यूपी में स्वास्थ्य विभाग के आगे पूर्व सांसद भी लाचार

बेटे को नहीं मिला इलाज, बेड खाली न होने से गंवाई जान, अस्पताल के रवैये से इंसानियत शर्मसार

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। यूपी में स्वास्थ्य व्यवस्था इतनी लचर हो गई सत्तारुढ़ पार्टी के पूर्व सांसद के बेटे तक को बेड नहीं मिलने से जान से हाथ धोना पड़ गया। प्रदेश के सीएम व स्वास्थ्य मंत्री जब अपनी पार्टी के पूर्व सांसद की जान नहीं बचा रहे तो आम जान को क्या बचा पाएंगे। उधर इस घटना के बाद विपक्षी नेताओं ने योगी सरकार पर जोरदार हमला बोला है। सबसे बड़ी बात यह है कि यह मामला किसी जिला अस्पताल का नहीं प्रदेश के सबसे बड़े व विश्वस्तरीय अस्पताल पीजीआई का है।
दरअसल, पीजीआई में इलाज नहीं मिलने से बांदा के पूर्व भाजपा सांसद भैरों प्रसाद मिश्र के बेटे की मौत हो गई। गुर्दे की बीमारी से जूझ रहे बेटे प्रकाश मिश्र (42) को शनिवार रात वह गंभीर हालत में लेकर आए थे। इमरजेंसी में बेड नहीं खाली होने की बात कहकर प्रकाश को भर्ती नहीं किया गया। पूर्व सांसद बेटे को स्ट्रेचर पर लिटाकर करीब डेढ़ घंटे तक डॉक्टरों की मिन्नतें करते रहे। इसी बीच प्रकाश की सांस उखड़ गई। बेटे की मौत के बाद पूर्व सांसद इमरजेंसी में धरने पर बैठ गए। मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं। चित्रकूट निवासी भैरों प्रसाद मिश्रा बांदा संसदीय क्षेत्र से वर्ष 2014 में भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते थे। उनका बेटा प्रकाश गुर्दे की बीमारी से जूझ रहा था। प्रकाश का इलाज पीजीआई से ही चल रहा था। हालत बिगडऩे पर शनिवार रात करीब 11 बजे वह बेटे को लेकर पीजीआई की इमरजेंसी में पहुंचे। पर, वहां तैनात डॉक्टरों ने बेड खाली नहीं होने की बात कहकर भर्ती करने से इन्कार कर दिया।

पूर्व सांसद डॉक्टरों से मिन्नतें करते रहे

इमरजेंसी के अंदर पहुंचकर भी इलाज नहीं मिलने से प्रकाश की सांसें उखडऩे लगीं। बेटे की दशा देख पूर्व सांसद डॉक्टरों के आगे गिड़गिड़ाते रहे। मिन्नतें करते रहे। हाथ भी जोड़े। पर, डॉक्टर नहीं पसीजे। मरीज को हाथ भी नहीं लगाया। आखिर प्रकाश की स्ट्रेचर पर पड़े-पड़े ही मौत हो गई।

बनाई गई तीन सदस्यीय जांच कमेटी

निदेशक ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है। कमेटी में संस्थान के सीएमएस डॉ. संजय धीराज, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. वीके पालीवाल व इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. आरके सिंह को शामिल किया गया है। कमेटी सोमवार को जांच रिपोर्ट सौंपेगी। निदेशक ने कहा कि रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।

धरने पर बैठे मृतक के पिता

बेटे की मौत से आहत पूर्व सांसद इमरजेंसी में धरने पर बैठ गए। मामले की जानकारी पीजीआई प्रशासन को हुई। देर रात पीजीआई के निदेशक डॉ. आरके धीमन सीएमएस डॉ. संजय धीराज के साथ इमरजेंसी पहुंचे। पूर्व सांसद ने इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर (ईएमओ) पर बेटे को भर्ती नहीं करने का आरोप लगाया। निदेशक ने उन्हें दोषियों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद मिश्र धरने से उठे और शव लेकर घर चले गए। निदेशक ने इमरजेंसी में घटना के समय तैनात रहे ईएमओ, एपीआरओ समेत अन्य स्टाफ को तलब किया। उन्होंने इमरजेंसी में भर्ती मरीजों का ब्योरा भी तलब किया। सभी से पूछताछ के बाद निदेशक ने ईएमओ को फटकार भी लगाई।

भाजपा विधायक के बयान पर बवाल

किसानों के बीच न होते राकेश टिकैत तो होता एनकाउंटर: नंदकिशोर गुर्जर

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बागपत। लोनी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर का एक और विवादित बयान सामने आया है। उन्होंने तीन कृषि कानूनों के विरोध में एक साल तक चले आंदोलन के संदर्भ में कहा कि यदि भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत किसानों के बीच नहीं होते तो उनका एनकाउंटर हो जाता।
उन्होंने कहा कि मुगलों व अंग्रेजों के बाद टिकैत ने देश को गुलाम बनाने का काम किया था। एक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने कहा कि अगर तीनों कृषि कानून लागू रहते तो किसानों की जिंदगी बदल जाती। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिस बिल को लेकर आए थे उससे किसान आढ़तियों से मुक्त हो जाता। बीजेपी विधायक के अनुसार, राकेश टिकैत ने किसानों के साथ धोखा किया। उनको इतिहास में काले अध्याय के रूप में याद किया जाएगा। टिकैत ने खालिस्तानियों और आढ़तियों के साथ मिलकर जो कुकृत्य किया है, उसे देखते हुए आने वाले दो साल में किसान उन्हें गांव में घुसने नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि टिकैत ने खालिस्तान का झंडा फहराया, तिरंगा उतारा। देश को तीसरी बार गुलाम बनाया। बहन-बेटियों को उठाकर फेंका गया। इतना घृणित कार्य देश के इतिहास में किसी ने नहीं किया। अगर राकेश टिकैत किसानों के वेष में नहीं होते और किसानों के बीच में नहीं होते तो निश्चित रूप से उनका एनकाउंटर हो जाता।

