बोर्ड परीक्षा बच्चे की बेहतर तैयारी के लिए करें ये काम

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
10वीं या 12वीं कक्षा में पढ़ रहे बच्चे के लिए बोर्ड परीक्षा एक अहम पड़ाव होता है, जो उनके भविष्य को तय करने में मदद करता है। अच्छे अंक आने पर बेहतर कॉलेज में प्रवेश, छात्रवृत्ति और करियर के लिए क्षेत्र तय करने में मदद मिलती है। ऐसे में भारत के अधिकतर सभी स्कूलों, कोचिंग क्लासेज बच्चों को बोर्ड परीक्षा के लिए तैयार करते हैं। माता-पिता अपने बच्चे की बोर्ड परीक्षा के लिए सबसे अधिक चिंतित होते हैं। ऐसे में वह बच्चे पर पढ़ाई का अतिरिक्त दबाव बनाने लगते हैं। लेकिन इसका असर बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी होता है और अतिरिक्त दबाव उन्हें परेशान कर सकता है। बोर्ड परीक्षा बच्चों के लिए जीवन का एक महत्वपूर्ण चरण होती है और इसमें अभिभावकों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। ऐसे में जो बच्चे इस साल बोर्ड की परीक्षा देने वाले उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार करने के लिए अभिभावकों को भी कुछ ऐसा करना चाहिए, ताकि बच्चा बोर्ड परीक्षा में बेहतर परिणाम ला सके।
खानपान का ध्यान रखें
बोर्ड की परीक्षा के दौरान बच्चे को पौष्टिक भोजन दें, जिससे उनकेपाचन और स्वस्थ्य शरीर के लिए आवश्यक है। पौष्टिक भोजन मेंं फल, सब्जियां, नट्स, और प्रोटीन शामिल करना चाहिए। बच्चों को जंक फूड देने से बचना चाहिए। ये सेहत के लिए तो नुकसानदायक होता ही है, इसके अलावा एकाग्रता भी भंग करता है। इसके अलावा परीक्षा से ध्यान भटकाने वाले अन्य कारक भी है जिन पर ध्यान देना चाहिए। जैसे बच्चे के मोबाइल और सोशल मीडिया उपयोग को नियंत्रित करें। घर का माहौल ऐसा हो जहां वह पढ़ाई के लिए ध्यान केंद्रित कर सके और शांत वातावरण में मन लगा कर पढ़ सके।
प्रोत्साहित करें
बच्चा दबाव में तब आता है, जब माता पिता अपनी चिंता अत्यधिक जाहिर करते हैं, वो भी नकारात्मक तरीके से। उन पर दबाव बनाने के बजाए माता पिता को बच्चे को परीक्षा के लिए प्रेरित करना चाहिए। साथ ही बच्चे के छोटे-छोटे प्रयासों और उपलब्धियों की सराहना करें।परीक्षा को जीवन-मरण का प्रश्न बनाने की बजाय इसे एक सीखने का अवसर मानें।
नींद का ध्यान रखें
दिनभर पढऩ से बच्चा होनहार नहीं हो जाएगा। जरूरी है कि हर एक दो घंटे की पढ़ाई के बाद उसे 10-15 मिनट का ब्रेक मिले। इस ब्रेक में वह दिमाग को फ्रेश करें। शारीरिक गतिविधि करे ताकि उसके दिमाग को आराम और सेहत दुरुस्त रह सके। इसके साथ ही नींद बेहतर जरूरी है। बच्चे को कम से कम 7-8 घंटे की नींद लेने के लिए प्रोत्साहित करें।
योजना बनाने में मदद करें
बच्चे के साथ मिलकर एक प्रभावी टाइम टेबल तैयार करें। टाइमटेबल ऐसा हो ताकि पढ़ाई और आराम के बीच संतुलन बनाए रखा जा सके। कठिन विषयों को अधिक समय दें और पिछले साल के प्रश्न पत्र और महत्वपूर्ण टॉपिक्स की पहचान करें।
परिणाम को लेकर चिंता न करें
बच्चे को यह समझाएं कि मेहनत का परिणाम हमेशा सकारात्मक होता है। परीक्षा के बाद भी उसे यह भरोसा दिलाएं कि आपका प्यार और समर्थन उसके साथ है। परिक्षा में बेहतर अंक को भविष्य के लिए एकमात्र रास्ता न बनाएं।
मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें
इस बात का ध्यान रखें कि बच्चा मानसिक रूप से परेशान न हो। उसका उत्साहवर्धन करने का प्रयास करें। ऐसी बातें करें जो उसे उत्साहित करें ना कि निराश करें। जैसे तुम यह कर सकते हो और मैं तुम्हारे साथ हूं आदि बातें कहें। बच्चे की तुलना अन्य बच्चों से न करें।
रिवीजन पर ध्यान दें
बच्चे को समस्याओं को खुद हल करने की आदत डालें। जब बच्चा किसी प्रश्न में अटका हो, तब उसे मार्गदर्शन दें, लेकिन उसे पूरी तरह आप पर निर्भर न बनाएं।