनकी शक्ति के बिना आपकी सरकार नहीं बन सकती। प्रियंका गांधी ने उद्योगपति गौतम अडानी का नाम लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा। प्रियंका ने कहा, देश देख रहा है कि एक व्यक्ति को बचाने के लिए ये सब हो रहा है, सारे मौके, सारे संसाधन एक ही व्यक्ति को दिए जा रहे हैं। प्रियंका ने कहा, आप भी अपनी गलतियों के लिए माफी मांग लीजिए। आप भी बैलेट पर चुनाव कर लीजिए।