चुनावी बॉन्ड आजाद भारत का सबसे बड़ा घोटाला: जयराम रमेश
पालघर। इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर विपक्ष पूरी तरह से सरकार पर हमलावर हो गया है। अब कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने चुनावी बॉन्ड को स्वतंत्र भारत का सबसे बड़ा घोटाला बताया है। साथ ही जयराम रमेश ने कहा है कि चुनाव आयोग द्वारा साझा किया गया डेटा अधूरा है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के खिलाफ नहीं है, लेकिन चुनाव प्रक्रिया में वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) का इस्तेमाल चाहती है ताकि मतदाता ये सुनिश्चित कर सके कि उनका वोट सही तरीके से डाला गया है।
जयराम रमेश महाराष्ट्र के पालघर जिले के वाडा में एक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी पिछले साल से मुख्या चुनाव आयुक्त से मिलने का समय मांग रही है, लेकिन अभी तक उन्हें मिलने का समय नहीं दिया गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने सवाल किया कि आखिर चुनाव आयोग विपक्षी दलों से मिलने से क्यों डरता है। चुनाव आयोग की वेबसाइट पर प्रकाशित चुनावी बॉन्ड के आंकड़ों का हवाला देते हुए रमेश ने कहा कि इसमें अधूरा विवरण दिया गया है।
जयराम रमेश ने कहा कि सूची में चार श्रेणियां हैं। पहली श्रेणी उनकी जिन्होंने चुनावी बॉन्ड खरीदे और सरकारी अनुबंध प्राप्त किए। दूसरी श्रेणी में वो हैं जिन्होंने जांच एजेंसियों की धमकी के कारण बॉन्ड खरीदे। तीसरी श्रेणी में वो लोग हैं जिन्होंने अनुबंध पाने के लिए रिश्वत के रूप में बॉन्ड खरीदे। चौथी श्रेणी में वो लोग हैं, जिन्होंने मुखौटा कंपनियों के माध्यम से खरीदारी की। उन्होंने कहा कि ये आज़ाद भारत का सबसे बड़ा घोटाला है। हमारे पास सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प है, हम जनता की अदालत में जाएंगे।