कोर्ट में सुनवाई के दौरान केजरीवाल ने उठाए ईडी की मंशा पर सवाल

नई दिल्ली। दिल्ली के शराब नीति घोटाले मामले में सीएम अरिवंद केजरीवाल की राउज एवेन्यू कोर्ट में आज पेशी हुई। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने केजरीवाल की पांच दिनों की ईडी रिमांड मंजूर कर दी अब केजरीवाल 1 अप्रैल तक ईडी की हिरासत में रहेंगे। सुनवाई के दौरान केजरीवाल ने अदालत में अपनी बातें रखीं और ईडी की कार्रवाई पर सवाल उठाए। कोर्ट में अरविंद केजरीवाल ने खुद भी अपनी दलीलें रखीं। उन्होंने मामले में आरोपी शरत रेड्डी की कंपनी द्वारा इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए बीजेपी की फंडिंग का मामला भी उठाया।

दरअसल, चुनाव आयोग द्वारा सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हाल ही में जो इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी सार्वजनिक की गई है, उसके मुताबिक बीजेपी को दिल्ली शराब नीति मामले में आरोपी शरत चंद रेड्डी की कंपनी अरबिंदो फार्मा ने 52 करोड़ रुपये का चंदा दिया है। रेड्डी को नवंबर 2022 में शराब नीति मामले में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद वह पिछले साल सरकारी गवाह बन गए थे। इसी मामले को भी केजरीवाल ने कोर्ट में हाईलाइट किया है। हालांकि, केजरीवाल ने कोर्ट में दिए अपने बयान में चंदे की रकम को 52 करोड़ की जगह 55 करोड़ बताया है।

केजरीवाल ने कोर्ट में सवाल पूछे कि किस आधार पर मुझे गिरफ्तार किया गया है। मेरी गिरफ्तारी का आधार क्या है? क्या एक शख्स का बयान मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करने के लिए काफी है? केजरीवाल ने कहा कि मैं जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हूं, लेकिन ईडी के हिसाब से नहीं। केजरीवाल के वकील ने कहा कि आरोपी को चुप रहने का अधिकार है। अगर वो किसी सवाल का जवाब नहीं देना चाहता तो खामोश रह सकता है। केजरीवाल ने कहा कि हम ईडी अधिकारियों को धन्यवाद देना चाहते हैं जो सहयोग कर रहे हैं। यह मामला ढाई साल से चल रहा है। केजरीवाल ने कहा कि वह कुछ कहना चाहते हैं। इस पर कोर्ट ने उन्हें बोलने की इजाजत दे दी। इसके बाद केजरीवाल ने कहा कि मैं आपको बताना चाहूंगा कि मेरा नाम क्यों आया। मुझे न तो गिरफ्तार किया गया और न ही किसी अदालत में मुकदमा चलाया गया। 31000 पेज दाखिल किए गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि मेरा नाम चार जगहों पर आया। आरोप ये है कि सी अरविंद (सिसोदिया के पूर्व सेक्रेट्री) ने मेरे घर पर सिसोदिया को दस्तावेज दिए। मेरे घर सैकड़ों लोग आते हैं। आप मुझे इस आरोप में गिरफ्तार कर सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि इसे लिखित में दें।

दूसरा मामला श्रीनिवासन का है, जो ट्रस्ट खोलने के लिए जमीन की बात करने के लिए मेरे घर आया था। हमने कहा आप प्रस्ताव दीजिए हम एलजी को देंगे, फिर ईडी ने श्रीनिवासन के घर पर छापा मारा और जब बेटा गिरफ्तार हुआ तो बात खत्म हो गई। जब श्रीनिवास अपना बयान बदलते हैं तो उन्हें जमानत मिल जाती है। ईडी का मकसद हमें फंसाना है। ईडी ने जो 25000 पन्ने दाखिल किए हैं, उनमें केजरीवाल के खिलाफ बयान दिया गया है, जो अनुकूल बयान नहीं है।

केजरीवाल ने आगे कहा कि राघव मंगुटा के सात बयान हैं, उनमें से 6 में मेरा नाम नहीं है, सातवें में जब वह मेरे खिलाफ बयान देता है तो उसे जमानत मिल जाती है। शराब घोटाले का पैसा कहां है? 100 करोड़ रुपये का आरोप लगाया जा रहा है। जस्टिस संजीव खन्ना का एक आदेश है, जिसमें कहा गया है कि ये संदिग्ध है। शरत रेड्डी के 9 में से 8 बयानों में मेरे खिलाफ रिश्वत की बात नहीं है। लेकिन 9वें बयान में जैसे ही वो मेरे खिलाफ बोलता है तो उसे जमानत मिल जाती है।

केजरीवाल ने आगे कहा कि ईडी की जांच के दो मकसद हैं। माहौल बनाना और ईडी की धमकी देकर पैसा इकट्ठा करना। शरत रेड्डी ने इलेक्टोरल बॉन्ड से 55 करोड़ रुपये का चंदा दिया। ईडी का उद्देश्य आप पार्टी को नष्ट करना और कुचलना है। शरत रेड्डी को 55 करोड़ रुपये का चंदा देने के बाद जमानत मिली थी। गिरफ्तार होने के बाद शरत रेड्डी ने बीजेपी को 55 करोड़ रुपये का चंदा दिया था। बॉन्ड की कॉपी हमारे पास है। उन्होंने कहा कि जांच का उद्देश्य पैसा वसूलना, AAP को कुचलना है। केजरीवाल ने कहा कि बॉन्ड की कॉपी कोर्ट को दें। जब तक ईडी मुझे अपनी हिरासत में रखना चाहती है मैं जांच के लिए तैयार हूं।

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