भूख और प्यास बढ़ाने के लिए करें ये योगासन

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
अक्सर लोगों को भूख न लगने की शिकायत रहती हैं। भूख न लगना या कम लगना एक आम समस्या हो सकती है। इसके कई सामान्य कारण भी हो सकते हैं जैसे पाचन तंत्र की गड़बड़ी, तनाव, गलत खानपान या लाइफस्टाइल की वजह से भूख न लगना। लेमानसिक तनाव व चिंता भी भूख लगने की प्रक्रिया को प्रभावित करती है। किन्तु इसे लंबे समय तक नजरअंदाज करना गंभीर समस्या का कारण बन सकता है। भूख न लगने पर आप ठीक से कुछ खाते नहीं, इससे कमजोरी हो सकती है। शरीर में पौष्टिकता की कमी भी होने लगती है। वजन कम होने लगता है और कई स्वास्थ्य विकारों की संभावना रहती है। अगर आपको ठीक से भूख नहीं लगती या खाने की इच्छा कम होती है, तो योग इसका प्राकृतिक समाधान हो सकता है। कुछ विशेष योगासन पाचन तंत्र को सक्रिय कर भूख बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।

पवनमुक्तासन

इस आसन के अभ्यास से पाचन तंत्र को मजबूत रहता है। गैस, कब्ज और बदहजमी की समस्या को दूर होती है। पवनमुक्तासन भूख बढ़ाने में मदद करता है। जिन लोगों को पेट फूलना, बार-बार गैस पास होना या पेट में दर्द जैसी समस्याएं हैं उनके लिए पवनमुक्तासन काफी लाभदायक हो सकता है। पवनमुक्तासन के अभ्यास के लिए पीठ के बल लेटकर पैरों को सीधा रखें। दाएं पैर को मोड़ें और घुटने को छाती की ओर लाएं। दोनों हाथों से घुटने को पकड़ें और सिर को ऊपर उठाकर घुटने से मिलाएं। 20-30 सेकंड होल्ड करें और फिर दूसरी टांग से दोहराएं। हालांकि, पवनमुक्तासन से प्राप्त होने वाले स्वास्थ्य लाभ प्रमुख रूप से योगासन के तरीके और अभ्यासकर्ता की स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करते हैं।

भुजंगासन

भुजंगासन के अभ्यास से पेट की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। ये आसन लीवर और आंतों को सक्रिय करता है। भूख न लगने की समस्या को दूर करता है। भुजंगासन का अभ्यास करने के लिएपेट के बल लेटकर हाथों को कंधों के नीचे रखें। फिर सांस अंदर लेते हुए शरीर के ऊपरी भाग को उठाएं। सिर को ऊपर उठाकर आसमान की ओर देखें। इस स्थिति में 20-30 सेकंड तक रहें और फिर सामान्य अवस्था में लौट आएं। भुजंगासन करने से शारीरिक मुद्रा में सुधार होता है। आजकल बिगड़ती जीवनशैली में बॉडी पॉश्चर लगातार खराब हो रहा है, ऐसे में भुजंगासन लाभदायक हो सकता है।

वज्रासन

यह आसन पाचन में सहायक है। यह एकमात्र ऐसा आसन है जिसका अभ्यास भोजन के तुरंत बाद किया जा सकता है। भूख बढ़ाने के लिए वज्रासन का अभ्यास भी असरदार है। खाना खाने के बाद इसका अभ्यास करने से पाचन तेज होता है। वज्रासन गैस, एसिडिटी और अपच को दूर करता है। वज्रासन का अभ्यास करने के लिएघुटनों को मोडक़र पैरों के बल बैठ जाएं। रीढ़ को सीधा रखें और हाथ घुटनों पर रखें। इस मुद्रा में कम से कम 5-10 मिनट तक बैठें। इसके अलावा पिंडली की मांसपेशियों को कभी-कभी शरीर का दूसरा हृदय भी कहा जाता है, क्योंकि आपकी गतिशीलता पिंडली की मांसपेशियों की ताकत से निर्धारित होती है। वज्रासन आपकी पिंडली की मांसपेशियों को सक्रिय और मालिश करता है, आसन पैरों, टखनों और घुटनों को आराम देता है और उन्हें मजबूत बनाता है।

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