इंदिरा एकादशी के दिन भूल से भी न करें ये गलतियां, नहीं तो हो जाएंगे कंगाल
हिंदू-धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्त्व है। आज शुक्रवार (28 सितम्बर) को इंदिरा एकादशी मनाई जा रही है। व्रत का संबंध किसी न किसी देवी-देवताओं से है...
4PM न्यूज नेटवर्क: हिंदू-धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्त्व है। आज शुक्रवार (28 सितम्बर) को इंदिरा एकादशी मनाई जा रही है। व्रत का संबंध किसी न किसी देवी-देवताओं से है। इसी प्रकार एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है। आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर इंदिरा एकादशी व्रत किया जाता है। इस दिन श्रद्धा अनुसार दान जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से जातक को सभी सुखों की प्राप्ति होती है।
कहा जाता है पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए यह दिन बहुत खास है। ऐसे में ये एकादशी पितृ पक्ष में आती है इसलिए इसका महत्व दोगुना हो जाता है। इस दिन सृष्टि के रचयिता श्रीहरि भगवान विष्णु और धन की देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। ऐसे में मान्यता है कि यदि कोई पूर्वज जाने-अंजाने में हुए अपने कर्मों के कारण यमराज के पास अपने कर्मों का दंड भोग रहे हैं तो इस एकादशी पर विधिपूर्वक व्रत कर इसके पुण्य से उन्हें यमलोक से मुक्ति मिल जाती है। लेकिन इंदिरा एकादशी पर कुछ ऐसे काम हैं जो भूलकर भी नहीं करना चाहिए। इंदिरा एकादशी के दिन गरीब लोगों में श्रद्धा अनुसार दान जरूर करें। ऐसे में मान्यता है कि ऐसा करने से पापों से छुटकारा मिलता है और सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
इंदिरा एकादशी पर न करें ये गलतियां
- इंदिरा एकादशी पर दोपहर के समय ही पितरों का श्राद्ध करें, तर्पण-पिंडदान सुबह या सूर्यास्त के बाद नहीं किया जाता है।
- इस समय पितर न ही अन्न, न जल ग्रहण कर पाते हैं और भूखे लौट जाते हैं, पितरों की नाराजगी जीवन में परेशानी ला सकती है।
- एकादशी के दिन इस्तेमाल किया हुआ तेल दान न करें, न ही बासी खाना किसी को दें. मान्यता है इस तरह का दान धनवान को भी कंगाल बना देता है।
इस काम से रूठ जाते हैं पितर-देव
- इस दिन आपको प्याज, लहसुन और मांस-मदिरा का सेवन करने से भी बचना चाहिए।
- अगर आप इन चीजों का सेवन करते हैं तो भगवान विष्णु के प्रकोप से आपको दो-चार होना पड़ सकता है।