बेंगलुरु के वीरभद्र नगर में भीषण आग से कई बसें जलकर हुईं खाक

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बेंगलुरु। बेंगलुरु में आज यानी सोमवार को वीरभद्र नगर के पास एक गैरेज में भीषण आगजनी की घटना सामने आई है, यहां गैरेज के पास कई बसों में लगी आग गई, जिससे कई बसें जलकर खाक हो गई, फिलहाल फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंच गई है और आग पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है।
आशंका जताई जा रही है कि आग वीरभद्र नगर के पास स्थित गैराज से शुरू हुई, इस घटना के कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है, इसके साथ ही अभी तक किसी के हताहत होने या घायल होने की खबर नहीं है। दमकल विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, बसें गैरेज में खड़ी थीं, हमारे दमकलकर्मी मौके पर हैं और आग बुझाने की कोशिश कर रहे हैं, आग लगने का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है। सोशल मीडिया पर इस घटना का फोटो और वीडियो सामने आया है. जिसमें पांच-छह बसें धू-धू करके जलती नजर आ रही हैं, वहीं, आग की तेज लपटों के साथ काले धुएं के गुब्बारे आसमान की तरफ उठते नजर आ रहे हैं।

स्कूल बस और वैन भिड़ी, चार बच्चों समेत पांच की मौत

बदायूं में हुआ दर्दनाक हादसा, कई घायल

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बदायूं। उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के म्याऊं थाना क्षेत्र में सोमवार सुबह दर्दनाक सडक़ हादसा हो गया, जिसमें स्कूल बस ड्राइवर और चार बच्चों की मौत हो गई। हादसे में 15 से अधिक बच्चे घायल बताए गए हैं। कई बच्चों की हालत गंभीर बनी हुई है। मृतकों की संख्या की बढ़ सकती है।
प्रारंभिक सूचना के मुताबिक, हादसा बच्चों को लेकर जा रही स्कूल बस और स्कूल वैन की टक्कर होने की वजह से हुआ है।
जानकारी मिलते ही डीएम मनोज कुमार और एसएसपी डॉ. ओपी सिंह प्रशासनिक अमले के साथ घटनास्थल पहुंच गए। डीएम ने बताया कि म्याऊं थाना क्षेत्र में स्कूल बस और वैन की टक्कर हुई है। हादसे में अभी बस चालक और चार छात्रों की मौत की पुष्टि हुई है। 16 छात्र घायल हैं। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायल बच्चों के बेहतर उपचार के लिए चिकित्सकों को निर्देश दिए गए हैं। वहीं, एक छात्रा को भी मृत घोषित कर दिया गया है। जवाहर नगला म्याऊं उसावां मार्ग स्थित सत्यदेव विद्या पीठ इंटर कॉलेज की बस और एसआर पब्लिक स्कूल गौतरा की वैन गांवों से बच्चों को लेकर जा रही थी। नवीगंज के पास स्कूल बस और वैन की तेज टक्कर हो गई। हादसा होते ही घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई। हादसे के बाद मौके पर लोगों की भीड़ जुट गई।

महाराष्ट्र में भडक़ी मराठा आरक्षण की आग

आंदोलनकारियों ने एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंके के घर को फूंका

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बीड (महाराष्ट्र)। महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का मुद्दा अब काफी गरमा गया है। इसकी चपेट से अब विधायक भी नहीं बच पाए हैं। मराठा आरक्षण आंदोलनकारियों ने बीड जिले में स्थित एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंके के आवास में आग लगी दी।
जानकारी के अनुसार, डिप्टी सीएम अजित पवार के गुट के विधायक प्रकाश सोलंके के घर पर आंदोलनकारियों ने पहले पथराव किया। इसके बाद उन्होंने आवास पर तोडफ़ोड़ करते हुए वहां आग लगा दी। विधायक प्रकाश सोलंके ने बताया कि जब उनके घर पर आंदोलनकारियों की भीड़ ने हमला किया। उस समय वह अपने घर के अंदर ही मौजूद थे। उन्होंने कहा कि इस घटना के दौरान मेरे परिवार का कोई भी सदस्य या कर्मचारी घायल नहीं हुआ। हम सभी सुरक्षित हैं, लेकिन आगजनी के कारण संपत्ति को नुकसान हुआ।

अयोग्यता पर फैसला लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को दी 31 दिसंबर की समय सीमा

महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक संकट पर सुप्रीम कोर्ट ने एक अभूतपूर्व कदम उठते हुए बड़ा फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर को 31 दिसंबर तक अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला लेने का स्पष्ट निर्देश दिया है, कोर्ट ने कहा,कि हम नहीं चाहते कि मामला अगले चुनाव तक लटका रहे। अगर स्पीकर सुनवाई नहीं कर सकते तो हम करेंगे। हमने बार-बार स्पीकर से फैसला लेने के लिए कहा है। महाराष्ट्र की सियासत में बड़ा दखल देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र स्पीकर के लिए समय सीमा तय कर दी है। सीएम एकनाथ शिंदे और उनके गुट के 33 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका पर 31 दिसंबर तक फैसला देने का निर्देश कोर्ट ने स्पीकर को दिया है। साथ ही एनसीपी मामले में 31 जनवरी तक फैसला करने का निर्देश दिया गया है।

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