ईडी ने पूर्व MLA अंबा प्रसाद के इतने ठिकानों पर की छापेमारी, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच जारी
ईडी की यह छापेमारी मनी लॉन्ड्रिंग के एक बड़े मामले में पक्के सबूत जुटाने के मकसद से की गई है।

4पीएम न्यूज नेटवर्कः झारखंड की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने शुक्रवार (4 जुलाई) सुबह पूर्व विधायक अंबा प्रसाद और उनके पिता पूर्व मंत्री योगेंद्र साव से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की।
इस छापेमारी के दौरान उनके करीबियों के घरों और ठिकानों पर भी रेड की गई। ईडी की यह छापेमारी मनी लॉन्ड्रिंग के एक बड़े मामले में पक्के सबूत जुटाने के मकसद से की गई है। जांच एजेंसी को शक है कि इस मामले में अवैध रूप से पैसे की हेराफेरी की गई थी। यह कार्रवाई R.K.T.C. नामक कोल ट्रांसपोर्टिंग कंपनी में हुए कथित घोटाले और आर्थिक गड़बड़ियों के संदर्भ में की गई है। प्रवर्तन निदेशालय की टीम को उम्मीद है कि छापेमारी से जुड़े दस्तावेजों और साक्ष्यों के माध्यम से इस मामले में सख्त कार्रवाई करने का मौका मिलेगा।
जांच एजेंसी को यह भी शक है कि इस कंपनी के जरिए अवैध रूप से पैसों का हेरफेर किया गया है, जो कि मनी लॉन्ड्रिंग के तहत हो सकता है। यह मामले में कई हाई-प्रोफाइल राजनेताओं के शामिल होने की संभावना है, जो राज्य की राजनीति में सक्रिय हैं।
कहां-कहां हुई रेड?
ईडी ने रांची, हजारीबाग और बड़कागांव में कुल 8 जगहों पर एक साथ छापेमारी शुरू की. रांची के हरमू रोड स्थित किशोरगंज इलाके में भी एक टीम पहुंची. इसके बाद हजारीबाग के बड़कागांव में अंबा प्रसाद के करीबी लोगों के घरों और दफ्तरों पर रेड हुई.
किसके यहां हुई छापेमारी?
अंबा प्रसाद के निजी सहायक संजीव साव, उनके दूसरे करीबी सहयोगी मनोज दांगी, पंचम कुमार के बड़कागांव स्थित ठिकाने पर रेड की गई. बताया जा रहा है कि ईडी की यह रेड मनी लॉन्ड्रिंग केस में पक्के सबूत जुटाने के मकसद से की गई है.
राजनीतिक हलकों में हलचल
यह कार्रवाई ऐसे वक्त में हुई है जब झारखंड में कोयला ट्रांसपोर्ट और खनन से जुड़े मामलों को लेकर पहले से ही बवाल मचा हुआ है. इस रेड ने अंबा प्रसाद और उनके समर्थकों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं.