राज्यसभा को गुमराह कर रहे शिक्षामंत्री: जयराम रमेश
खरगे ने उठाया था मुद्दा
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- धर्मेंद्र प्रधान के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस
- कांग्रेस ने लगाया एनसीईआरटी किताबों से प्रस्तावना हटाने का आरोप
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के खिलाफ राज्यसभा में विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया गया है। ये नोटिस कांग्रेस महासचिव और सांसद जयराम रमेश ने एनसीईआरटी (एनसीईआरटी) की किताबों से प्रस्तावना हटाने के मुद्दे पर दिया है। जयराम ने प्रधान पर राज्यसभा को गुमराह करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस नेता ने नोटिस में कहा,मैं राज्यसभा में प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियमों के नियम 187 के तहत शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के खिलाफ सदन को गुमराह करने का नोटिस देता हूं।
कांग्रेस सांसद जयराम ने कहा कि विपक्ष के नेता के जवाब में प्रधान द्वारा दिया गया बयान तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक है। उन्होंने नोटिस में कहा, धर्मेंद्र प्रधान का यह दावा तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक है। अपने तर्क के समर्थन में जयराम ने कक्षा 3 की पाठ्यपुस्तक लुकिंग अराउंड (पर्यावरण अध्ययन) नवंबर 2022 संस्करण, हिंदी की पाठ्यपुस्तक रिमझिम-3 नवंबर 2022 संस्करण और कक्षा 6 की पाठ्यपुस्तक हनीसकल दिसंबर 2022 संस्करण की प्रतियां संलग्न भी की। जयराम रमेश ने बुधवार को राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के बयान का उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने प्रस्तावना को हटाने का मामला उठाया था। मामले में शिक्षा मंत्री ने जवाब दिया कि हाल ही में कक्षा 6 की नई किताबों में भी प्रस्तावना है।
पीएम मोदी ने एससी-एसटी सांसदों को दिया भरोसा
अनुसूचित जाति (एससी) अनुसूचित जनजाति (एसटी) कोटे के उप-वर्गीकरण के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सियासी हलचल तेज है। इसी बीच एसटी/एससी समुदायों से संबंधित लोकसभा और राज्यसभा के भाजपा सांसदों ने संसद भवन में पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। सांसदों ने संयुक्त रूप से एसटी/एससी के लिए क्रीमी लेयर पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को लेकर एक ज्ञापन सौंपा और मांग की कि इस फैसले को हमारे समाज में लागू नहीं किया जाना चाहिए। पीएम ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह इस मामले पर गौर करेंगे। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के चिराग पासवान और रामदास अठावले ने भी विरोध जताया था। चिराग पासवान ने कहा था, उनकी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) इस फैसले के खिलाफ अपील करेगी।