प्रसव के लिए ऑन कॉल मौजूद होंगे डॉक्टर स्वास्थ्य केन्द्रों पर शुरू होगी सुविधा

स्वास्थ्य विभाग का अहम फैसला सिजेरियन के लिए ही ऑनकॉल की सुविधा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अहम कदम उठाया है। फस्र्ट रेफरल यूनिटों (एफआरयू) यानि कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों की व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जा रहा है। डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए ऑनकाल व्यवस्था की जाएगी।
नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) ने ऑनकाल डॉक्टरों को रखने की गाइडलाइन जारी कर दी है। इसके बाद उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण महानिदेशक को व्यवस्था को बेहतर तरीके से लागू करने के निर्देश दिये हैं। यूपी में हर साल लगभग 56 लाख प्रसव हो रहे हैं। मातृ शिशु मृत्युदर में कमी लाने के लिए संस्थागत प्रसव की व्यवस्था को और मजबूत करने की तैयारी है। इसमें डॉक्टरों की कमी अभी तक रोड़े अटका रही थी। फस्ट रेफरल यूनिटों में भी अब ऑनकाल डॉक्टर बुलाये जा सकेंगे। यूपी में 417 एफआरयू हैं। 149 में इलाज की सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। डॉक्टरों की कमी की वजह से कई एफआईआरयू सेंटर मरीजों को इलाज की सभी सुविधाएं नहीं मिल पा रही है इसलिए पुख्ता व्यवस्था बनाई जा रही है। ऑनकाल और फालोअप पर बुलाने के लिए अलग से मानदेय प्रदान किया जाएगा। खास बात यह है कि सिजेरियन के लिए ही ऑनकाल डॉक्टर बुलाया जाएगा। जिन एफआरयू में स्त्री रोग व एनस्थीसिया विशेषज्ञों की टीम नहीं होगी, वहां निजी क्षेत्र में कार्यरत विशेषज्ञ ऑनकाल बुलाए जा सकेंगे। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि एफआरयू इकाइयों में सिजेरियन की पुख्ता व्यवस्था से बड़े अस्पतालों में मरीजों का दबाव कम होगा। समय से गर्भवती महिलाओं को इलाज मिलने की राह आसान होगी। एफआरयू में आवश्यक दवायें और उपकरण आदि की व्यवस्था है।

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