केंद्र सरकार की वजह से बढ़ा बिजली शुल्क
आतिशी बोलीं- कोयले के दामों को बढ़ाने का हुआ असर
- भाजपा व कांग्रेस ने ठीकरा दिल्ली सरकार पर फोड़ा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। दिल्ली में बिजली महंगी होने जा रही है। इस पर हल्ला शुरू होगया है। दिल्ली मंत्री आतिशी ने केंद्र की मोदी सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही कहा कि जिन लोगों के बिजली के बिल जीरो आ रहे हैं, उनके बिल जीरो आते रहेंगे। बीएसईएस की अर्जी को मंजूरी देते हुए पॉवर परचेज एग्रीमेंट के आधार पर 10 फीसदी दर बढ़ाने की इजाजत दी है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में बिजली बिल बढ़ाने के लिए सिर्फ केंद्र सरकार का मिस्मनैजमेंट जिम्मेदार है और कोयले के दामों को बढ़ाया गया है। भारत में कोयले की कोई कमी नहीं है। फिर क्यों कोयले के दामों को बढ़ाया गया है। क्यों बिजली बनाने वाली कंपनियों पर महंगा कोयला खरीदने का दबाव बनाया जा रहा है।
वहीं बिजली दरों के बढऩे के बाद सियासत भी तेज हो गई है। भाजपा व कांग्रेस का इसका ठीकरा दिल्ली सरकार पर फोड़ा है। दूसरी तरफ सबसे कम अधिभार करीब 1.5 फीसदी टाटा पावर-डीडीएल क्षेत्र के लोगों पर पड़ेगा। इस क्षेत्र के उपभोक्ता को पीपीएसी 27.64 फीसदी की जगह 29.13 फीसदी देनी होगी। इसमें करीब 1.49 फीसदी की बढ़त है। इसके अलावा बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड क्षेत्र में पीपीएसी 6.39 फीसदी और नई दिल्ली नगर परिषद (एनडीएमसी) क्षेत्र में पीपीएसी 2 फीसदी तक बढ़ा दिया है।
नई बसें लाने का मिल रहा सिर्फ झूठा आश्वासन : बिधूड़ी
राजधानी दिल्ली में सार्वजनिक बसों की कमी को लेकर प्रदेश भाजपा ने चिंता जाहिर की है। विधानसभा नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा है कि आने वाले दिनों में राजधानी में लोग बे-बस हो जाएंगे। तर्क दिया है कि डीटीसी के बेड़ेे से इस साल 650 बसें हटने वाली हैं। क्लस्टर बसों को मिलाकर यह संख्या एक हजार के पार चली जाएगी।
दिल्ली सरकार के पास नई बसें लाने का सिर्फ झूठा आश्वासन पिछले कई साल से मिल रहा है। 100 इलेक्ट्रिक बसें आई हैं लेकिन खराबी के कारण वे भी मायापुरी डिपो में एक महीने से भी ज्यादा समय से धूल फांक रही हैं। बिधड़ी ने कहा कि राजधानी में इस समय कम से कम 12 हजार बसों की जरूरत है लेकिन आम आदमी पार्टी की अदूरदर्शिता और लापरवाही का नतीजा है कि पिछले आठ सालों में नई बसें लाने का कोई इंतजाम नहीं किया गया।