पुलिस हिरासत में सुरक्षाकर्मी की मौत मामले में सियासत, भाजपा और AIADMK ने स्टालिन सरकार को घेरा

तमिलनाडु के शिवगंगा जिले में पुलिस हिरासत में मंदिर के सुरक्षा गार्ड अजित कुमार की मौत के मामले में सियासत तेज हो गई है। विपक्षी दल भाजपा और एआईएडीएमके ने इस मुद्दे पर सीएम एमके स्टालिन और डीएमके सरकार को घेरा है। तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष नैनार नागेंथिरन और एआईएडीएमके के प्रवक्ता कोवई सत्यन ने पुलिस की हरकत पर सवाल उठाए हैं।
सचिवालय में बैठे व्यक्ति के आदेश पर हुआ अजित का अपहरण: भाजपा
तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष नैनार नागेंथिरन ने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था ठीक नहीं है। पुलिस मुख्यमंत्री के नियंत्रण में नहीं है। इसे सचिवालय में बैठे किसी व्यक्ति द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है। सचिवालय में बैठे किसी व्यक्ति के आदेश पर अजित कुमार का अपहरण किया गया। उन पर बेरहमी से हमला किया गया और हत्या कर दी गई।
उन्होंने कहा कि जहां तक अजित कुमार का सवाल है, बिना किसी एफआईआर और जांच के पुलिस ने उनका अपहरण कर लिया और उनकी हत्या कर दी। राज्य में यह सामान्य बात हो गई है। उन्होंने कहा कि नुंगमबक्कम पुलिस स्टेशन में भी बाल यौन शोषण की कुछ घटनाएं हुई हैं और उन्होंने कुछ पुलिस अधिकारियों का नाम लिया है। जिन पुलिस वालों को सुरक्षा देनी है, वे अपराध कर रहे हैं। मुख्यमंत्री सिर्फ माफी मांग रहे हैं।
हिरासत में हुई सुरक्षाकर्मी की हत्या: एआईएडीएमके
एआईएडीएमके के राष्ट्रीय प्रवक्ता कोवई सत्यन ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पुष्टि हुई है कि यह हिरासत में हुई हत्या है, हिरासत में मौत नहीं। उसके शरीर पर सिगरेट से जलने के निशान थे। उसके शरीर का एक भी अंग ऐसा नहीं था जो इस क्रूरता, अमानवीय और बर्बर कृत्य से अछूता रहा हो। पुलिस बल को इस तरह की अत्यधिक यातना और शक्ति का उपयोग करने की अनुमति किसने दी?
उन्होंने कहा कि हम ऐसे देश में रहते हैं जहां एक आतंकवादी को जेल में बिरयानी खिलाई जाती है जबकि तमिलनाडु पुलिस एक आम आदमी पर कानून अपने हाथ में लेती है। जबकि उसके खिलाफ शिकायत अभी भी साबित नहीं हुई है। शिकायत की विश्वसनीयता अभी बड़े सवालों के घेरे में है। शिकायतकर्ता का पैसे ठगने का इतिहास रहा है, कुछ समय पहले उसने डिप्टी सीएम के पीए का नाम लिया था, जो अब सामने आया है। उसके पिछले रिकॉर्ड पर क्लीन चिट नहीं है।
सत्यन ने कहा कि अजित कुमार कोई सीरियल अपराधी नहीं था और अपने परिवार का इकलौता कमाने वाला था। हमें देखना होगा कि क्या हुआ है? क्या सीएम स्टालिन में उन्हें और हिरासत में यातना और मौत के शिकार हुए 24 लोगों को न्याय दिलाने का साहस होगा?
क्या था मामला
मदप्पुरम भत्रकाली अम्मन मंदिर में सुरक्षा गार्ड के रूप में कार्यरत अजित कुमार को 27 जून को पुलिस ने 9.5 सोने के सिक्कों की चोरी के मामले में हिरासत में लिया था। कथित तौर पर उन्हें छह सदस्यीय विशेष टीम द्वारा हिरासत में लिया गया और हिरासत में बुरी तरह से प्रताड़ित किया गया, जिसके चलते उनकी मृत्यु हो गई। इस मामले मे तमिलनाडु में लोगों के बीच बड़ा आक्रोश पैदा कर दिया। मौत की खबर सामने आते ही स्थानीय लोगों और अजित कुमार के परिवार ने न्याय की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए।

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