डूबने की कगार पर फडणवीस सरकार!

बीजेपी के लिए महाराष्ट्र से आ रही बुरी खबर

  • 9 मंत्रियों ने अब भी नहीं संभाला कार्यभार
  • महाराष्ट्र में चल रहा है थ्रिल व सस्पेंस से भरपूर सियासी ड्रामा
  • वि_ल-रुक्मिणी मंदिर में दर्शन के दौरान डिप्टी सीएम अजित पवार की मां ने दिये परिवार में एकता के संकेत
  • शिवपाल-अखिलेश की तर्ज पर शरद पवार और अजित पवार में होगी सुलह

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। लगता है कि वर्ष 2025 बीजेपी के लिए सियासी मुसीबत वाला साल साबित होने जा रहा है। सियासत की दुनिया में दिल्ली के बाद बीजेपी को एक बड़ा झटका महाराष्ट्र में लग सकता है। जहां सरकार के गठन के एक माह बाद भी 9 मंत्रियों ने अभी तक पदभार नहीं संभाला है। वहीं उपमुख्यमंत्री अजित पवार की मां आशा पवार द्वारा पंढरपुर स्थित वि_ल-रुक्मिणी मंदिर में दर्शन के दौरान शरद पवार और अजित पवार के एकजुट होने की प्रार्थना ने भी सियासी सुनामी लाने का काम किया है। यदि अजित पवार और शरद पवार में एका हो जाता है तो यह समझने के लिए काफी है कि महाराष्ट्र में बीजेपी की सियासत का काम लग चुका है। भारतीय जनता पार्टी का हश्र भी यूपी जैसा होने जा रहा है जहां शिवपाल—अखिलेश यादव के एक साथ आने के बाद यूपी में बीजेपी ताश के पत्तों की तरह बह गयी। बीजेपी की तमाम कोशिशों के बाद भी सपा ने लोकसभा की 37 सीटें जीती थी।

कुछ मंत्री अपनी पसंद का विभाग नहीं मिलने से नाराज

सूत्रों के मुताबिक, कुछ मंत्री अपनी पसंद का विभाग नहीं मिलने से नाराज चल रहे हैं। हालांकि सीएम देवेंद्र फडणवीस अपना पदभार ग्रहण करने के बाद से लगातार काम में व्यस्त हैं। सीएम फडणवीस ने बाकायदा कैबिनेट मीटिंग बुलाकर निर्देश दिये थे कि जिन मंत्रियों ने अपना पद नहीं संभाला है, वह जल्दी से जल्दी अपना पदभार संभाल लें ।

अजित की मां ने मांगी मंदिर में जाकर दुआ

महाराष्ट्र की सियासत में मां की दुआ ट्रेंड कर रही है। डिप्टी सीएम अजीत पवार की मां ने मंदिर में दुआ मांगने के बाद पत्रकारों से बातचीत में मांगी गयी दुआ का विवरण सावर्जनिक कर दिया। अब आप बताइये कि क्या कभी मांगी गयी दुआ पब्लिक को बताई जाती है। यकीनन नहीं लेकिन डिप्टी सीएम की मां ने मांगी गयी दुआ का विवरण बताया और कहा कि वह चाहती है कि परिवार में एका हो। दुआ के बाद महाराष्ट्र की सियासत में अनिश्चितता बन गयी है। जहां एनसीपी के दो धड़ों के बीच फिर से मेल-मिलाप की संभावनाओं पर चर्चा हो रही है। अगले लोकसभा और विधानसभा चुनावों के मद्देनजर, अजीत और शरद पवार के एक होने से विपक्षी गठबंधन को मजबूत करने में मदद मिल सकती है। महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना सरकार और विपक्षी गठबंधन के बीच लगातार शक्ति परीक्षण चल रहा है। यदि शरद और अजीत पवार की राजनीतिक दूरियां घटती हैं, तो यह राज्य की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकता है।

महायुति का गड़बड़झाला

महाराष्ट्र में महायुति सरकार की गठन के पहले से शुरू हुईं मुश्किलें अभी तक खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। नतीजे आए एक महीने से अधिक का समय हो चुका है। लेकिन सरकार की मुश्किलें अभी भी बनी हुई हैं। सीट शेयरिंग से लेकर मंत्रिमंडल विस्तार होने तक महायुति में लगातार विवाद देखने को मिला। उम्मीद थी कि मंत्रिमंडल गठन के बाद महायुति में सब कुछ ठीक ठाक हो जाएगा। लेकिन अब कैबिनेट मंत्री पद को लेकर भी सरकार में खींचतान जारी है। नागपुर में विधानमंडल के शीतकालीन सत्र से पहले 25 नवंबर को 39 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई थी और सत्र खत्म होने के बाद इन मंत्रियों के विभागों की घोषणा की गई थी। लेकिन अभी तक नौ मंत्रियों ने मुंबई पहुंचकर पदभार ग्रहण नहीं किया है।

तय हो चुका है सियासी बंटवारा!

