क्या आपको मालूम है सांप अपनी जीभ बाहर क्यों निकालते हैं?
सांप सबसे जहरीले जीवों में से एक हैं। लेकिन अगर वे अपनी जीभ बाहर निकाल लें तो और भी खतरनाक लगते हैं। आपने अक्सर सांपों को ऐसा करते हुए देखा होगा। लेकिन कभी सोचा है कि सांप या उसकी प्रजाति के जीव बार-बार अपनी जीभ बाहर क्यों निकालते हैं। आइए जानते हैं इसके पीछे का साइंस।
लाइव साइंस की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर कोई सांप बार-बार अपनी जीभ बाहर निकाल रहा है, तो इसका मतलब है कि वह अपनी जीभ की सहायता से बाहर का वातावरण ‘चख’ रहा है। यानी सूंघकर आसपास का माहौल पता करने की कोशिश कर रहा है। अपने आसपास के माहौल को बेहतर ढंग से समझने की कोशिश कर रहा है।
सांपों की सुनने और देखने की क्षमता काफी कमजोर होती है। उन्हें कोई आवाज बहुत अच्छे सुनाई नहीं देती। संपेरा जब सांप के आगे बीन बजाता है, तब उसे देखकर ही वह उस पर झपटता है। लेकिन उनमें गंध सूंघने की क्षमता जबरदस्त होती है। अपने आसपास के शिकारियों का पता लगाने के लिए सांप जीभ का इस्तेमाल करते हैं। इसी से उनकी गंध सूंघ लेते हैं। जब एक सांप अपनी जीभ हिलाता है, तो वह हवा में तैरते छोटे-छोटे नमी के कणों में मौजूद गंधों को इक_ा कर लेता है। इसके बाद वजह जीभ को जैकबसन नामक एक अंग में डालता है, जो सांप के मुंह के ऊपरी हिस्से में होता है। कांटेदार जीभ के कांटे जैकबसन के दो छिद्रों में पूरी तरह से फिट हो जाते हैं। जीभ जैसे ही इन कणोंं को इस अंग में डालती है, वहां मौजूद कुछ केमिकल इनके अणुओं से जुड़ जाते हैं। ये रिसेप्टर्स सांप के मस्तिष्क को संदेश भेजकर बताते हैं कि गंध चूहे की है या फिर किसी अन्य जीव की। गंध की व्याख्या करने वाली संवेदी कोशिकाएं भी होती हैं। यह अंग गिरगिट और इगुआना सहित कुछ छिपकली प्रजातियों में भी पाया जाता है। इसलिए वे भी बार-बार जीभ बाहर निकालते हैं।