हिजाब प्रतिबंध मामला : जजों में मतभेद, अब सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच करेगी सुनवाई

फैसला आने तक लागू रहेगा कर्नाटक हाईकोर्ट का आदेश, सीजेआई को भेजा गया मामला

  • दो न्यायाधीशों की नहीं हुई एकराय, जस्टिस गुप्ता ने खारिज की याचिकाएं

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को बरकरार रखने वाले कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट के दोनों जजों की राय अलग-अलग होने के कारण अब इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच करेगी।
हिजाब प्रतिबंध को लेकर हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं पर कई दिनों तक सुनवाई चलने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया गया था। आज जहां जस्टिस हेमंत गुप्ता ने इस मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को सही मानते हुए प्रतिबंध के खिलाफ अपील को खारिज कर दिया वहीं दूसरे जज सुधांशु धूलिया ने इससे उलट राय जाहिर की है और कर्नाटक हाईकोर्ट के प्रतिबंध जारी रखने के आदेश को रद्द कर दिया। चूंकि इस मामले में जजों की एकराय नहीं बन पाई इसलिए केस को आगे चीफ जस्टिस के पास भेजा गया है। लिहाजा अब इस मामले की सुनवाई बड़ी बेंच करेगी। बड़ी बेंच को भेजने के लिए 11 सवाल तय किए गए हैं। वहीं जब तक फैसला नहीं आ जाता तब तक कर्नाटक हाईकोर्ट का आदेश जारी रहेगा यानी शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध लागू रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की थी।

यह पसंद का मामला : जस्टिस धूलिया

जस्टिस सुधांशु धूलिया ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को गलत बताया। उन्होंने कहा कि हिजाब पहनना या न पहनना, ये पसंद का मामला है। लड़कियों की शिक्षा बहुत जरूरी है। धार्मिक प्रथाओं का मुद्दा विवाद के समाधान के लिए जरूरी नहीं था। ये अनुच्छेद 15 के बारे में था, ये पसंद की बात थी, इससे ज्यादा और कुछ नहीं। उनके दिमाग में सबसे अहम सवाल लड़कियों की शिक्षा है।

हाईकोर्ट के फैसले से सहमत : जस्टिस गुप्ता

जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर सभी 26 याचिकाओं को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि मेरी राय अलग है। मैंने अपने आदेश में 11 सवाल तैयार किए हैं। पहला यह कि क्या इस अपील को संविधान बेंच के पास भेजा जाना चाहिए? उन्होंने कहा कि क्या कॉलेज मैनेजमेंट छात्रों के यूनिफॉर्म पर या हिजाब पहनने को लेकर कोई फैसला कर सकता है? क्या सरकारी आदेश शिक्षा तक पहुंच के उद्देश्य को पूरा करता है? मेरे हिसाब से जवाब अपीलकर्ता के खिलाफ है।

क्या है विवाद

कर्नाटक में हिजाब विवाद जनवरी में उडुपी के एक सरकारी कॉलेज से शुरू हुआ था, जहां मुस्लिम लड़कियों को हिजाब पहनकर आने से रोका गया था। स्कूल प्रबंधन ने इसे ड्रेस कोड के खिलाफ बताया था। इसके बाद अन्य शहरों में विवाद फैल गया। मामला कर्नाटक हाईकोर्ट पहुंचा। हाईकोर्ट ने 14 मार्च को हिजाब विवाद पर फैसला सुनाया था, जिसमें कहा था कि हिजाब इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। छात्र स्कूल या कॉलेज की निर्धारिक ड्रेस कोड पहनने से इनकार नहीं कर सकते हैं। इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में तमाम याचिकाएं दाखिल की गयीं। याचिकाकर्ताओं की ओर से सीनियर एडवोकेट राजीव धवन, दुष्यंत दवे, संजय हेगड़े, कपिल सिब्बल सहित कई वकीलों ने अपना पक्ष रखा है।

मामला संविधान पीठ के पास भेजने का किया गया था अनुरोध

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकीलों ने जोर देकर कहा था कि मुस्लिम लड़कियों को कक्षाओं में हिजाब पहनने से रोकने से उनकी पढ़ाई खतरे में पड़ जाएगी क्योंकि उन्हें कक्षाओं में जाने से रोका जा सकता है। कुछ वकीलों ने इस मामले को पांच सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेजने की भी गुजारिश की थी। वहीं, राज्य सरकार की ओर से पेश वकीलों ने कहा था कि हिजाब को लेकर विवाद खड़ा करने वाला कर्नाटक सरकार का फैसला ‘धार्मिक रूप से तटस्थ’ था।

कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव की तैयारियां तेज, बनेंगे 36 पोलिंग स्टेशन

17 अक्टूबर को कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए होंगे चुनाव, गुप्त होगा मतदान

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए तैयारी तेज हो गयी है। 17 अक्टूबर को कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए 36 पोलिंग स्टेशन और 67 बूथ बनाए जाएंगे।
सभी राज्यों में बूथ बनाए जाएंगे। अध्यक्ष पद के लिए मुख्य मुकाबला शशि थरूर और मल्लिकार्जुन खडग़े के बीच है। मधुसूदन मिस्त्री ने कहा, एआईसीसी मुख्यालय में भी एक बूथ होगा, खासकर सभी वरिष्ठ नेताओं, कार्य समिति के सदस्यों और उन सभी लोगों के लिए जिनके पहचान पत्र अलग राज्य से हैं लेकिन वे दिल्ली में रह रहे हैं। राहुल गांधी और भारत जोड़ो यात्रा में शामिल लोगों के लिए एक कैंप बूथ बनाया जाएगा। हर राज्य की राजधानी में चुनाव गुप्त मतदान से होगा। सभी बैलट बॉक्स एआईसीसी मुख्यालय लाए जाएंगे और 19 को मतगणना होगी और परिणाम घोषित कर दिया जाएगा।

विपक्ष पर बरसे पीएम, कहा, पहले सुविधाएं वहां दी जाती थीं जहां मिलता था ज्यादा सियासी लाभ

  • तब दिल्ली में बैठी सरकार ने लोगों की आंखों में झोंकी थी धूल, नहीं किया काम
  • हिमाचल के ऊना में वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
शिमला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज हिमाचल के ऊना रेलवे स्टेशन से वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके बाद बल्क ड्रग फार्मा पार्क का शिलान्यास और ट्रिपल आईटी का ऑनलाइन लोकार्पण किया। इस दौरान आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने विपक्ष पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारें सुविधाएं वहां देती थीं जहां मेहनत कम लगती थी और राजनीतिक लाभ ज्यादा मिलता था। आज का नया भारत, पुरानी सारी चुनौतियों पर तेजी से काम कर रहा है। जो सुविधाएं पिछली शताब्दी में लोगों तक पहुंच जानी चाहिए थीं, वे अब लोगों तक पहुंच रही हैं। उन्होंने कहा कि 40 साल पहले, एक छोटी सी रेल लाइन पर दिल्ली में बैठी हुई सरकार ने मुहर लगा दी, फाइल बना दी और हस्ताक्षर कर दिए। चुनाव आने पर लोगों की आंखों में धूल झोंक कर वोट भी बटोर लिए, लेकिन जमीन पर एक रत्ती भर भी काम नहीं हुआ। ऊना में देश के दूसरे बल्क ड्रग पार्क का काम शुरू हुआ है। इससे बड़ी सौगात क्या हो सकती है। देश में चौथी वंदे भारत ट्रेन हिमाचल को मिली है।

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