अजीत पवार और शरद पवार के बीच राजनीतिक बंटवारे पर सहमति बनने के बाद ही मां को आगे किया गया है और उनका बयान आया है। आज से पहले इस मुददे पर कभी मां ने कोई बात नहीं कि। सूत्रों की माने तो यह तय हो चुका है कि लोकसभा में अजीत पवार शरद पवार का समर्थन करेंगे ओर विधानसभा मे अजीत पवार एनसीपी को आगे ले जाएंगे। आशा पवार ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सभी विवाद खत्म होने चाहिए। अजित पवार और शरद पवार को एक होना चाहिए। उन्होंने अजित पवार की सभी इच्छाओं के पूरा होने के लिए भी भगवान से प्रार्थना की। आशा पवार का यह भावनात्मक बयान शरद पवार और अजित पवार के बीच बढ़ती दूरी को कम करने की पहल माना जा सकता है।

वर्शिप एक्ट याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार

  • एआईएमआईएम ने डाली है रिट, 17 फरवरी को बहस

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी की याचिका को कई मामलों के साथ टैग कर दिया – कुछ मामलों में पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 की वैधता को चुनौती दी गई, और अन्य इसकी वकालत की गई।
इसे सख्ती से लागू किया जाए। उस समय चल रहे मुकदमे के कारण अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद स्थल को छोड़कर, सभी पूजा स्थलों के धार्मिक चरित्र को संरक्षित करने के लिए अधिनियम बनाया गया था, जैसा कि वे 15 अगस्त, 1947 को थे। भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति पीवी संजय कुमार की पीठ ने निर्देश दिया कि ओवैसी की याचिका को अन्य मामलों के साथ टैग किया जाए और सुना जाए, जिन पर 17 फरवरी को सुनवाई होने की उम्मीद है।

शिवराज की चिट्टी पर भड़के केजरीवाल

  • बोले- कृषि कानूनों को दोबारा लागू करने की हो रही तैयारी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। दिल्ली में किसानों को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की चिट्टी  पर आप हमलावर है। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पंजाब में किसान कई दिनों से धरने और अनिश्चित अनशन पर बैठे हैं। इनकी वही मांगे हैं जो केंद्र सरकार ने तीन साल पहले मान ली थी लेकिन अभी तक लागू नहीं की।

इससे पहले शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को लिखी चि_ी में कहा है कि आप की सरकार किसानों के प्रति बेहद उदासीन है। किसानों के लिए आप की दिल्ली सरकार में कोई संवेदना नहीं है।

बीजेपी को इतना ज्यादा अहंकार क्यों है : आप संयोजक

शिवराज चौहान की इसी चि_ी के जवाब में दिल्ली के पूर्व सीएम केजरीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, बीजेपी सरकार अब अपने वादे से मुकर गई। बीजेपी सरकार किसानों से बात तक नहीं कर रही। उनसे बात तो करो। हमारे ही देश के किसान हैं। बीजेपी को इतना ज्यादा अहंकार क्यों है कि किसी से बात भी नहीं करते?

अमित मालवीय और मनोज तिवारी को संजय सिंह ने भेजा कानूनी नोटिस

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने गुरुवार को बीजेपी के सोशल मीडिया प्रमुख अमित मालवीय और सांसद मनोज तिवारी को कानूनी नोटिस भेजा। अमित मालवीय और मनोज तिवारी ने संजय सिंह पर एक से अधिक वोटर आईडी कार्ड रखने का आरोप लगाया था। इससे पहले आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि मेरी पत्नी ने 4 जनवरी को अपना नाम वहां से हटाने के लिए जिला निर्वाचन कार्यालय, सुल्तानपुर में एक आवेदन दायर किया है। मेरी मां और मेरे पिता का नाम मतदाता सूची में है- उनके अलावा, न तो मेरी पत्नी और न ही मेरा नाम मतदाता सूची में है।

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