बढ़ती उम्र में दर्द से राहत के लिए करें ये योगासन

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
उम्र बढऩे के साथ शारीरिक समस्याएं भी बढऩे लगती हैं। बढ़ती उम्र में जोड़ों का दर्द, कमर दर्द होना आम बात होती है। उठने-बैठने में भी समस्या होना शुरू आ जाती है। समय रहते इसका उपचार न करने पर धीरे- धीरे ये समस्याएं इतनी बढऩे लगती हैं कि चलने-फिरने और दैनिक कार्यों में असुविधा होने लगती है। दर्द से राहत पाने के लिए लोग दर्द निवारक दवाइयां लेने लगते हैं। इन दवाइयों से कुछ समय के लिए शरीर को आराम तो मिल जाता है, बाद में फिर परेशानियां होने लगती है। वहीं लगातार दर्द निवारक दवा का इस्तेमाल शरीर के लिए नुकसानदायक भी होता है। बढ़ती उम्र में जोड़ों के दर्द, कमर दर्द और अन्य शारीरिक परेशानियों से निजात पाने के लिए प्राकृतिक उपचार के तौर पर योगासन का नियमित अभ्यास करें।

शवासन

इस आसन को करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेटकर दोनों पैरों को आराम से फैला लें। हाथों को शरीर से 5 से 6 इंच की दूरी पर रखते हुए इसी अवस्था में गर्दन आराम दायक मुद्रा में सीधी रखे रहें। अब आंखों को बंद करके कुछ देर इसी अवस्था में रहें। शवासन आराम और विश्राम को बढ़ावा देने का काम करता है। लेकिन जब आप इसका अभ्यास करते हैं तो आप ये कोशिश करें की आप सिर्फ आंखे बंद करके अपनी मुद्रा में लेटे रहें।

सेतुबंधासन

सेतुबंधासन का अभ्यास करने के लिए पीठ के बल आराम से लेट कर अपनी हथेलियों को शरीर के पास जमीन से सटाकर रखें। अब घुटने मोड़ कर धीरे धीरे सांस लेते हुए शरीर को ऊपर की ओर उठाएं। इस स्थिति में रहते हुए सांस लें और छोड़ें। कुछ देर बाद पुरानी स्थिति में आ जाएं। ये आसन रीढ़ की सभी कोशिकाओं को अपने सही स्थान पर स्थापित करने में सहायक है। आसन कमर दर्द को दूर करने में भी सहायक है. पेट के सभी अंग जैसे लीवर, पेनक्रियाज और आंतों में खिंचाव आता है। कब्ज की समस्या दूर होती है और भूख भी समय पर तथा खुलकर लगती है।

वीरभद्रासन

इस योग को करने के लिए सबसे पहले सीधी मुद्रा में खड़े होकर अपनी बाहों को फर्श के समानांतर उठाते हुए सिर को बाईं ओर मोड़ें। अब बाएं पैर को 90 डिग्री बाईं ओर मोड़ें। कुछ देर इसी अवस्था में रहें। अब इसी तरह दूसरी तरफ से अभ्यास करें। रोजाना वीरभद्रासन करने से पीठ दर्द से छुटकारा मिल सकता है। इसलिए अगर आपको पीठ या कमर में दर्द रहता है, तो इस आसन की रेगुलर प्रैक्टिस करें। यह पीठ और कमर की मांसपेशियों को स्ट्रेच करता है। इससे मसल्स मजबूत बनती हैं और दर्द में आराम मिलता है। इसे करने से आपके हिप्स साइज में बदलाव देखने को मिल सकता है। इस आसन को करने से हिप्स को बढ़ा करने में मदद मिल सकती है। वीरभद्रासन करने से जांघों और नितंबों की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं।

धनुरासन

धनुरासन का अभ्यास करने के लिए पेट के बल लेट कर दोनों पैरों को मोडक़र ऊपर की ओर ले जाएं। दोनों हाथों से पैरों के पंजों को पकडक़र सांस लेते हुए पैरों को ऊपर की ओर खींचें। कुछ देर इसी अवस्था में रहने के बाद सामान्य अवस्था में आ जाएं। इस आसन को करने से हटी हुई नाभि अपने आप ही सामान्य स्थिति में आ जाती है। यह आसन कमर व गर्दन के दर्द के लिए भी लाभकारी है। यह आसन गर्दन, छाती व फेफड़ों को शक्तिशाली व क्रियाशील बनाता है। यह कंधे को पुष्ट व छाती को चौड़ा व मजबूत बनाता है। यह आसन पेट की अधिक चर्बी को कम करता है।
इससे पेट के अनेक विकार दूर होकर पेट से संबन्धित रोग दूर होते हैं। यह पाचनशक्ति को बढ़ाता है और भूख को बढ़ाता है। यह आसन श्वास सम्बन्धित बीमारी के लिए लाभकारी है। यह सांसों की क्षमता को बढ़ाता है। इस आसन को करने से कब्ज दूर होता है।

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